राॅची-दुमका (अमरेन्द्र सुमन) मुख्य सचिव, झारखंड राजबाला वर्मा ने विद्युत संस्थान आपूर्ति व संचरण की समीक्षा करते हुए अधीक्षण अभियंताओं से कहा कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता है कि प्रत्येक परिवार को वर्ष 2018 तक बिजली उपलबध हो। सुदूर और दुर्गम गांवों में भी ग्रामीणों के घर बिजली के बल्ब से रौशन होने चाहिए । मुख्य सचिव ने कहा कि अधिकारियों के प्रतिबद्ध व संवेदनशील प्रयास से ही यह काम पूरा हो सकता है। उन्होंने कहा राज्य में 9 एजेंसी कार्य कर रही है, उनके कार्यों की निगरानी करें तथा उनकी बाधाओं को दूर करें। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी विद्यालयों को विद्युत की आपूर्ति सुनिश्चित कराएं। उन्होंने कहा कि आप इस बात की गम्भीरता को समझें कि आपके कार्य के बाद ही राज्य विकास की बुलंदियों को छू सकता है। बिजली बुनियादी आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने कहा कि जो अधिकारी या एजेंसी लापरवाही से काम करेंगे उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव ने कहा कि सभी अस्पतालों, निजी नर्सिंग होम, शैक्षणिक संस्थान एवं होटल आदि में सोलर विद्युत को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि कार्यशाला कर लोगों को इसका महत्व बताएं। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य की 16 अदालतों, कस्तुरबा बालिका विद्यालय आदि को सौर उर्जा से प्रथम चरण में जोड़ दें। मुख्य सचिव ने बताया कि 1400 सरकारी भवनों के विरूद्ध 202 भवनों के लिए कार्य आवंटन किया जा चुका है। एजेंसियों को सूचीबद्ध करने के तकनीकी निविदा खोली जा चुकी है, अब तक कुल 65 एजेंसियों का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। बैठक में मुख्य रूप से सचिव उर्जा विभाग श्री नीतिन मदन कुलकर्णी, निदेशक झारखण्ड उर्जा वितरण निगम लिमिटेड श्री राहुल पुरवार सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।
बुधवार, 26 जुलाई 2017
हर गांव तक पहुंचे बिजली- मुख्य सचिव
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