दुबई, 27 मई, मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने वर्तमान में भारत के नंबर एक बल्लेबाज विराट कोहली की तारीफ करते हुए सीधे बल्ले से खेलना और अपनी तकनीक से समझौता किये बिना सभी तीन प्रारुपों की समीक्षा करने को ही उनकी सफलता का रहस्य करार दिया है। क्रिकेट का भगवान नाम से मशहूर सचिन ने कहा “विराट सीधे बल्ले से खेलते हैं और क्रिकेट के शानदार शॉट लगाते हैं। उनमें विशेष प्रतिभा है और वह अपने खेल पर कड़ी मेहनत भी करते हैं। उनके अनुशासन और प्रतिबद्धता का अनुसरण किया जाना चाहिये। वह अपनी तकनीक से समझौता किये बिना सभी प्रारुपों की समीक्षा करते हैं। इसके अलावा वह मानसिक तौर पर बेहद मजबूत हैं और दबाव की परिस्थितियों में भी बेहतर प्रदर्शन करते हैं।” भारत की टेस्ट टीम और आईपीएल की रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु टीम के कप्तान विराट लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। आईपीएल के मौजूदा सत्र में अपनी कमाल की कप्तानी में बेंगलुरु को फाइनल में पहुंचा देने वाले विराट टूर्नामेंट में अभी तक शीर्ष स्कोरर चल रहे हैं। बीत दिनों कई दिग्गजों ने विराट की तुलना सचिन से की है जिसपर विभिन्न मत हैं।
43 वर्षीय सचिन ने आईपीएल के मौजूदा सत्र में क्रिकेट की गुणवत्ता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा “आईपीएल में प्रतिस्पर्धा का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले कुछ सत्रों से नॉकआउट राउंड के लिए टीमों का फैसला तथा अंकतालिका में अंतिम स्थिति आखिरी मैचों तक हो रहा है। यह टूर्नामेंट के लिहाज से काफी बेहतर है क्योंकि रोचकता बनी रहती है।” सचिन ने टेस्ट प्रारुप के बारे में कहा “मेरा मानना है कि क्रिकेट में टेस्ट प्रारुप की अपनी अलग ही खूबी है। मेरा यह भी मानना है कि टेस्ट में गेंदबाजों के अनुरुप विकेट बनाई जानी चाहिये। अन्य सभी प्रारुप पूरी तरह से बल्लेबाजों का खेल ही बन कर रह गये हैं इसलिए टेस्ट क्रिकेट में यह समानता बनी रहनी चाहिये। टेस्ट को इस नाम से जाना ही इसलिये जाता है कि इसमें आपकी क्षमता, कौशल, स्वभाव और धैर्य की परीक्षा होती है। यह प्रारुप किसी भी क्रिकेटर के लिये चुनौतीपूर्ण बना रहेगा। मैं डे-नाइट टेस्ट के पक्ष में हूं। इसमें बदलाव से दर्शकों में भी रोमांच बना रहेगा।” इसके अलावा इंग्लैंड के एलस्टेयर कुक के दस हजार टेस्ट रन क्लब में शामिल होने पर सचिन ने कहा “बिल्कुल ताजी शुरुआत करना और नये खेल के लिये तैयारी करते रहना महत्वपूर्ण है। हो सकता है कि आपने अंतिम मुकाबले में शतक जड़ा हो लेकिन फिर भी यह अतीत ही है। आपको अपने कमजाेर क्षेत्रों में भी मेहनत करने की जरुरत है। गेंदबाज, कोच और सपोर्ट स्टाफ लगातार आपके बल्लेबाजी की समीक्षा करते हैं। कड़ी मेहनत और अनुशासन का कोई भी विकल्प नहीं है।”
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें