झारखंड सरकार पर जबरन भूमि अधिग्रहण का आरोप - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 31 जुलाई 2016

झारखंड सरकार पर जबरन भूमि अधिग्रहण का आरोप

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रांची, 30 जुलाई, झारखंड के प्रमुख विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर भूमि अधिग्रहण कानून की अनदेखी कर जबरन जमीन अधिग्रहण का आरोप लगाया है और इसके खिलाफ चार अगस्त को हजारीबाग के बड़कागांव में सैकड़ों भू.रैयतों के साथ गिरफ्तारी देने की घोषणा की है। झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के के डी सिंह और जदयू के पवन पांडेय ने आज झाविमो कार्यालय में आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में सामूहिक आंदोलन चलाये जाने की घोषणा की। श्री मरांडी ने कहा कि हजारीबाग के बड़कागांव में एनटीपीसी द्वारा ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जाना है, इसके लिए जबरन भूमि अधिग्रहण की कोशिश के खिलाफ वर्ष 2004 से अब तक क्षेत्र के भू.रैयत संघर्षरत है। उन्होंने कहा कि विस्थापितों के आंदोलन को कुचलने के लिए कई बार एनटीपीसी ने पुलिस, प्रशासन एवं आसामाजिक तत्वों की मदद से ग्रामीणों पर लाठीचार्ज कराया। पिछले दिनों विरोध प्रदर्शन कर रहे विस्थापितों की जमकर पिटाई की गयी यहां तक कि महिलाओं को भी निर्मम तरीके से पीटा गया। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का हाल जानने के लिए 24 जुलाई को वह पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, राजद के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा और कुछ अन्य नेताओं के साथ बड़कागांव पहुंचे जहां एनटीपीसी ने उन सभी के अलावा 450-500 अज्ञात ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया। 


श्री मरांडी ने कहा कि जब मामला दर्ज करा दिया गया है, तो वह सभी ग्रामीणों के साथ चार अगस्त को बड़कागांव थाना पहुंचेंगे और पुलिस-प्रशासन को अपनी कार्रवाई करने का आग्रह करेंगे। झाविमो प्रमुख ने कहा कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र और राज्य सरकार बात गरीबों की करती है, लेकिन काम पूंजीपतियों के लिए करती है। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस-प्रशासन द्वारा उन्हें गिरफ्तार किया जाता है तो वे सभी जमानत नहीं लेंगे। राजद के प्रदेश अध्यक्ष श्री राणा ने आरोप लगाया कि राज्य में अघोषित आपातकाल लागू है और पुलिस-प्रशासन की मदद से दहशत फैलाने की कोशिश हो रही है, भू.रैयतों की आवाज को दबाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि बड़कागांव के लखीन्द्र ठाकुर समेत अन्य के नेतृत्व में आंदोलन चलाया जा रहा है। उन्हीं के बुलावे पर वे सभी 24 जुलाई को बड़कागांव में ग्रामीणों से मिलने पहुंचे थे लेकिन एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी इसलिए अब चार अगस्त को वे सभी गांधीवादी तरीके से बड़कागांव थाने जाएंगे। उन्होंने बताया कि किसानों एवं भू रैयतों के संघर्ष में वे सभी जेल जाने को तैयार है। पूर्व मंत्री केंद्रीय श्री सहाय ने कहा कि 2004 से 2016 के बीच भूमि अधिग्रहण के लिए एक बार भी ग्राम सभा की बैठक नहीं बुलायी गयी, एक बार उपायुक्त के चेंबर में बैठक बुलायी गयी, जिसका पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने विरोध किया तो उनकी पिटाई की गयी और विरोध प्रदर्शन के कारण ही उनकी पत्नी एवं विधायक निर्मला देवी समेत अन्य पर कई केस दर्ज कर दिये गये है जबकि योगेंद्र साव पर सीसीए लगाने के बाद उन्हें जिलाबदर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि जबरन भूमि अधिग्रहण के कारण बड़कागांव ही नहीं बल्कि चांडिल एवं संथाल परगना के कई इलाके में भी ग्रामीण संषर्घरत है। कांग्रेस विधायक दल के नेता श्री आलम ने कहा कि पार्टी विस्थापितों के संघर्ष के साथ है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में ही वर्ष 2013 में नया भूमि अधिग्रहण कानून केंद्र में आया लेकिन राज्य सरकार इसका भी पालन नहीं कर रही है। 

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