सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 09 अप्रैल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 9 अप्रैल 2018

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 09 अप्रैल

कृषि विषय से उत्तीर्ण युवाओं हेतु एसीएबीसी योजनांतर्गत  मैनेज हैदराबाद द्वारा साक्षात्कार 12 को

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केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय भारत सरकार अंतर्गत राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज) द्वारा नाबार्ड की सहभागिता से एग्री क्लीनिक एण्ड एग्री-बिजनेस सेन्टर स्थापनार्थ स्टार्ट अप प्रशिक्षण में हितग्राहियों के चयन हेतु नोडल प्रशिक्षण संस्थान उद्यमिता विकास केन्द्र मध्यप्रदेश (सेडमैप)  भोपाल में 12 अप्रैल,2018 को साक्षात्कार रखा गया है। नोडल अधिकारी सेडमैप - मैनेज एनटीआई श्री शरद मिश्रा ने बताया कि कृषि विषय में इंटरमीडियेट / कृषि स्नातक / कृषि स्नातकोत्तर उत्तीर्ण युवा जो कृषि संबंधित व्यवसाय स्थापनार्थ रूचि रखते हों साक्षात्कार हेतु सेडमैप मुख्यालय 16- ए अरेरा हिल्स भोपाल में 12 अप्रैल को प्रातः 9 बजे उपस्थित होकर अपना नामांकन करा सकते हैं। दो माह के रहवासिय प्रशिक्षण पश्चात एग्री क्लीनिक, एग्रीबिजनेस सेन्टर, डेयरी, बकरी पालन, पोल्ट्री, पालीहाउस, कस्टम हायरिंग आदि हेतु नाबार्ड पुनर्वित्त पोषण पर बैंकों के माध्यम से 20 लाख रूपये तक ऋण की सुविधा है, जिस पर  अजा/अजजा/महिला  वर्ग को 44 प्रतिशत एवं अन्य को 36 प्रतिशत  अनुदान का प्रावधान है। अन्य किसी भी जानकारी हेतु श्री शरद मिश्रा, नोडल अधिकारी से मोबाईल नं 9893663843 पर संपर्क किया जा सकता है। 

महिला कृषकों का महाविद्यालय अनुसंधान प्रक्षेत्र भ्रमण

गत दिवस स्थानीय कृषि महाविद्यालय अनुसंधान प्रक्षेत्र पर रायसेन जिले के उदयपुरा, सिलवानी एवं गैरतगंज विकासखंड से मुख्यमंत्री खेती तीर्थ योजना एवं विदिशा जिले के सिरोंज एवं गंजबासौदा विकासखंड से मापवा के अंतर्गत 155 कृषकों एवं 125 महिला कृषकों ने भ्रमण किया। इस अवसर पर डॉ. यासीन ने चना अनुसंधान पर चर्चा करते हुए केन्द्र द्वारा विकसित उन्नत चना किस्मों एवं बीजोत्पादन पर जानकारी दी। डॉ. एस.एस.कुशवाह ने मौसम पूर्वानुमान का कृषि उत्पादन में महत्व एवं जल प्रबंधन तकनीकी पर मार्ग दर्शन किया। भ्रमण आयोजक त्रिलोचन सिंह ने महाविद्यालय अनुसंधान प्रक्षेत्र पर चल रहे अनुसंधान कार्यों पर प्रकाश डाला। डॉ. एस.एस. तोमर ने मौसम पूर्वानुमान से होने वाले लाभ व मौसम परिवर्तन से फसलों पर होने वाले प्रभावों की जानकारी देते हुए कृषकों को इस बारे में जागरूक होने के लिए प्रेरित किया। भ्रमण के दौरान कृषकों एवं महिला कृषकों ने दलहनी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। 

फसल नुकसान पर अब न्यूनतम, 5 हजार से लेकर 1.20 लाख तक राहत मिलेगी

प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में एक और अहम निर्णय लिया गया है। राज्य शासन द्वारा फसलों के नुकसान पर दिये जाने वाली राहत राशि में वृद्धि की गई है। इस संबंध में राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड-6 क्रमांक 4 में संशोधन किया है । नए संशोधन के बाद अब कम मूल्य की फसल की क्षति होने पर अनुदान सहायता उस मूल्य के बराबर देय होगी। एक कृषक को सभी फसलों के मामलों में देय राशि 5 हजार रूपये से कम नहीं होगी।  पहले यह राशि 2 हजार रूपये थी। इसी तरह, फसल हानि के लिये अथवा फलदार पेड़, उन पर लगे संतरा, नीबू, पपीता, केला, अंगूर, अनार आदि की फसलों और पान बरेजा आदि की हानि होने पर किसी भी खातेदार को आर्थिक अनुदान सहायता अधिकतम एक लाख 20 हजार रूपये तक दी जा सकेगी। पहले अनुदान सहायता की अधिकतम सीमा 60 हजार रूपये थी।

नेशनल लोक अदालत में बिजली प्रकरणों का भी होगा निराकरण 

जिला न्यायालय सहित सभी तहसील न्यायालयों में 22 अप्रैल को नेशनल लोक अदालत आयोजित की जा रही है। इस नेशनल लोक अदालत में अन्य प्रकरणों के साथ विशेष न्यायालय विद्युत में लंबित बिजली प्रकरणों में ऊर्जा विभाग के निर्देशानुसार विवाद राशि का 25 से 40 प्रतिशत छूट दिया जाना प्रस्तावित है। लोगों से अपील की गई है कि वे अपने मामले का लोक अदालत में निराकरण कर अधिक जुर्माने तथा कारावास की सजा से बचें। 

वेतन निर्धारण प्रकरणों के अनुमोदन के संबंध में निर्देश 
    
वेतन निर्धारण प्रकरणों में नियुक्ति दिनांक अथवा संभागीय संयुक्त संचालक द्वारा किए गए वेतन निर्धारण अनुमोदन की तिथि एवं राशि की जानकारी एवं उसके पश्चात की समस्त घटनाएं पदोन्नति, क्रमोन्नति, दण्ड आदि की जानकारी सिस्टम में दर्ज किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। जो प्रकरण अनुमोदित हो चुके हैं उन्हें छोड़कर शेष समस्त वेतन निर्धारण प्रकरणों को आईएफएमआईएस में समस्त प्रविष्टि कर संशोधित आईएफएमआईएस पत्रक निकालकर दो प्रति में सेवा पुस्तिका सहित पेंशन कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि वेतन निर्धारण प्रकरणों का अनुमोदन किया जा सके। 

मजदूरी की क्षतिपूर्ति देने हेतु प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना 

मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को मजदूरी की आंशिक क्षतिपूर्ति के रूप में नकद प्रोत्साहन प्रदान करना है, ताकि प्रथम बच्चे के प्रसव के पूर्व एवं प्रसव के पश्चात उन्हें पर्याप्त आराम मिल सके तथा नकद प्रोत्साहन के माध्यम से गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं के स्वास्थ्य संबंधी व्यवहारों में सुधार लाया जा सके। इस योजना अन्तर्गत महिला मजदूर हितग्राहियों का पंजीयन होने पर पात्रतानुसार तय शर्तों को पूरा करने पर तीन किश्तों में नकद प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। इसमें गर्भावस्था का शीघ्र पंजीयन कराने हेतु पहली किश्त के रूप में 1000 रू., कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच (गर्भावस्था के 6 माह बाद) कराने हेतु दूसरी किश्त के रूप में 2000 रू. एवं बच्चे के जन्म का पंजीकरण बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने पर तीसरी किश्त के रूप में 2000 रू. दिये जायेंगे। सत्यापन हेतु सक्षम अधिकारी द्वारा प्रमाणित मातृ एवं बाल सुरक्षा कार्ड दिखाना होगा।

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