विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 04 दिसंबर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 4 दिसंबर 2017

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 04 दिसंबर

केन्द्रीय नीति आयोग के प्रतिनिधि द्वारा जायजा

vidisha news
भारत नीति आयोग के प्रतिनिधि श्री संजय सिंह और राज्य नीति आयोग के प्रतिनिधि श्री केदार शर्मा ने आज विदिशा जिले में क्रियान्वित केन्द्रीय योजनाओं की उपलब्धि और माॅनिटरिंग का जायजा लिया। कलेक्टर चेम्बर में सम्पन्न हुई उक्त बैठक में कलेक्टर श्री अनिल सुचारी, अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा समेत अन्य विभागोें के अधिकारी मौजूद थे। केन्द्रीय नीति आयोग के प्रतिनिधि श्री संजय सिंह ने मुख्यतः एकीकृत बाल विकास सेवाएं और स्वास्थ्य एवं स्कूल शिक्षा विभाग के माध्यम से क्रियान्वित योजनाओं एवं उनकी माॅनिटरिंग के लिए जिला स्तर पर की गई व्यवस्थाओं की बिन्दुवार जानकारी प्राप्त की। श्री संजय सिंह ने आंगनबाडी केन्द्र के माध्यम से दी जाने वाली छह सेवाओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि किन मापदण्डो के तहत बच्चे कुपोषित है कि नही का पता लगाते है। ततसंबंध में बताया गया कि इसके लिए तीन स्तरीय मापदण्ड अपनाया जाता है ऐसे बच्चे जो अतिकुपोषित पाए जाते है। उन सभी को एनआरसी मंे भर्ती कराया जाता है इस दौरान बच्चों के मां-बाप को नियमानुसार मजदूरी राशि की पात्रता रहती है। इस दौरान टीकाकरण पोषण आहार, आंगनबाडी केन्द्रों की माॅनिटरिंग एवं आंगनबाडी केन्द्रों में दर्ज बच्चों को स्वास्थ्य सेवाओं की भी जानकारी दी गई। स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से किए जाने वाले कार्यो और उनका डाटा बेवसाइट पर अपलोड करने की प्रक्रिया से श्री सिंह अवगत हुए। उन्होंने एएनएम के कार्य क्षेत्र की जानकारी प्राप्त करते हुए टीकाकरण के लिए और क्या-क्या व्यवस्थाएं क्रियान्वित की जाती है की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि आमजनों को बेसिक स्वास्थ्य सुविधाएं समय पर मिले इसके लिए स्थानीय स्तर पर और क्या प्रबंध सुनिश्चित किए जा सकते है के सुझावों से अवगत कराएं ताकि उन्हें केन्द्र सरकार की जानकारी में लाया जा सकें। शिक्षा विभाग के माध्यम से क्रियान्वित कार्यो की भी श्री सिंह ने जानकारियां प्राप्त की। उन्होंने स्कूलोें मंे शिक्षकों की नियमित उपस्थिति की क्रास माॅनिटरिंग के लिए क्या प्रबंध सुनिश्चित किए गए है के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में विषयवार शिक्षकों की भी उनके द्वारा पूछताछ की गई है। इस दौरान बताया गया कि बीस प्रतिशत अतिथि शिक्षक जिले में रखे गए है। हायर सेकेण्डरी स्कूलों में भौतिक विषय के शिक्षक सुगमता से उपलब्ध नही हो रहे है। श्री सिंह ने बच्चों की हाजरी एवं शिक्षकों की उपस्थिति का हर रोज पोर्टल पर दर्ज करने के निर्देश दिए। श्री सिंह ने कहा कि शासकीय स्कूलों में शौचालयों का निर्माण कराया जा चुका है किन्तु उनकी साफ सफाई के प्रबंध सुनिश्चित किए जाए इसके लिए आवश्यकतानुसार सफाई के लिए आवश्यक सामग्री एवं कर्मचारी के प्रबंध सुनिश्चित किए जाए। उक्त सुझाव को शासन स्तर पर रखने का उनके द्वारा आश्वासन दिया गया।  

नियमित उपलब्ध करानी पडेंगी निःशुल्क, प्रकाशित समाचार पत्रों एवं पुस्तिकाओं की प्रति

आयुक्त जनसम्पर्क के द्वारा जारी पत्र के अनुसार प्रेस और पुस्तक रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1867 की धारा 9 एवं 11 तथा राजपत्र मंे प्रकाशित आदेश दिनांक 29 सितम्बर 2000 के अंतर्गत विदिशा जिले से प्रकाशित समाचार पत्रों के सभी संस्करणों की प्रतियां एवं प्रकाशित पुस्तकों की निःशुल्क एक-एक प्रति आयुक्त, संचालक, जनसम्पर्क संचालनालय (पंजीयन प्रभाग) बाणगंगा मार्ग भोपाल मध्यप्रदेश तथा एक प्रति जिला जनसम्पर्क कार्यालय विदिशा में अनिवार्यतः निःशुल्क तय अवधि में उपलब्ध कराने हेतु  कानूनन अनिवार्यतः की गई है।कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री सुचारी ने जिले के समस्त प्रिंटिग प्रेस संचालकों तथा समाचार पत्र प्रकाशकों को निर्देशित किया है कि समाचार पत्र, पत्रिका और पुस्तकों की प्रतियां जिला जनसम्पर्क कार्यालय विदिशा तथा जनसम्पर्क संचालनालय (पंजीयन प्रभाग) बाण गंगा मार्ग भोपाल मध्यप्रदेश को उपलब्ध कराएं। अन्यथा आदेश का पालन नहीं करने पर प्रेस एक्ट के तहत विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी।

नियमितता प्रमाण पत्र
जिले से प्रकाशित होने वाले दैनिक, साप्ताहिक एवं पाक्षिक समाचार पत्रोें के साथ-साथ पुस्तिकाओं की अद्यतन जानकारी जनसम्पर्क संचालनालय को मासिक प्रतिवेदन के माध्यम से जिला कार्यालय द्वारा प्रेषित की जाती है। अतः पूर्व उल्लेखित सभी प्रकाशकों से आग्रह है कि वे जिला जनसम्पर्क कार्यालय में निःशुल्क प्रतियां नियमावधि में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। तय अवधि के उपरांत किसी भी प्रकार के समाचार पत्र एवं पत्रिकाएं इस कार्यालय द्वारा स्वीकार नही किए जाएंगे और ना ही उन्हें नियमितता प्रमाण पत्र प्रदाय किया जाएगा। अतः असुविधाओं से बचने के लिए प्रकाशित पुस्तिकाओं की नियमित प्रतियां उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

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