पश्चिम बंगाल में घटती हिन्दू जनसंख्या चिंता का विषय : जायसवाल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 27 मार्च 2017

पश्चिम बंगाल में घटती हिन्दू जनसंख्या चिंता का विषय : जायसवाल

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देहरादून, 26 मार्च, पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र (उत्तराखंड, मेरठ एवं ब्रज प्रांत) के सामाजिक समरसता प्रमुख एवं उत्तराखंड के पूर्व प्रांत कार्यवाह लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल ने पश्चिम बंगाल में घटती हिंदू जनसंख्या, राज्य सरकार द्वारा मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति के चलते राष्ट्र विरोधी तत्वों को दिए जा रहे प्रोत्साहन के प्रति गहरी चिंता प्रकट की है। श्री जायसवाल कोयम्बटूर में 19-20-21मार्च को सम्पन्न त्रिदिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधी सभा की बैठक से लौटने के पश्चात रविवार को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में राजपुर रोड स्थित विश्व संवाद केंद्र में संवाददाताओं से वार्ता कर रहे थे।ज्ञात हो कि अ.भा.प्रतिनिधि सभा ने पश्चिम बंगाल में बढ़ती जिहादी गतिविधियां-राष्ट्रीय हितों को चुनौती"शीर्षक से एक प्रस्ताव पारित कर कट्टरपंथी हिंसा तथा राज्य सरकार की मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए समस्त देशवासियों से आवाहन किया है कि जिहादी हिंसा व राज्य सरकार की साम्प्रादायिक राजनीति के विरुद्ध जनजागरण करें और राज्य सरकार वोटों की क्षुद्र राजनीति से उपर उठकर अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वहन करें। प्रतिनीधि सभा ने केंद्र सरकार से भी आग्रह किया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को दृष्टिगत रख राज्य के राष्ट्र विरोधी जिहादी तत्वों के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करें। श्री जायसवाल ने बताया कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रविरोधी जिहादी तत्वों द्वारा पुलिस स्टेशन पर आक्रमण ,लूटपाट ,हिंदू महिलाओं के साथ जघन्य अपराध ,गो तस्करी, जाली मुद्रा का प्रचलन आम बात हो गई है। वे राष्ट्रीय सुरक्षा व कानून व्यवस्था के लिए एक गंभीर चुनौती बन गए हैं। भारत बंगलादेश सीमा पर कट्टरपंथियों के आतंक के कारण भारी मात्रा में हिंदुओं को बंगलादेश से पलायन करने के लिए विवश होना पड़ा रहा है । परिणामस्वरूप हिंदुओं के पश्चिम बंगाल में आने के बावजूद भी पश्चिमबंगाल में जहां 1951 में हिंदुओं की जनसंख्या 78.45 प्रतिशत थी वह घट कर 2011 में 70.54 प्रतिशत रह गई है। श्री जायसवाल ने संघ कार्य के विस्तार की जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में देश भर में 36729 स्थानों पर कुल 57233 शाखाएं हैं। दैनिक शाखाओं के अतिरिक्त 14896 साप्ताहिक मिलन तथा 7594 मासिक मंडली भी चलती है। देश में कुल 6238 खंडों में से 5509 खंडों में संघ कार्य चल रहा है। उत्तराखंड में भी संघ कार्य का विस्तार हुआ है। उत्तराखंड में 670 मंडलों में से 456 मंडलों में दैनिक 1211 शाखाएं चलती है तथा अन्य 117 मंडलों में साप्ताहिक मिलन व मासिक मंडली के माध्यम से संघ का काम चल रहा है। पूरे देश में बाल कार्य तथा महाविद्यालयीन छात्रों में तेजी से कार्य बढ़ रहा है। इसका प्रमाण है पिछले साल सात दिवसीय प्राथमिक शिक्षा वर्ग में एक लाख युवाओं ने भाग लिया था। 20 दिवसीय प्रथम वर्ष प्रशिक्षण वर्ग में 17500 ,द्वितीय वर्ष प्रशिक्षण वर्ग में 4130 तथा तृतीय वर्ष प्रशिक्षण वर्ग में 973 स्वयंसेवकों ने भाग लिया था। श्री जायसवाल ने बताया कि केरल में मार्क्सवादियों के विपरीत विचारधारा वाले विशेष कर संघऔर समविचारी संगठनों के कार्यकर्ताओं की हो रही हत्याओं के प्रति भी प्रतिनिधि सभा में चिन्ता व्यक्त किया गया। ज्ञात हो कि मार्च के प्रथम सप्ताह में देश भर में लोकमंचों के आह्वान पर धरने प्रदर्शनों का आयोजन किया गया। इन विरोध प्रदर्शनों में तीन लाख 72 हजार लोगों की सहभागिता हुई जिसमें 32 हजार महिलाएं भी शामिल थी। उन्होंने बताया कि अब 25 अप्रैल को उत्तराखंड में सभी जिला केंन्द्रों पर धरना-प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। श्री जायसवाल ने बताया कि विगत कई वर्षों से स्पृश्यों तथा अस्पृश्यों के बीच विषमता को समाप्त करने हेतु सामाजिक समरसता निर्माण के लिए संघ प्रयत्नशील है । इसके अतिरिक्त परिवार प्रबोधन, ग्राम विकास, सामाजिक सद्भाव, गो सेवा, पर्यावरण संरक्षण आदि गतिविधियों को तेजी से बढाने हेतु भी संघ प्रयत्नशील है जिसके सुखद परिणाम आ रहे है।

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