सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 12 फ़रवरी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 12 फ़रवरी 2018

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 12 फ़रवरी

जिला न्यायालय सीहोर में नेषनल लोक अदालत संपन्न

sehore news
मध्यप्रदेष राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर द्वारा दिये गये निर्देश के आलोक में माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष श्री ऋषभ कुमार सिंघई जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीहोर के निर्देशन में गत 10 फरवरी को जिला न्यायालय परिसर में स्थित माॅ सरस्वती जी की चित्र के समक्ष ज्योति प्रज्जवलित कर एवं माल्यार्पण कर तथा महात्मा गांधी जी की प्रतिमा में पुष्पमाला अर्पित कर माननीय प्रधान न्यायाधीष श्री आर0सी0सिहं बिसेन कुटुम्ब न्यायालय, जिला कलेक्टर, अपर कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक सीहोर तथा जिला न्यायालय के समस्त न्यायाधीषगण, जिला रजिस्ट्रार/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी व जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष, समस्त अधिवक्तागण साथ ही जिला न्यायालय के समस्त कर्मचारीगण की उपस्थिति में लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। उक्त नेषनल लोक अदालत में आपराधिक शमनीय प्रकरण, प्ररक्राम्य अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत प्ररकरण, बैंक रिकवरी संबंधी मामले, एम.ए.सी.टी. प्रकरण (मोटर दुर्घटना दावा), वैवाहिक प्रकरण, सम्पत्तिकर एवं जल कर विद्युत संबंधी प्रकरण,से संबंधित है।दीवानी मामले तथा अन्य समस्त प्रकार के राजीनामा योग्य प्रीलिटिगेषन एवं न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का अधिक से अधिक संख्या में समस्त समझौता योग्य प्रकरणों का निराकरण आपसी सहमति से किया गया। उक्त नेषनल लोक अदालत में 14545 प्रकरण रखे गये जिसमें से 775 प्ररकणो का निराकरण एवं मुआवजे के रूप में 8157678 रूपये राषि वसूल की गई लोक अदालत के माध्यम से किया गया। जिसमें अपराधिक प्रकरण 55, धारा 138 के 27, मोटर दुर्घटना दावा के  प्रकरण 14 एवं विद्युत प्रकरण एवं भरण पोषण के 10 प्रकरण, दीवनी प्ररकण 6 एवं अन्य 4 प्रकरणों का निराकरण किया गया। साथ ही उक्त नेषनल लोग आदालत में बैंक प्रीलिटिगेषन के 67 प्रकरण एवं विद्युत प्रीलिटिगेषन के 250 प्रकरण एवं जलकर से संबंधित 287  प्रकरण इस प्रकार कुल 10979 रखे गये एवं 604  प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिसमें मुआवजे रूप में कुल राषि रूपये 4705763 की वसूली की गई। उक्त नेषनल लोक अदालत में अपार संख्या में लोगों में अपने प्रकरणों का निराकरण करवाने हेतु उत्सुकता देखी गयी।अधिकांष पक्षकारों ने अपने प्रकरण समझौते द्वारा लोक अदालत के माध्यम से निराकृत करवा कर चेहरे में मुस्कान लेकर गये। 

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