- सी-विजिल एेप लोकसभा चुनाव की न सिर्फ मॉनिटरिंग करेगा बल्कि गड़बड़ी की सूचना मिलने पर उस पर त्वरित कार्रवाई भी करेगा
कुमार गौरव । पूर्णिया : लोकसभा चुनाव को भयमुक्त व पारदर्शिता के साथ संपन्न कराने को ले चुनाव आयोग द्वारा समय समय पर नई तकनीक के जरिये मॉनिटरिंग की व्यवस्था की जाती है। इसी कड़ी में निर्वाचन आयोग ने पहली बार एक एप लांच किया है। जिसका नाम है सी-विजिल एवं यह एेप लोकसभा चुनाव की न सिर्फ मॉनिटरिंग करेगा बल्कि गड़बड़ी की सूचना मिलने पर उस पर त्वरित कार्रवाई भी करेगा।
...क्या है ये ऐप :
चुनाव के दौरान कई जगहों से चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश के मामले सामने आते हैं। मसलन कहीं शराब साड़ियां एवं रुपए तो कहीं धमकी से वोट प्रभावित किया जाता है। इसे रोकने के लिए अब तक पुलिस प्रशासन को अकेले मशक्कत करनी होती थी। लेकिन इस बार आयोग ने लोकतंत्र के इस महापर्व में निष्पक्षता को और भी मजबूती के साथ कायम रखने के लिए आम नागरिकों के सहयोग को महत्वपूर्ण समझा है। इसे लेकर सी-विजिल एेप की सुविधा दी है। इसे स्मार्टफोन चलाने वाला हर व्यक्ति गूगल प्ले समेत अन्य प्लेटफॉर्म से निशुल्क डाऊनलोड कर सकता है। इसे डाऊनलोड करने के बाद ओपन करने पर आसान स्टेप के बाद आप इसे उपयोग कर सकते हैं। इसमें आपका नाम वर्तमान पता एवं आपका मोबाइल नंबर इंटर करना पड़ता है एवं इंटर किए गए मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) आता है उसे एेप में डालते ही यह एेप इस्तेमाल के लिए तैयार हो जाता है।
...कैसे काम करेगा ये ऐप :
अगर कहीं भी कोई ऐसी चीज नजर आए जिससे कि चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही हो। उसकी शिकायत फोटो या वीडियो शीर्षक के साथ इस एेप पर भेजें। इस पर ज्योहीं शिकायत पोस्ट होगी, आयोग द्वारा निर्धारित प्रशासन का सिस्टम काम करने लगेगा। उड़नदस्ता मौके पर पहुंच जाएगा। तय मानक के अनुसार 100 मिनट के अंदर उस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए उसका निष्पादन कर दिया जाएगा। सी-विजिल एेप में वही फोटो पोस्ट होगी जो महज पांच मिनट पहले खींची गई होगी।
...शिकायतकर्ता छिपा सकते हैं पहचान :
सी-विजिल एेप के जरिए शिकायत करने वाला चाहे तो अपनी पहचान छिपा भी सकता है। अधिकारियों ने बताया कि काॅलम में पहचान गुप्त रखने या सामने लाने का विकल्प रहेगा। शिकायतकर्ता जो विकल्प चाहे चुन सकते हैं।
...चुनाव आयोग को जाएगी रिपोर्ट :
आने वाली शिकायतों एवं उस पर की गई कार्रवाई पर आयोग की नजर रहेगी। हर दिन की इसकी रिपोर्ट कंट्रोल रूम द्वारा चुनाव आयोग को भेजी जाएगी यानी इसकी मॉनिटरिंग सीधे सीधे चुनाव आयोग द्वारा की जाएगी।
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