नयी दिल्ली, 23 अप्रैल, पूर्व भारतीय फुटबॉल कप्तान बाइचुंग भूटिया का मानना है कि यदि देश को फुटबॉल में आगे ले जाना है तो फुटबॉल संस्कृति विकसित करने की जरुरत है। देश के सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइकरों में से एक रहे भूटिया ने शनिवार शाम ऐतिहासिक इंडिया गेट पर ‘ऊर्जा सीएपीएफ़ अंडर -19 फुटबॉल टैलेंट हंट’ टूर्नामेंट की घोषणा सेे इतर कहा,“ देश में अक्टूबर में अंडर 17 विश्वकप फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन होने जा रहा है जो एक बड़ी पहल है। मैं उम्मीद करता हूं कि इस टूर्नामेंट के आयोजन से हम फुटबॉल में काफी आगे जाएंगे।” भूटिया ने कहा,“ पहली बार ऐसा देखने में आ रहा है कि फुटबॉल को लेकर लोगाें में काफी रूचि दिखाई दे रही है। हमारे लिये इस समय सबसे बड़ी जरुरत देश में फुटबॉल संस्कृति विकसित करने की है। हम विदेश में फुटबॉल के ऊंचे स्तर और वहां की लीगों की बात करते हैं, जहां फुटबॉल को लेकर एक जुनून हैं। हमें भी अपने देश में ऐसा ही जुनून पैदा करना होगा और ज्यादा से ज्यादा बच्चों तक पहुंचना हाेगा।” पूर्व कप्तान ने कहा,“ यह बहुत ही सही समय है जब हम फुटबॉल को लेकर जागरूकता फैला सकते हैं और लोगों की सोच बदल सकते हैं। हम जितना ज्यादा इसका प्रचार करेंगे उतना ही इसका माता पिता पर असर दिखाई देगा जो अपने बच्चों को फुटबॉल में भेजेंगे।”
अंडर 17 विश्वकप की तैयारियों के बारे में पूछने पर भूटिया ने कहा,“ तैयारियां अच्छी चल रही है। पिछले दो वर्षाें में खेल मंत्रालय और फुटबॉल फेडरेशन ने तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ी है। खिलाड़ियों को हर तरह का एक्सपोजर और सुविधाएं दी जा रही है।” भूटिया ने विश्वकप के स्टेडियमों के बारे में पूछने पर कहा,“ फीफा का अपना मापदंड है जिसे बनाए रखना बहुत जरुरी है। अब तक इस मापदंड को हर लिहाज से पूरा किया गया है। जिन राज्यों में विश्वकप के मैच खेले जाने हैं उन राज्यों ने अपने शहरों के स्टेडियमों को फीफा मापदंड के हिसाब से उन्नत किया है। फीफा के निरीक्षण दल ने भी स्टेडियमों और तैयारियों पर संतोष जताया है।” इस अवसर पर माैजूद दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार ने भी कहा,“ हमारे लिये यह बड़े गर्व की बात है कि हमारे देश में फीफा अंडर 17 विश्वकप का अायोजन हो रहा है। हमें एकजुट होकर पूरी दुनिया को संदेश देना है कि हम शानदार आयोजन करने में सक्षम हैं।”
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