बैंकाक, दो सितंबर, जलवायु परिवर्तन पर बातचीत की मेजबानी के लिए तैयार बैंकाक खुद को पर्यावरण संकट से बचाने के लिए जूझ रहा है। गौरतलब है कि मौसम से जुड़ी एक गंभीर चेतावनी में कहा गया है कि यह शहर महज एक दशक में आंशिक रूप से पानी में डूब जाएगा। थाईलैंड की राजधानी में संयुक्त राष्ट्र के अगले जलवायु सम्मेलन की तैयारी के लिए मंगलवार से बैठकों का दौर शुरू हो रहा है। तापमान बढ़ने, मौसम के असामान्य पैटर्न के समय के साथ और बदतर होने की आशंका जतायी गयी है। इससे सरकारों पर 2015 की पेरिस जलवायु संधि को अमली जामा पहनाने का दबाव और बढ़ गया है। एक समय में दलदली जमीन पर बसा बैंकाक समुद्र स्तर से महज डेढ़ मीटर यानी पांच फुट की ऊंचाई पर स्थित है और इसी वजह से समुद्र का जल स्तर बढ़ने से इस शहर को सबसे अधिक खतरा बताया जा रहा है। इसके अलावा जकार्ता और मनीला जैसे दक्षिण एशियाई शहरों पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। ग्रीनपीस के तारा बुआकामसरी ने कहा, “विश्व बैंक की रपट के मुताबिक भारी बारिश, मौसम के पैटर्न में बदलाव के कारण 2030 तक बैंकाक का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा जलमग्न हो जाएगा। वर्तमान में राजधानी हर वर्ष एक से दो सेंटीमीटर डूब रहा है और निकट भविष्य में भीषण बाढ़ का खतरा है।” थाईलैंड की खाड़ी के निकट के समुद्र चार मिलीमीटर प्रतिवर्ष की दर से ऊपर उठ रहे हैं।
रविवार, 2 सितंबर 2018
समुद्र स्तर में वृद्धि के कारण बैंकाक के जलमग्न होने का खतरा !
Tags
# विदेश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
विदेश
Labels:
विदेश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें