अहमदाबाद, 29 नवंबर, मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यन ने आज कहा कि हो सकता है कि नोटबंदी और जीएसटी लागू करने के कारण पहले से ही धीमी विकास दर और अधिक “प्रबलता” से कम हो गई हो। उन्होंने आत्मविश्वास दिखाते हुए कहा कि “हम बहुत जल्द इन दो नीतिगत प्रयोगों से बाहर निकल जाएंगे” और विकास दर को तेज कर सकेंगे। मीडिया के साथ आज हुई एक बातचीत में उन्होंने कहा, “अगर आप संख्या के हिसाब से देखें तो मेरे हिसाब से विकास की गति इन दो कार्यों से पहले ही धीमी हो चुकी थी। मेरे खयाल से न केवल विकास, बल्कि निवेश, साख, निर्यात, औद्योगिक उत्पादन, इन सभी की गति पिछले साल की दूसरी तिमाही से ही कम होनी शुरू हो गई थी। उन्होंने कहा, “यह निश्चित ही पहले से ही शुरू हो चुका था। यह संभव है कि इन दोनों कदमों (नोटबंदी और जीएसटी) ने इस धीमी गति को और प्रबल कर दिया हो। मेरे हिसाब से हम इन दोनों नीति प्रयोगों से बहुत जल्द बाहर आ जाएंगे और विकास की राह पर मजबूती से आगे बढ़ेंगे।” उन्होंने कहा, “बेहतर साख वृद्धि, निवेश वृद्धि और निर्यात में वृद्धि के साथ जीडीपी में फिर से सुधार होगा। भारतीय अर्थव्यवस्था में आठ से 10 प्रतिशत तक की दर से वृद्धि होने की क्षमता है। जीएसटी भी स्थिर हो रहा है, इससे भी इसमें मदद मिलेगी।”
गुरुवार, 30 नवंबर 2017
नोटबंदी, जीएसटी ने धीमी विकास दर को “प्रबल” किया : मुख्य आर्थिक सलाहकार
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