बेगुसराय (बिहार) की खबर (09 सितम्बर) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 13 सितंबर 2016

बेगुसराय (बिहार) की खबर (09 सितम्बर)

दबंगों के सामने इन्साफ नहीं दिला सकी प्रशासन

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अरुण कुमार,मटिहानी,बेगुसराय। ज़मीनी विवाद को लेकर आये दिनों शहर में आपराधिक घटना इतनी तेजी घट रही है इसके लिए सौ फीसदी पुलिस और प्रशासन ज़िम्मेदार है इस बात का प्रत्यक्ष गवाह है यह घटना।जिला मुख्यालय के दक्षिणी द्वार पर आमरण अनशन पर बैठे दोनों भाई बहन से कारण पूछने पर रश्मि रंजन बताती हैं की मैं जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता और अवमानना से पीड़ित होकर तथा कथित दबंगों के द्वारा गोली खाकर मारने से बेहतर है जिला प्रशासन की चौखट पर मारना मुनासिब समझती हूँ इसीलिए आज से मैं यहाँ आमरण अनशन पर दोनों भाई-बहन बैठी हूँ।उन्होंने बताया कि बेगुसराय न्यायालय दीवानी वाद नम्बर 264/07 में मेरे स्वर्गवासी  चाचा  विश्वनाथ साह ने मेरी माँ कमला देवी एवं चाचाओं के खिलाफ जमीनी मामला दर्ज कराया था, जिसमें मेरी माँ प्रतिवादी न• 03 है।मेरी माँ ने न्यायालय में मुकद्दमा  चलने के दौरान ही पूर्व से जिस मकान में रह रहे थे,उसके पीछे बची हुई खाली जमींन  पर अस्थाई हॉल निर्माण करने हेतु दिनांक 27 अगस्त 12 को आवेदन दिया।न्यायालय ने सभी पक्षकारों के सुनने के पश्चात दिनांक 07 जनवरी 13 को आवश्यक्तानुसार अस्थाई हॉल के निर्माण हेतु आदेश पारित कर दिया। 
जब न्यायालय के आदेश के आलोक में हॉल निर्माण कार्य प्रारम्भ किया तो वादी एवं वादी के सातो पुत्र एवं प्रतिवादी न• 1 उदित साह के मेल में आकर रतनपुर ओ•पी• के थानाध्यक्ष अजय कुमार अजनवी ने उक्त स्थल पर निर्माण कार्य को रोककर 144 द•प्र•स• एवं 107 द•प्र•स• दिनांक 19 जनवरी 2013 को लगा दिये।जब 144,107 द•प्र• स•वाद समाप्त हुआ तो पुनः अर्द्धनिर्मित मकान में निर्माण कार्य प्रारम्भ किये तो फिर सहायक थानाध्यक्ष पवन कुमार सिंह ने निर्माण कार्य को रुकवाकर 107 द•प्र•स• दिनांक 10 जुलाई 2014 को लगा दिये,तथा ज्ञापांक 339/14 के तहत दिनांक 03 नाव्म्बर 2014 को न्यायालय में आवेदन देकर न्यायालय से स्पष्टीकरण माँगा।जिसे न्यायालय ने दिनांक 16 अप्रिल 2015 को पुनः सभी  पक्षकारों को सुनने के पश्चात अस्थाई हॉल निर्माण हेतु लिंटर के ऊपर निर्माण कर एसवेस्टस का छप्पर खिड़की एवं किवाड़ लगाने का आदेश पारित किया। दिनांक 16 अप्रिल 2016 न्यायालय द्वारा पारित आदेश के आलोक में हॉल निर्माण कार्य प्रारम्भ किया तो ,रतनपुर सहायक थानाध्यक्ष श्री अमित कुमार वादी के मेल में आकर निर्माण कार्य करने में उक्त स्थाल पर शान्ति व्यवस्था कराने हेतु कोई कार्यवाही ही नहीं किये,तो इसकी शिकायत मेरा भाई प्रियरंजन गुप्ता ने दिनांक 21 एप्रिल 16 को पुलिस अधिक्षक महोदय से मिलकर उक्त स्थल पर शान्ति-व्यवस्था हेतु न्याय की गुहार लगाईं।जिस पर पुलिस अधीक्षक महोदय ने पत्रांक 1089,दिनांक 21 एप्रिल 16 को उक्त आवेदन पर आवश्यक कारवाई करने हेतु ,रतनपुर सहायक थाना भेज दिए लेकिन रतनपुर सहायक थानाध्यक्ष ने उक्त स्थल पर शान्ति व्यवस्था कायम न करके और 107 द•प्र•स•लगा दिए।तब मैं रश्मि रंजन,माननीय सबजज द्वारा पारित आदेश के आलोक में दिनांक 7 जनवरी 2013 और 16 अप्रिल 2015 को अनुमण्डल दण्डाधिकारी महोदय को दिखाया तो अनुमण्डल दण्डाधिकारी ने मेरे ऊपर हो रहे अन्याय को समझते हुए न्यायालय के आदेश के आलोक में उक्त स्थल पर शान्ति व्यवस्था हेतु दिनांक 13 जुलाई 2016 को पत्रांक 495 के द्वारा पुलिस कप्तान से,पुलिस फ़ोर्स की प्रतिनियुक्ति की माँग की थी तथा उक्त पत्र में ही दण्डाधिकारी के रूप में श्री रामदेव साहू,प्रभारी अंचल निरीक्षक बेगुसराय को प्रतिनियुक्त किये।मैं पुलिस प्रशासन की शुल्क 48236 रूपये मात्र,पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जमा कर रसीद प्राप्त किया।दिनांक 19 जुलाई 16 को दण्डाधिकारी एवं 42 पुलिस फ़ोर्स की मौजूदगी में उक्त स्थल पर पुनः निर्माण कार्य प्रारम्भ किया।बाँस एवं पाइप  को नारियल की डोरी से बाँधकर एसवेस्टस पर चढ़कर कांटी ठोकता,लिंटर देकर दीवाल जोड़ता और दरवाजा लगाता तभी प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी को अपने पक्ष में लेकर वादी के सभी पुत्र उक्त स्थल पर निर्माण कार्य को रुकवा कर दवंगई करने लगे।प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी एवं 42 पुलिस फ़ोर्स के रहने के बावजूद भी वे लोग कार्य रुकवा दिए और पुलिस फ़ोर्स जो कि 42 के संख्याँ में थे मात्र तमाशबीन बने रह गए और अंत में हार कर यह कहकर कायरों की तरह चले गए की हमें अनुमंडलाधिकारी का फोन आया है वो हमे वहीं बुला रहे हैं।यह कहते हुए रणछोड़ प्रभारी रामदेव साहू मैदान छोड़कर चले गए।जिसके कारण लाखों रूपये की क्षति हुई तथा एसवेस्टस नीचे आधा ऊपर आधा नीचे लटकते रह गया जिसके कारण कभी भी हवा के तेज झोंकों के कारण गिरने से कोई भी  छोटी बड़ी घटनाओं की सम्भावना बानी हुई है। इन दबंगों (वादी के सातो पुत्र एवं प्रतिवादी नम्बर 01 उदित साह के आगे जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन और न्यायालय की भी बात नहीं चल पा रही है।जहाँ कानून की ही कोई मान्यता नहीं तो मैं थक हारकर यहीं प्रशासन के दहलीज पर हम दोनों भाई-बहन दम तोड़ने का फैसला लेते हुए यहाँ आमरण अनशन पर बैठने पर विवश हो कर मरने बैठे हैं क्योंकि हमें लड़ने की क्षमता नहीं,और मैं या मेरे परिवार का कोई भी सदस्य आपराधिक  गतिविधि से दूर ही रहना पसन्द करते हैं मर जाएंगे इन्साफ के आभाव में मगर अपराध को परिश्रय नहीं देंगें।जब सारे प्रशासनिक तंत्र ने दबंगों के आगे घुटने टेक दिया तो मेरी क्या बिसात इसलिए हम दोनों भाई बहन ने प्रशासन के सामने अपने प्राण त्यागने की बात सोचकर यह क़दम उठाया है।

अपराधियों के मंसूबे पर फिरा पानी

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अरुण कुमार,मटिहानी,बेगुसराय। पुलिस,प्रशासन के हाथ लम्बे होते हैं ये सच है, परंतु ये सच तब है जब प्रशासन अपनी सूझ-बुझ के साथ निर्भिकता पूर्वक कार्य करे,जैसा कि पुलिस कप्तान रंजीत कुमार मिश्र और इनकी टीम ने जिस तरह से अपनी डियूटी,मात्र डियूटी नहीं अपना फ़र्ज़ समझ कार्य को अंज़ाम दे रहे हैं ऐसा ही प्रत्येक प्रान्त और जिले के अधिकारी अपना कार्य करें तो अपराध में काफी कमी आएगी।पुलिस बल के सहयोग से तीन ऐसे अपराधियों को धर दबोचा जिसके ऊपर कई आपराधिक मामले थाने में दर्ज़ हैं।घटना उस वक्त की है,जब अनोज कुमार के घर पर कुछ अपराधी जमा होकर किसी बड़े घटना को अंजाम देने के लिए योजना बना रहे थे।इस बात की सूचना पुलिस कप्तान तक पहुँची और त्वरित कार्यवाई के लिए एक टीम गठित कर विशनपुर चाँदनी चौक स्थित अनोज कुमार के घर छापामारी किया गया,छापामारी के दौरान अनोज कुमार के घर से कुछ लोग भागने का प्रयास करने लगे जिन्हें पुलिस बल के सहयोग से पकड़ लिया गया।पकड़ाये गए अभियुक्तों में अनोज कुमार, पे• स्व• रमेश प्रसाद,सा• विसनपुर चाँदनी चौक,वार्ड न• 44,पो• मिर्जापुर वनद्वार,थाना नगर,जिला बेगुसराय।,अवधेश कुमार,पे•स्व• अरुण यादव,सा• रघुनाथपुर,वार्ड न• 06,थाना,एस कमाल,जिला बेगुसराय,कार्तिक कुमार,पे• आमिर महतों,सा• विशनपुर,थाना नगर  जिला बेगुसराय के पास से एक   9 एम् एम् की एक देशी पिस्टल,एक कृपाण (छुरा) 7.65 का 6 ज़िंदा कारतूस एवं 315 का 3 जिंदा गोलयों के साथ उक्त तीनो अपराधियों को पुलिस अपने कब्जे में ले लिया।अभियुक्त अनोज कुमार का अपराधिक इतिहास,नगर थाना काण्ड सं• 41/15 दिनांक 22.1.15,धारा 341/504/387/307/34 भा•द•वि• एवं27 आर्म्स एक्ट। नगर थाना काण्ड सं• 42/15 दिनांक 22.1.15 धारा-25(1-बी)ए/26 आर्म्स एक्ट। नगर थाना काण्ड सं• 161/15 दिनांक 12.05.12 धारा-307/326/34 भादवि
एवं 27 आर्म्स एक्ट।काण्ड में परोवर्तित धारा-302 भादवि•।छापामारी में शामिल पुलिस पदाधिकारी/जेड मोबाइल कर्मियों का। नाम:- 
पु•नि• सह थानाध्यक्ष मो•अली साबरी.नगर थाना। अ•नि•यशोदानन्द पाण्डेय, नगर थाना  
अ•नि• रंजन सिंह.नगर थाना ,अ•नि• वीरभद्र। सिंह   नगर थाना। स•अ•नि•संजय कु•सिंह। 
सि•सं• 668  धर्मेन्द्र राम नगर थाना। 
सि•सं• 39 विद्यानन्द कामद,नगर थाना। 
सि•सं• 120 विश्वनाथ प्रसाद चंद्रवंशी,नगर थाना।सि•सं• 679 आमिर आलम नगर थाना। सि•सं• 36 मनोहर कुमार थे।

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