नयी दिल्ली 17 जनवरी, दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीमा सुरक्षा बल(बीएसएफ) के जवान तेज बहादुर यादव के सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दर्शायी गयी खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को लेकर दायर जनहित याचिका पर गृह मंत्रालय से प्रतिक्रिया मांगी है । जवान यादव ने पिछले सप्ताह सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया था जिसमें उसने नियंत्रण रेखा पर जवानों को दी जाने वाले भोजन की गुणवत्ता निम्न स्तरीय होने का आरोप लगाया था । यह याचिका केन्द्र सरकार के पूर्व कर्मी पूर्णचंद आर्या ने दायर की है । मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल ने याचिका पर सुनवाई करते हुए जवानों को दिये जाने वाले भोजन की कथित खराब गुणवत्ता पर बीएसएफ, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), सशस्त्र सीमा बल(एसएसबी), केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), असम राइफल्स और भारत तिब्ब्त सीमा पुलिस (आईटीबीपी) से भी इस संबंध में अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है ।
न्यायालय की पीठ ने बीएसएफ को यह आदेश भी दिया है कि उसके सामने संबंधित जांच रिपोर्ट जमा करे और जानकारी दे कि बल ने जवान यादव की तरफ से भोजन की कथित गुणवत्ता को लेकर लगाये गये आरोपों के संबंध में क्या कदम उठाये गये हैं। न्यायालय ने बीएसएफ से इस संबंध में जो भी रिपोर्ट हैं उसे मामले की सुनवाई की अगली तारीख 27 फरवरी को पेश करने को भी कहा है । बीएसएफ की तरह से न्यायालय में हाजिर हुए अधिवक्ता गौरांग कंठ ने पीठ को बताया कि बल ने पहले ही घटना के तत्काल बाद जांच करा ली है और अदालत ने उसके बाद यह आदेश दिया है । गौरतलब है कि वीडियो वायरल होने के बाद गृह मंत्रालय ने इस संबंध में रिपोर्ट मांगी थी । याचिकाकर्ता ने यह भी अनुरोध किया है कि जवान यादव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किये जाने का निर्देश दिया जाये लेकिन पीठ ने इस संबंध में कोई आदेश जारी करने से मना कर दिया । पीठ ने कहा कि वह इस संबंध में आदेश
नहीं दे सकती ।
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