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सोमवार, 20 जून 2016

मुख्य रूटों पर मँहगा हो सकता है हवाई सफर

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नयी दिल्ली, 19 जून, नयी उड्डयन नीति तथा नागर विमानन नियमों में किये गये बदलावों के कारण मौजूदा मुख्य मार्गों पर हवाई सफर मँहगा हाे सकता है। नागर विमानन महानिदेशालय ने नागर विमानन नियमन (सीएआर) में बदलाव कर अधिकतम कैंसिलेशन शुल्क मूल किराये के बराबर करने तथा टिकट होने के बावजूद ओवर बुकिंग के कारण यात्रियों को बोर्डिंग से मना करने पर हर्जाना बढ़ाकर 20 हजार रुपये तक करने का प्रस्ताव किया है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि इन बदलावों से कंपनियाँ मूल किराया बढ़ाने पर विवश होंगी। बाजार सलाह कंपनी केपीएमजी के एयरोस्पेस और रक्षा के भारत प्रमुख अंबर दूबे का कहना है कि कंपनियाँ मूल किराये में बढ़ोतरी करके संभावित नुकसान की भरपाई करेंगी। कैंसिलेशन शुल्क कम होने से ऑफ सीजन के दौरान यात्रियों को आकर्षित करने के लिए सस्ते टिकटों के ऑफरों से नुकसान हो सकता है। क्षेत्रीय रूटों पर बेस फेयर कम रखना उनकी मजबूरी होगी, लेकिन मुख्य रूटों पर बेस फेयर बढ़ाकर वे इसकी भरपाई कर सकती हैं। श्री दूबे ने कहा “इससे 499 रुपये और 999 रुपये जैसे बहुत ज्यादा रियायती ऑफरों के तहत टिकट खरीदने वाले यात्रियों को फायदा होगा। यदि वे टिकट रद्द भी कराते हैं तो उन्हें मामूली शुल्क देना होगा। एयरलाइंस परिचालन राजस्व में होने वाले इस घाटे की क्षतिपूर्ति के लिए रियायती और गैर-रियायती सभी टिकटों के लिए मूल किराया बढ़ा सकती हैं।” हालाँकि, उन्होंने कहा कि इससे ऑफरों का दौर समाप्त नहीं हाेगा क्योंकि यह ऑफ सीजन में खाली जा रही सीटों का भरने का एक अच्छा माध्यम है। 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 जून को राष्ट्रीय नागर उड्डयन नीति, 2016 को मंजूरी दे दी। इसके तहत अन्य प्रावधानों के साथ क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत मेट्रो तथा बड़े शहरों से मझौले तथा छोटे शहरों की एक घंटे तक की उड़ान का अधिकतम किराया 2500 रुपये तय किया गया है। इससे एयरलाइंसों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए क्षेत्रीय हवाई अड्डों पर हवाई अड्डा शुल्क पूरी तरह माफ किया गया है। साथ ही यहाँ विमान ईंधन पर अधिकतम दो प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगेगा। इसके अलावा क्षेत्रीय हवाई अड्डों की सूची में शामिल हाेने के लिए जरूरी है कि राज्य सरकार पुलिस और अग्निशमन सेवा नि:शुल्क उपलब्ध कराये तथा विमान ईंधन पर वैट एक प्रतिशत से अधिक न/न हो। इसके अलावा मौजूदा मुख्य रूटों पर टिकटों की खरीद पर अतिरिक्त शुल्क भी लगाया जायेगा। बाजार शोध कंपनी क्रिसिल रिसर्च ने क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत अधिकतम किराया एक घंटे तक की उड़ान के लिए अधिकतम किराया 2500 रुपये करने की आलोचना करते हुये कहा “क्रिसिल रिसर्च का मानना है कि इससे क्षेत्रीय रूटों पर टिकटों की अधिकतम कीमत तय हो जायेगी जो सरकारी हस्तक्षेप और मूल्य नियंत्रण को देखते हुये एयलाइंसों के लिए नकारात्मक है।” उसका भी मानना है कि इससे अन्य मार्गों पर यात्रा महंगी होगी। हालाँकि, उसका कहना है कि सस्ते ईंधन के मद्देनजर साल दर साल आधार पर चालू वित्त वर्ष में किराया कम रह सकता है, लेकिन बाद में इसका बढ़ना तय है। 

अधिकतर विमान सेवा कंपनियों ने अभी इन बदलावों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। एयर एशिया ने कहा है कि क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत नये रूटों पर संचालन के लिए वह अपने बेड़े का आकार मौजूदा छह से बढ़ाकर जल्द ही 20 विमानों का करेगी। क्रिसिल और श्री दूबे दोनों ने ही विमान ईंधन (एटीएफ) पर अत्यधिक बिक्री कर के मसले पर नयी नीति की खामोशी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। क्रिसिल रिसर्च ने कहा कि एयरलाइंसों के परिचालन खर्च में एटीएफ का योगदान 30 प्रतिशत के करीब है। अलग-अलग राज्यों में एटीएफ पर बिक्री कर चार से 30 प्रतिशत के बीच है। इससे अधिकतर अन्य देशों की तुलना में देश में एटीएफ 30 से 35 प्रतिशत मँहगा है। उसने इसे क्षेत्र के लिए एक बड़ी चुनौती बताया। श्री दूबे ने एटीएफ के अलावा स्वतंत्र नागर विमानन प्राधिकरण के गठन, एयर इंडिया के निजीकरण, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को सूचीबद्ध कराने जैसे मुद्दों पर नयी नीति की चुप्पी पर भी चिंता जतायी। 

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