नयी दिल्ली, 11 सितंबर, केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में भर्ती के इच्छुक एक युवक को टैटू से जुड़े एक मामले में राहत दी। युवक ने कलाई के पास वाले हिस्से में टैटू बनवाया हुआ था जिसके लिए उसे ‘‘चिकित्सीय रूप से अयोग्य’’ ठहरा दिया था। इसके बाद उसने टैटू हटवाने के लिए ऑपरेशन कराया लेकिन ऑपरेशन के बाद दाग रह गया और इसके लिए दोबारा उसे अयोग्य ठहरा दिया गया। न्यायिक सदस्य एस एन तर्दल और प्रशासनिक सदस्य के एन श्रीवास्तव की एक पीठ ने कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) को दो महीने के भीतर आवेदन की चिकित्सीय जांच दोबारा से कराने के निर्देश दिए और कहा कि अगर उसका घाव पूरी तरह भर गया हो तो इसके बाद उसे चार हफ्ते के अंदर सीआईएसएफ में नियुक्त कर लिया जाए। अधिकरण ने कहा कि शरीर पर टैटू स्वास्थ्य से जुड़ा मामला नहीं है और चिकित्सा जांच के उद्देश्य से उसपर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। पीठ ने कहा, ‘‘सरकार के किसी भी दिशानिर्देश में ‘टैटू’ को स्वास्थ्य से जुड़े मामले के रूप में प्रतिबंधित नहीं किया गया है।’’ हरियाणा के रहने वाले जगबीर ने ‘दिल्ली पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और सह उपनिरीक्षक की भर्ती के लिए 2016 में सीआईएसएफ की परीक्षा दी थी। सभी चरणों में उत्तीर्ण होने के बाद उसे टैटू के चलते चिकित्सा जांच में अयोग्य ठहरा दिया गया। उसने अपनी चिकित्सा जांच की समीक्षा करने का अनुरोध किया और और टैटू हटवाने के लिए ऑपरेशन कराया। समीक्षा चिकित्सा बोर्ड ने 2017 में उसकी दोबारा चिकित्सीय जांच की और ‘बड़ा सा दाग’’ और ‘‘घाव के पूरी तरह ना भरने’’ के चलते उसे फिर से चिकित्सीय रूप से अयोग्य करार दे दिया।
मंगलवार, 11 सितंबर 2018
टैटू के चलते अयोग्य ठहराए गए अभ्यर्थी को राहत
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