बिहार : नीतीश कुमार को अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं : माले - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 4 मई 2019

बिहार : नीतीश कुमार को अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं : माले

शेल्टर होम मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रपति संझान लें.
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पटना 4 मई 2019 भाकपा-माले की पोलित ब्यूरो सदस्य का. कविता कृष्णन और ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सीबीआई द्वारा दिए गए हलफनामे में कांड के मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर पर 11 लड़कियों की हत्या का आरोप लगाने के बाद मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से तत्काल इस्तीफे की मांग की है. ऐसा न करने पर राष्ट्रपति महोदय से संज्ञान लेने और नीतीश कुमार की सरकार को बर्खास्त करने की भी मांग की. माले नेताओं ने कहा कि पूरा मामला पहले ही दिन से शक के दायरे में है लेकिन इसके राजनीतिक संरक्षण की जांच से सरकार भागते रही है. यहां तक कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार भी जांच के दायरे में हैं. लगातार फाइलें गायब होने की खबरें आ रही थीं और इस बीच अब सीबीआई ने इस तथ्य को उजागर किया है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में हड्डियों कां बंडल मिला है और तकरीबन 11 लड़कियों की हत्या कर दी गई है. यह बहुत ही भयावह स्थिति है और दिखलाती है कि बिहार में सुशासन के नाम पर हत्या-बलात्कार संगठित अपराध चल रहा था. विगत साल टीस की रिपोर्ट आने के बाद भाकपा-माले, ऐपवा और अन्य संगठनों के आंदोलन के दबाव में सरकार को सीबीआई जांच की मांग माननी पड़ी थी.  चुनाव के इस दौर में जबकि नीतीश कुमार ‘सच्चा है’ का टैग लटकाए घूम रहे हैं इससे बड़ा झूठ और दूसरा नहीं हो सकता है. इससे पहले इस कांड के एक आरोपी ने अपने बयान में मुख्यमंत्री का नाम लिया था और कोर्ट ने मामले को सीबीआई को सौंप दिया था तब सीबीआई ने चुप्पी साध ली थी और मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई कारवाई नहीं हुई थी. अभी एक सप्ताह पहले मुजफ्फरपुर स्थित रिमांड होम में 2013 में बलात्कार और लड़कियों के गायब होने का एक अन्य मामला सामने आया है जिसका पुलिस रिकार्ड गायब है. हम जानते हैं कि सीबीआई का इस्तेमाल सरकार अपने बचाव में कर रही है. फिर भी सीबीआई जनआंदोलनों के दबाव में यदि 11 लड़कियों की हत्या की बात स्वीकार कर रही है तो मामला कहीं ज्यादा गंभीर है और नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री रहते मामले की सही जांच नहीं हो सकती. इसलिए बिहार की उन बेटियों को न्याय के लिए जरूरी है कि मुख्यमंत्री गद्दी छोड़ें.

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