उत्तर प्रदेश : यूपी में चुनावी तोहफों की बारिश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 31 दिसंबर 2016

उत्तर प्रदेश : यूपी में चुनावी तोहफों की बारिश

देश का सबसे बड़ा सूबा यूपी में 2017 में विधानसभा चुनाव होने को है। चुनाव से पहले जनता के बीच सत्ता पक्ष लोकलुभावन घोषणाओं के साथ-साथ विकासरुपी योजनाओं की सौंगात दे रही है तो विपक्षी पार्टियां केन्द्र व प्रदेश सरकार की खामियां गिना रही है। इसी कड़ी पीएम नरेन्द्र मोदी ने काशी को 221 करोड़ रुपये वाली योजनाओं का शिलान्यास किया तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लोकभावन बजट पेश करते हुए अखबारनवीसों को लाखों करोड़ के विज्ञापन सिर्फ इसलिए दी है कि चुनाव में उनकी गुंडागर्दी व भ्रष्टाचार की पोल ना खुले 




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बेशक, यूपी में विधानसभा चुनाव ज्यों-ज्यों नजदीक आ रही है केन्द्र व प्रदेश सरकार को चुनाव जीतने की चिंता सताने लगी हैं। नोटबंदी के बाद पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जहां विपक्षियों पर हमला कर उनके एक-एक सवाल का मुंहतोड़ जवाब दिया, वहीं 221 करोड़ वाली कैंसर अस्पताल समेत कई योजनाओं का शिलान्यास कर जनता को बताने की कोशिश किया कि वह अपने वादे के मुताबिक बनारस समेत पूरे यूपी के विकास के लिए संकल्पित हैं। तो वहीं अखिलेश सरकार ने शिलान्यास व लालीपापरुपी घोषणाओं की झड़ी लगा दी है। चुनाव से ठीक पहले पिछड़ी जातियों को गुमराह करने के लिए उन्हें आरक्षण का झुनझुना भी पकड़ा दिया है। इसके लिए अखिलेश सरकार ने 17 अति पिछड़ी जातियों को दलित कोटे में शामिल करने का प्रस्ताव कैबिनेट से पास कर केंद्र के पास भेजा है, तो 23 दिसम्बर को एटा में 52 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की बिजली परियोजनाओं की सौगात देने जा रहे हैं। हो जो भी इन घोषणाओं का असर तो चुनाव परिणाम में दिखेगा, लेकिन जनता अभी से सपा के काले कारनामों व मोदी के नोटबंदी का नफा-नुकसान का गणित समझने में जुट गयी है। 

हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र को इसके पहले भी एक से बढ़कर एक सौगात दी है। उन्होंने बड़ी-बड़ी योजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन आदि किया है। जयापुर व नागेपुर ही नहीं जनपद के सभी गांवों के विकास का खांका खींचा है। सांसद निधि से करोड़ों रुपये खर्च किया है। कैंट समेत जिले के अन्य स्टेशनों पर जन सुविधाओं का विस्तार किया है। बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य पर प्रधानमंत्री का बल रहा है। निर्मल गंगा व पर्यावरण संग दिए दिव्यांगों को उपकरण वितरित किया है। ऊर्जा गंगा भी यहां से बहाई है। जिसमें 17 नवंबर 2014 को जयापुर को गोद लेकर गांव में सभा की। इसी दिन 650 करोड़ की लागत से ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर व शिल्प म्यूजियम का शिलान्यास किया। 30 से 50 करोड़ की लागत से 14 टेक्सटाइल्स सेंटर्स खोलकर वहां बुनियादी सुविधाओं का विकास करने की घोषणा की।1 बंद सहकारी बैंकों को 2375 करोड़ मदद देने की घोषणा की। 18 नवंबर 20141 को गंगा पूजा, अस्सी घाट की सफाई कर स्वच्छता का संदेश दिया। 25 दिसंबर 2014 को एचआरडी मंत्रालय की ओर से पहला इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर टीचर्स एजुकेशन का उद्घाटन किया। बीएचयू कैंपस कनेक्ट (वाई-फाई) का उद्घाटन। पांच सौ करोड़ की महामना राष्ट्रीय शिक्षक एवं शिक्षण मिशन की शुरुआत। डीरेका में आधुनिक तकनीकी से लैस डब्ल्यूडीपी 4डी रेल इंजन को दिखाई हरी झंडी, 213 करोड़ से डीरेका वर्कशाप का शुभारंभ किया। 

18 सितंबर 2015 को पर्सनल सेक्टर का एलान कर 2022 तक देश भर में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की घोषणा की। 60 हजार करोड़ की इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम की लाचिंग की। 571 करोड़ में चैक व कज्जाकपुरा सब स्टेशन का शिलान्यास किया। 165 करोड़ की लागत से बने बीएचयू ट्रामा सेंटर का लोकार्पण किया। काशी का उपनगर रामनगर के डाकघर में रेल आरक्षण केंद्र का उद्घाटन किया। 629.24 करोड़ में बनारस से बाबतपुर मार्ग के उन्नयन का शिलान्यास किया। 261 करोड़ में बनारस के लिए रिंग रोड का शिलान्यास किया। पूर्वाचल की सड़कों के लिए 11 हजार करोड़ की घोषणा की। 12 दिसंबर 2015 को जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ दौरा क्योटो की तर्ज पर बनारस के विकास की घोषणा की। 22 जनवरी 2016 को 9296 दिव्यांगों को उपकरण दिया। दिव्यांगों के लिए विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा की। महामना एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। 22 फरवरी 2016 को बीएचयू दीक्षांत समारोह में शिरकत कर डीरेका में पैडल रिक्शा वालों को ई-रिक्शा वितरण किया। अस्सी घाट पर ई-बोट की सौगात दी। 24 अक्टूबर 2016 को सिटी गैस परियोजना का शिलान्यास किया। डीरेका विस्तारीकरण योजना का लोकार्पण किया। वाराणसी-इलाहाबाद रेल मार्ग दोहरीकरण का शिलान्यास किया। डुअल इंजन का लोकार्पण किया। सृजित वाराणसी डाक परिक्षेत्र की घोषणा की। बनारस पर आधारित डाक टिकट जारी किया। 400 केवी जीआइएस वाराणसी विद्युत उपकेंद्र का लोकार्पण किया। राजातालाब में पेरिशेबल कारगों सेंटर का शिलान्यास किया। इसके अलावा 22 दिसम्बर 2016 को डीरेका मैदान में बीआरएस हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट का शिलान्यास किया। जो इंस्टीट्यूट पीपीपी माडल की तर्ज पर बनेगी। बीएचयू के सर सुन्दरलाल अस्पताल में एक अलग कैंसर अस्पताल का आधारशिला रखी। इस प्रस्तावित अस्पताल का प्रोजेक्ट मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल के सहयोग से तैयार हुआ है। प्रधानमंत्री ने खुद इस अस्पताल में रूचि दिखायी है। बीएचयू के कैंसर अस्पताल से पूरे उत्तर भारत के कैंसर मरीजों को काफी राहत मिलेगी। यह अस्पताल ढाई साल में बनकर तैयार होगी। कैंसर संस्थान का यह प्रस्ताव 500 करोड़ का है। प्रस्ताव के तहत संस्थान में सर्जिकल आंकोलॉजी, मेडिकल आंकोलॉजी, रेडियोलॉजी की सुविधा होगी। इसमें आवासीय और एकेडमिक परिसर होगा।

इसी तर्ज पर यूपी सरकार ने 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने के प्रस्ताव को पारित किया हैं। इसमें कहार, कश्यप, केवट, निषाद, बिंद, भर, प्रजापति, राजभर, बाथम, गौर, तुरा, मांझी, मल्लाह, कुम्हार, धीमर, गोडिया और मछुआ आदि जातियां शामिल हैं। हालांकि यह पहली बार नहीं है कि जब इस प्रस्ताव को कैबिनेट से पारित करके केन्द्र के पास भेजा गया हो। साल 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने भी यही प्रस्ताव पारित कराकर केन्द्र के पास भेजा था। इसी तरह मौजूदा अखिलेश यादव सरकार ने भी 22 मार्च 2013 को विधानसभा में यह प्रस्ताव पारित कराकर केन्द्र को प्रेषित किया था। जबकि मायावती ने कहा है कि एसपी सरकार के इस फैसले से इन वर्गो का फायदा नहीं बल्कि नुकसान ही होगा क्योंकि तब वे अपने अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत मिलने वाली आरक्षण की सुविधा से भी वांचित हो जायेंगे। ऐसा माना जाता है कि पिछले लोकसभा चुनाव में इन जातियों की बड़ी आबादी सब मोदी लहर के साथ थे और अगर इन्हें दलितों में शामिल कर लिया गया तो फिर मायावती के लिए भी मुश्किलें बढ़ सकती है। मुलायम सिंह जब यूपी के सीएम थे, तो उन्होंने ये फैसला लिया था, लेकिन तब केंद्र ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। लेकिन अब अखिलेश ने फिर ये पुराना दांव आजमाया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अब प्रदेशवासियों को रिकार्ड 52 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की बिजली परियोजनाओं की सौगात देने जा रहे हैं। 




(सुरेश गांधी)

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