निकोसिया, 24 अप्रैल, साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस अनस्तासिएड्स ने अपनी पहली भारत यात्रा से पहले कहा है कि उनके देश के एकीकरण में नयी दिल्ली मदद कर सकती है क्योंकि उसके तुर्की के साथ घनिष्ठ संबंध हैं । अपनी इस यात्रा के दौरान वह भारत के साथ द्वीप देश के करीबी और समय की कसौटी पर खरे उतरे संबंधों की पुन: पुष्टि करेंगे । यह पूछे जाने पर कि क्या वह साइप्रस के एकीकरण में भारत की मदद मांगेंगे, अनस्तासिएड्स ने कहा, ‘‘वे देश जिनके तुर्की के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, वे इस दिशा में मदद कर सकते हैं ।’’ साइप्रस का 37 प्रतिशत हिस्सा 1974 से तुर्की के कब्जे में है । अनस्तासिएड्स 25 से 29 अप्रैल तक भारत की यात्रा पर रहेंगे । उन्होंने कहा, ‘‘नि:संदेह साइप्रस के सवाल पर हम किसी तरह के हस्तक्षेप की संभावना पर प्रधानमंत्री :नरेंद्र: मोदी से बात करेंगे ।’’ उनकी टिप्पणी काफी महत्व रखती है क्योंकि तुर्की के राष्ट्रपति 30 अप्रैल को भारत की यात्रा पर होंगे। अनस्तासिएड्स ने कहा, ‘‘यदि वे :भारत: हस्तक्षेप करने में समर्थ न हों, तो हम उनसे इसके लिए नहीं कहेंगे । हम ऐसा कुछ नहीं कहने जा जा रहे जिससे भारत के हित को नुकसान हो ।’’ ग्रीक साइप्रिओट्स और साइप्रिओट्स समुदायों के बीच इस महीने बातचीत दोबारा शुरू हो चुकी है। ऐसे में अनस्तासिएड्स को जल्द कोई समाधान निकलने की उम्मीद है । परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह :एनएसजी: में भारत के प्रवेश के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनका देश 48 सदस्यीय ब्लॉक के सदस्य के रूप में नयी दिल्ली के प्रयास का समर्थन करता है । उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता के लिए साइप्रस का समर्थन पुन: दोहराया। अनस्तासिएड्स ने कहा, ‘‘भारत अपने किसी भी पड़ोसी के लिए खतरा नहीं है ।’’
सोमवार, 24 अप्रैल 2017
साइप्रस अपने एकीकरण में चाहता है भारत की मदद
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