एनएसजी पर समर्थन के लिये विदेश सचिव की चीन की गुप्त यात्रा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


रविवार, 19 जून 2016

एनएसजी पर समर्थन के लिये विदेश सचिव की चीन की गुप्त यात्रा

foreign-secretary-makes-secret-visit-to-china-to-win-support-for-nsg-membership
नयी दिल्ली, 19 जून, आगामी 24 जून को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सोल में होने वाली पूर्ण सत्र की बैठक से पहले भारत की सदस्यता के दावे पर चीन का समर्थन जुटाने के मकसद से विदेश सचिव एस. जयशंकर ने बीजिंग की दो दिन की यात्रा की है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार श्री जयशंकर ने चीन के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत के लिये 16 एवं 17 जून को बीजिंग की यात्रा की। चीनी विदेश सचिव से उनकी बातचीत में सभी प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई जिनमें भारत की एनएसजी की सदस्यता का मुद्दा शामिल है। विदेश सचिव की चीन यात्रा को उनके लौटने तक गोपनीय रखा गया। 

श्री जयशंकर की एक माह में चीन की यह दूसरी यात्रा थी। वह राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के साथ बीजिंग गये थे। दक्षिण काेरिया की राजधानी सोल में 24 जून को होने वाली एनएसजी के पूर्ण सत्र की बैठक में भारत के आवेदन पर विचार किया जाना है। भारत की सदस्यता के विरोध की अगुवाई चीन कर रहा है और उसका कहना है कि अगर परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं करने के बावजूद भारत को इस समूह में जगह दी जाती है तो पाकिस्तान को भी एनएसजी में जगह दी जानी चाहिये। चीन का यह भी कहना है कि भारत की एनएसजी में सदस्यता से दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन बिगड़ेगा और टकराव के हालात बन सकते हैं। चीन का यह भी मानना है कि इस समूह में भारत की सदस्यता को अमेरिका एवं अन्य देशों का समर्थन चीन को नियंत्रित करने के एजेंडे का हिस्सा है।

कोई टिप्पणी नहीं: