अमरेन्द्र सुमन, दुमका, झारखण्ड-बिहार में सिदो कांहू मुर्मू विवि, दुमका पहला ऐसा विवि है जिसका निबंधन एमएचआरडी के वेबसाईट पर उन्नत भारत के तहत हुआ है। विवि के सभी विभाग उन्नत भारत अभियान के तहत लगातार गाँव का भ्रमण व सर्वे व डेटा संग्रह का काम कर रहे हैं। इस अभियान के तहत छात्र व शिक्षक गाँवों में उपलब्ध सेवाओं यथा पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन इत्यादि पर न सिर्फ डेटा ले रहे हैं बल्कि ग्रामीणों में जागरूकता भी पैदा कर रहे हैं। वि वि पूरी तरह प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम से जुड़ रहा है। इस दिशा में अनेक प्रयास किए गए हैं जो इस विवि को झारखंड के अन्य विवि से आगे खड़ा कर दिया है। विवि नित्य दिन पत्राचार, ईमेल के माध्यम से नामांकन, परीक्षा फॉर्म भरना, रिजल्ट व अन्य कार्य ऑनलाइन कराया जा रहा है। शुल्कांे के लेन-देन व अन्य भुगतान डिजिटल मोड में किए जा रहे है। स्वयं के तहत काफी संख्या में छात्र व शिक्षक मूक द्वारा आयोजित ऑनलाइन कोर्स कर रहे है। विवि के अंतर्गत निबंधित सभी शोध छात्रों ने मूक के तहत रिसर्च मेथॉडॉलॉजी कोर्स के लिए निबंधित किए गए हैं जिनका ऑनलाइन क्लास 01 अगस्त से चल रहा है। कोई भी पीएचडी थीसिस प्लेजरिजम टेस्ट में पास करने पर ही जमा किया जा सकता है। इससे शोध में नकल रुक रही है और उसकी गुणवत्ता बढ़ी है। विवि का केंद्रीय पुस्तकालय पूरी तरह डिजिटल है और शोध गंगा व शोध गंगोत्री के माध्यम से छात्रो के थीसिस व उनके सिनोप्सिस ऑनलाइन अपलोड किए जा रहे है। विवि एनएडी के तहत निबंधित है और यहाँ के छात्रों की डिग्री अब ऑनलाइन एनएडी पर उपलब्ध है। पिछले एक वर्ष में कुलपति प्रो मनोरंजन प्रसाद सिन्हा के दिशा निर्देशन में विवि काफी तेजी से इस ओर बढ़ा है। एनडीएल में हजारों छात्रों व शिक्षकों ने अपना निबंधन करवाया है और इसका लाभ ले रहे है। विवि का नया ऐकडेमिक ब्लाक में छात्रों को पढ़ने पढ़ाने के लिए विश्व स्तर की डिजिटल तकनीक वाला सिस्टम लगाया गया है। कुलपति का यह प्रयास इस पिछड़े इलाकेे के वि वि को झारखंड के अन्य वि वि से आगे खड़ा कर दिया है ।
शनिवार, 15 सितंबर 2018
दुमका : एमएचआरडी के वेबसाईट पर उन्नत भारत के तहत एसकेएमयू पहला विश्विद्यालय-वीसी
Tags
# झारखण्ड
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
झारखण्ड
Labels:
झारखण्ड
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें