जीएसटी लाएगा बड़ा बदलाव,अमेरिका के लिए कारोबार की अपार संभावनाएं:मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 26 जून 2017

जीएसटी लाएगा बड़ा बदलाव,अमेरिका के लिए कारोबार की अपार संभावनाएं:मोदी

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वाशिंगटन 26 जून, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से भारत में बड़ा आर्थिक बदलाव आएगा और इससे अमरीकी कपंनियों के लिए देश में कारोबार की अपार संभावनाएं बनेंगी, श्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होने वाली मुलाकात से पहले अमरीकी अखबार वाल स्ट्रीट जर्नल में लिखे लेख में यह विचार व्यक्त करते हुए लिखा, ‘बदलते भारत में अमेरिकी कंपनियों के लिए निवेश और कारेाबार की अपार संभावनाएं बनेंगी। एक जुलाई से लागू होने जा रहे जीएसटी से एक अरब तीस कराेड़ की आबादी वाला भारत एक ही झटके में महाद्वीप के आकार के एक विशाल एकीकृत बाजार में परिवर्तित हो जाएगा। ’ उन्हाेंने भारत-अमेरिकी रणनीतिक संबंधों को अटूट बताते हुए कहा कि इसे सांस्कृतिक विविधता वाले समाज में ‘हमारे विश्वास ने और मजबूत बनाया है। इस आस्था के कारण ही हम दुनिया के हर कोने में अपने मूल्यों को सहेजने में कामयाब रहे हैं और इसके लिए सर्वोच्च बलिदान भी दिया है।’ श्री माेदी ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि आने वाले कुछ दशक हमारी महत्वाकांक्षाओं के नए क्षितिज, साझी कार्रवाई और साझे विकास की कहानी कहेंगे। उन्होंने कहा कि देश के 75 वे स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 2022 तक सौ स्मार्ट शहर तैयार करने, देशभर में रोड और रेल नेटवर्क बिछाने और सस्ते मकानों का निर्माण केवल वायदे नहीं है बल्कि देश में शहरीकरण को नया आयाम देने की तैयारी है। श्री मोदी ने कहा कि ये योजनाएं भारत और अमरीका के बीच उद्यमिता में साझेदारी का फल है। आने वाले दशकों में अमरीका से इसमें अरबों डालर की मदद मिलने जा रही है, जो दोनों ही देशों में राेजगार के बड़े अवसर पैदा करेगी। उन्हाेंने कहा कि भारत और अमरीका ‘अपने समाज और दुनिया को आंतकवाद,कट्टरपंथी सोच और गैर पारंपरिक सुरक्षा खतरों से बचाना चाहते हैं। इस मामले में दोनों के हित परस्पर जुड़े हुए हैं। ‘ भारत के पास आतंकवाद से निबटने का चार दशक का अनुभव है। इसमें अमरीकी प्रशासन के सक्रिय सहयोग को हम साझा करना चाहते हैं।’ प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के अटूट और प्रगाढ़ रिश्तों पर कहा कि जब कभी दोनों साथ आए हैं, इसका फायदा पूरी दुनिया को मिला है । चाहे यह डेंगू या रोटावायरस के खिलाफ जेनरिक दवाओं की खोज ही क्यों न हो। उन्होंने कहा कि इसी तरह शिक्षा,अतंरिक्ष विज्ञान और अापदा प्रबंधन तक हर क्षेत्र में दोनों मुल्कों के बीच सहयोग लगातार बढ़ा है। 

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