झारखण्ड : शहरों की तरह अब गांव के रास्ते भी होंगे जगमग - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 11 जून 2016

झारखण्ड : शहरों की तरह अब गांव के रास्ते भी होंगे जगमग

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राँची,10 जून, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य के शहरों की तरह प्रदेश के सभी गांवों में स्ट्रीट लाईट लगाने की सरकार की योजना है। मुख्यमंत्री श्री दास ने आज यहां प्रोजेक्ट भवन स्थित सभाकक्ष में ‘‘राज्य में संचालित विभिन्न विकास योजनाओं पर आयोजित कार्यशाला’’ में कहा कि योजना बनाओ अभियान के तर्ज पर ही राज्य में 15 जून 2016 से पानी बचाओ, वृक्ष लगाओ अभियान की शुरूआत की जाएगी। सरकारी विभागों, स्कूल, काॅलेज, समाजिक संस्थाओं इत्यादि के द्वारा हरियाली का शपथ लिया जाएगा। ‘योजना बनाओ अभियान’ तथा जल-संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी की है। राज्य के विधायक कम से कम एक-एक सरकारी स्कूल को गोद लेंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री ने सभी माननीय विधायकों का आह्वान किया। मरीजों की मदद के लिए अस्पतालों में सहायता केन्द्र खोले जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि मुखिया के सहयोग/कार्यों के प्रबंधन के लिए 18 जुलाई तक पंचायत सचिवालय का गठन कर लिया जाएगा। राज्य के विकास में आधारभूत संरचना महत्वपूर्ण है। राज्य में बिजली,सड़क कनेक्टिवीटी इत्यादि को बेहतर बनाने के लिए सरकार प्रयासरत है। गुणवत्तापूर्ण सड़क का जाल बिछाना सरकार की प्राथमिकता है। लोक सेवा आयोग एवं कर्मचारी चयन आयोग में परीक्षा के लिए जनजातीय भाषा का पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। जिलावार नियुक्ति की प्रक्रिया भी शीघ्र प्रारम्भ की जाएगी। 

मुख्यमंत्री ने कार्यशाला में उपस्थित सभी विधायकों से कहा कि उनके क्षेत्र में जहां पर अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग के लिए आवासीय विद्यालय की आवश्यकता है तो सूचित करें। इस संबंध में भारत सरकार के कल्याण मंत्रालय से उनकी वार्ता हुई है। विकास कार्यों में बिचौलिया को समाप्त करने एवं कार्यप्रणाली में कमियों को दूर करने के लिए सरकार प्रयासरत है। वर्ष 2019 तक झारखंड पूरे देश में विकास का रोल माॅडल होगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में न्यायपालिका,विधायिका,कार्यपालिका एवं चौथे स्तम्भ के तौर पर मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इन चारों के आपसी समन्वय से ही राज्य की विकास योजनाओं को तीव्र गति प्रदान की जा सकती है। योजनाओं का लाभ समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्तियों तक पहुंचाया जा सकता है। विधायिका को सकारात्मक सोंच के साथ जनहित के कल्याण हेतु अपनी महती भूमिका निभानी होगी। आपसी ताल-मेल से योजनाओं का कार्यान्वयन करने की आवश्यकता है। 

मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि विधायिका एवं कार्यपालिका में टकराव की स्थिति नही होनी चाहिए। जानकारी के अभाव में कुछ भ्रांतियां उत्पन्न होती हैं, जिससे राज्य के विकास में बाधा हो सकती है इसीलिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कार्यशाला के माध्यम से विधायिका एवं कार्यपालिका को विभिन्न योजनाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त होगी एवं उसे पूरा करने में मदद मिलेगी। कार्यपालिका द्वारा किए जा रहे कार्यों का विधायिका द्वारा निरी क्षण किया जा सकेगा एवं उनका सुझाव भी प्राप्त होगा। जनप्रतिनिधि का दायित्व है कि क्षेत्र में जनता की भागीदारी को सुनिश्चित करते हुए विकास कार्यों को धरातल पर उतारें। विकास योजनाओं को टोला-गांव-मुहल्ले तक ले जाएं। श्री दास ने कहा कि समयबद्ध, पारदर्शी एवं गुणवत्तापूर्ण विकास कार्य के लिए सरकार कटिबद्ध है। बजट की शत-प्रतिशत राशि खर्च कर योजनाओं को समय पूरा करने होंगे तभी इसका पूरा फायदा राज्य की जनता को मिलेगा। वित्तीय प्रबंधन अच्छा होनी चाहिए, ताकि सरकार की योजना सही तरीके से पूरी हो। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. दिनेश उरांव ने कहा कि विधायिका व कार्यपालिका में समन्वय को लेकर आयोजित बैठक से अच्छा संदेश जायेगा। राज्य में चल रही विकास योजनाओं में काफी प्रगति दिखाई दे रही है। इनके क्रियान्वयन में पारदर्शिता का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि विकास योजनाओं के चयन व क्रियान्वयन में संबंधित क्षेत्र के विधायक की भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए। अगर इसके लिए प्रावधानों में संशोधन की जरूरत हो तो यह काम यथाशीघ्र और अवश्य किया जाना चाहिए। डॉ. उरांव ने कहा कि राज्य के विकास के लिए आय के स्त्रोतों को भी बढ़ाना होगा। 

मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन प्रदेश मुख्यालय तक ही सीमित नहीं होगा बल्कि मुख्यमंत्री के निदेशानुसार पंचायत स्तर तक इस प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन होगा। सरकार अगले तीन महीने,छह महीने, एक साल और तीन साल के विकास का रोड मैप तैयार कर रही है। राज्य के विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव अमित खरे ने कहा कि सरकार का प्रयास रहा है कि समय पर बजट बने, योजना बने और उसका क्रियान्वयन भी समय पर हो। हमें समय पर योजनाओं को पूर्ण करने में सभी का सहयोग चाहिए। विधायिका का सहयोग और सुझाव योजनाओं के क्रियान्वयन को गुणवत्तापूर्ण और जनोपयोगी बनाने में मददगार साबित होगा। कार्याशाला में कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, स्कूली शिक्षा, जल संसाधन, कृषि विभाग, ग्रामीण विकास, नगर विकास विभाग सहित कई महत्वपूर्ण विभाग का प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया गया। 

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