पटना 29 जून, जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर उसके तीन वर्ष के कार्यकाल में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले की घटनाओं में बढ़ोतरी का आरोप लगाते हुये आज कहा कि इस दौरान हुये 61 हमलों में 24 अल्पसंख्यकों को मौत हो चुकी है। जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने यहां कहा कि वर्ष 2014 में केंद्र में सत्तारूढ़ हुई मोदी सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल में भीड़ द्वारा हमले की 61 घटनाओं में से 32 भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) शासित राज्यों में हुईं। उन्होंने कहा कि इन हमलों में 28 लोगों की मौत हुई और 124 घायल हुए। मृतकों में 24 अल्पसंख्यक थे। श्री प्रसाद ने कहा कि आंकड़ों के अनुसार, हमले के 23 मामलों में भीड़ में शामिल लोगों की पहचान विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल या स्थानीय गोरक्षक समिति के कार्यकर्ताओं के रूप में हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले आठ साल में इस तरह की 63 घटनाओं में से 61 मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में हुईं। इस वर्ष भी अभी तक ऐसे 20 हमले हो चुके हैं। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में देश भर में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर देने की घटनाओं की बाढ़ आ गई है। अधिकतर मामले गोरक्षा के नाम पर और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुए हैं। कई मामलों में दलितों एवं दूसरे समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में इस प्रकार की घटनाएं खूब हो रही हैं। इसमें उत्तर प्रदेश के दादरी में अखलाक से लेकर जम्मू-कश्मीर में पुलिस उपाधीक्षक अयूब की हत्या शामिल हैं। श्री प्रसाद ने कहा कि इस मामले पर केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार समेत विभिन्न राज्यों की भाजपा सरकारें उदासीनता का रुख अपनाये हुये है या उन्हीं से हमलावर आततायियों को प्रेरणा मिल रही है, यह जांच और विचार का विषय है। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि विविध धर्म-संस्कृति को मानने वाले भारतीय स्वभाव से सामाजिक समरसता और लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास करते हैं। इस समाज में कुछ मतिभ्रष्ट लोगों की हिंसक भीड़ से कुछ समय के लिए समाज में खौफ का वातावरण बनाया जा सकता है लेकिन यह स्थाई नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र और विभिन्न राज्यों की भाजपा सरकारों ने इन हमलों पर लगाम नहीं लगाया तो लोग इन सरकारों को बदल देंगे।
गुरुवार, 29 जून 2017
माेदी सरकार में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले बढ़े : जदयू
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