फिर फाइनल में हारी सिंधू, विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक मिला - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 6 अगस्त 2018

फिर फाइनल में हारी सिंधू, विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक मिला

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नानजिंग (चीन), पांच अगस्त, पीवी सिंधू को एक बार फिर बड़े टूर्नामेंट में उप विजेता बनकर संतोष करना पड़ा जब वह विश्व चैंपियनिशप के महिला एकल फाइनल में आज यहां कैरोलिना मारिन से हार गई। ओलंपिक रजत पदक विजेता सिंधू को स्पेन की ओलंपिक चैंपियन मारिन के खिलाफ 19-21 10-21 की हार के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा। मारिन ने रियो ओलंपिक 2016 के फाइनल में भी सिंधू को हराया था। मौजूदा सत्र में चौथा फाइनल हारने वाली सिंधू ने कहा, ‘‘एक बार फिर हारना बेहद निराशाजनक है। पिछली बार भी मैं फाइनल में खेली थी। यह काफी दुख है और मुझे मजबूत वापसी करनी होगी और अगले टूर्नामेंट की तैयारी करनी होगी।’’  सिंधू ने कहा, ‘‘कभी कभी आपका दिन नहीं होता, उतार-चढ़ाव हमेशा होते हैं और आपको हमेशा मजबूत बनना होता है।’’  उन्होंने कहा, ‘‘थोड़ा दुखद है क्योंकि मुझे अच्छे नतीजे की उम्मीद थी लेकिन कुल मिलाकर अच्छा मैच रहा और मुझे खुशी है कि मैंने फाइनल में जगह बनाई। हार और जीत जीवन का हिस्सा हैं और हमें इसके साथ ही आगे बढ़ना होगा।’’  बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में 2016 से यह 23 साल की सिंधू की आठवीं हार है। इससे पहले वह रियो ओलंपिक, हांगकांग ओपन (2017, 2018), सुपर सीरीज फाइनल (2017), इंडिया ओपन (2018) और थाईलैंड ओपन (2018) के फाइनल में हार चुकी हैं।

पिछले साल ग्लास्गो में विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा के खिलाफ शिकस्त झेलने वाली 23 साल की सिंधू के पास मारिन की तेजी का कोई जवाब नहीं था जिन्होंने 45 मिनट में जीत दर्ज की। सिंधू इसके साथ ही विश्व चैंपियनशिप में चार बार पोडियम पर जगह बनाने वाली एकमात्र भारतीय खिलाड़ी बन गई। इससे पहले उन्होंने 2013 में ग्वांग्झू और 2014 में कोपेनहेगन में भी कांस्य पदक जीते थे। साथ ही मारिन विश्व चैंपयनशिप खिताब तीन बार जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनी। उन्होंने इससे पहले 2014 और 2015 में जकार्ता में विश्व खिताब जीते। मारिन ने कहा, ‘‘मैं अपनी भावनाओं का इजहार नहीं कर सकती। मेरे अंदर भावनाएं उमड़ रही हैं। मैं लंबे समय से इस लम्हें का इंतजार कर रही थी।’’  इस मैच से पहले सिंधू ने मारिन के खिलाफ छह मैचों में जीत दर्ज की थी जबकि पांच में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इन दोनों खिलाड़ियों के बीच जून में मलेशिया ओपन में हुए पिछले मुकाबले को सिंधू ने जीता था। मुकाबले में मारिन ने अच्छी शुरुआत की लेकिन सिंधू वापसी करने में सफल रही। मारिन ने 3-1 की बढ़त बनाई लेकिन सिंधू 6-4 से आगे हो गई। स्पेन की खिलाड़ी ने इसके बाद कुछ सहज गलतियां की और तीन शाट बाहर मारे जिससे सिंधू ब्रेक तक 11-8 से आगे थी।

सिंधू ने इसके बाद बढ़त को 15-11 तक पहुंचाया लेकिन इसके बाद भारतीय खिलाड़ी ने दो बार शाट नेट पर मारा और उनका एक शाट बाहर भी चला गया जिससे मारिन ने 15-15 पर बराबरी हासिल की। स्पेन की खिलाड़ी ने इसके बाद दमदार स्मैश के साथ अंक जुटाया। सिंधू हालांकि नेट पर भाग्यशाली अंक और मारिन के शाट बाहर मारने पर 18-17 से आगे हो गई लेकिन स्पेन की खिलाड़ी ने 18-18 से बराबरी हासिल कर ली। स्पेन की खिलाड़ी ने इसके बाद लगातार दो अंक के साथ गेम प्वाइंट हासिल किया। सिंधू ने एक गेम प्वाइंट बचाया लेकिन मारिन ने अगला अंक जीतकर पहला गेम जीत लिया। मारिन ने दूसरे गेम की आक्रामक शुरुआत की और उन्होंने जल्द ही 5-0 की बढ़त बना ली। उन्होंने ब्रेक तक बढ़त को 11-2 तक पहुंचाया जिसके बाद सिंधू वापसी करने में नाकाम रही।



सिंधू ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कुल मिलाकर वह काफी अच्छा खेली। अगर मैं पहला गेम जीत जाती तो स्थिति अलग हो सकती थी। दूसरे गेम में मैंने काफी गलतियां की। मेरे स्मैश भी बाहर जा रहे थे। मैं सिर्फ इतना कह सकती हूं कि यह मेरा दिन नहीं था।’’  उन्होंने कहा, ‘‘पहले गेम में मैं 14-9 से आगे थी, मैंने आसान अंक गंवाए। वापसी करने का प्रयास करते हुए मैंने गलतियां की। 19-19 के स्कोर पर मुझे अधिक धैर्य दिखाना चाहिए था। वह अच्छा आक्रमण कर रही थी।’’ 

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