सुप्रीम कोर्ट का वापसी पर मुशर्रफ को उच्चस्तरीय सुरक्षा देने का वादा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 26 सितंबर 2018

सुप्रीम कोर्ट का वापसी पर मुशर्रफ को उच्चस्तरीय सुरक्षा देने का वादा

pak-court-assure-musharraf-for-security
इस्लामाबाद, 25 सितम्बर, पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को पूर्व तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ को आश्वासन दिया कि हाईप्रोफाइल देशद्रोह के मामले में सुनवाई के लिए अगर वह देश लौटते हैं तो उन्हें उच्चस्तरीय सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। मुशर्रफ वर्ष 2016 से ही दुबई में रह रहे हैं। सेना प्रमुख हाईप्रोफाइल देशद्रोह के मामले का सामना कर रहे हैं और मामले में सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत के समक्ष पेशी में लगातार विफल रहने के कारण उन्हें भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। प्रधान न्यायाधीश साकिब निसार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पीठ मंगलवार को 2007 में नेशनल रिकांसिलेशन ऑर्डिनेंस (एनआरओ) लागू होने के बाद से देश को हुए नुकसान के बारे में सुनवाई कर रही थी। डॉन अखबार ने खबर दी है कि निसार ने मुशर्रफ के वकील अख्तर शाह से पूछा कि वह पाकिस्तान क्यों नहीं लौटते। निसार ने कहा, ‘‘पीठ में दर्द के बहाने वह देश छोड़कर चले गए लेकिन उन्हें विदेशों में नाचते देखा जा सकता है।’’  वकील ने जवाब दिया कि पूर्व सैन्य तानाशाह अदालतों का सम्मान करते हैं लेकिन सुरक्षा कारणों से नहीं लौट सकते। खबर में बताया गया है कि मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मुशर्रफ के देश लौटने पर संबंधित प्रांत के रेंजर्स बल के प्रमुख उनकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होंगे। निसार ने कहा कि मुशर्रफ के वापस लौटने पर देश में मौजूद बेहतर चिकित्सकों की सेवा उन्हें मुहैया कराई जाएगी। अदालत ने मुशर्रफ के फार्महाउस से सील हटाने के भी आदेश दिए ताकि लौटने पर वह वहां रह सकें। मामला 2007 में एनआरओ लागू होने के परिप्रेक्ष्य में पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ, आसिफ अली जरदारी और पूर्व अटॉर्नी जनरल मलिक कय्यूम द्वारा बड़े पैमाने पर सरकारी धन की बर्बादी की वसूली से जुड़ा हुआ है।

कोई टिप्पणी नहीं: