बिहार : राहत के नाम पर बिन्द टोली के लोगों को ठेंगा दिखाया जा रहा है - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 25 सितंबर 2019

बिहार : राहत के नाम पर बिन्द टोली के लोगों को ठेंगा दिखाया जा रहा है

इंसान और जानवरों का खाने की व्यवस्था शहर में जाकर कर रहे हैं बिन्द टोला के खेतिहर मजदूर
flood-relief-reality
पटना,25 सितम्बर (आर्यावर्त संवाददाता) राजधानी पटना में है बिन्द टोली, कुर्जी। यह नकटा दियारा ग्राम पंचायत में पड़ता है। इस पंचायत के मुखिया हैं भागीरथ प्रसाद राय हैं। दीघा विधान सभा के विधायक हैं डॉ संजीव चौरसिया। इन गण प्रतिनिधियों की मौजुदगी में दीघा बिन्द टोली से लोग विस्थापित होकर कुर्जी में 9 फरवरी, 2016 को सैकड़ों परिवारों को पुनर्वासित किया गया । पूर्व मध्य रेलवे परियोजना से विस्थापित हुए हैं। बिहार सरकार ने दीघा से विस्थापितों को कुर्जी में पुनर्वासित की हैं। 2016 से 3 साल खत्म होने के बाद 2019 में भी सरकार के द्वारा वासगीत पर्चा नहीं मिला। इससे खेतिहर भूमिहीनों के बीच में खासा नाराजगी है।जहां पर रहने वाले खेतिहर मजदूरों का कहना है कि यहां पर प्रत्येक साल गंगा नदी का पानी प्रवेश कर जाता है। जारी बाढ़ में बिन्द टोली के लोग चारों तरफ से पानी के घेराव में आ गए  हैं। इसके चलते बिन्द टोली टापू में है। कुर्जी गंगा किनारे से नाव पर बैठकर बिन्द टोली जाने वालों ने कहा कि सरकार के द्वारा राहत के नाम पर नाव दी गयी है। यहां पर पटना सदर की अनुमंडल पदाधिकारी कुमारी अनुपम सिंह और पटना सदर के बीडीओ रंजीत कुमार वर्मा  आये थे। किसी तरह की राहत देने की घोषणा नहीं किए। राहत के नाम पर ठेंगा दिखा दिया।  यहां पर सामूहिक शौचालय ठीक तरह से नहीं बना है। ठीक तरह से निर्माण नहीं होने पर  बिन्द समुदाय के लोग खुले में ही 9 फरवरी, 2016 से शौचक्रिया करने को मजबूर हैं। आखिर किस तरह महिलाएं,पुरूष और बच्चे शौचक्रिया करते होंगे। यह सोचनीय है बगल में ही 4 लाइन रोड बन रही है। वहां पर शौच करने जाने पर गाली और ईंट से चोट खाने को विवश होना पड़ता है।  इंसान और जानवरों का खाने की व्यवस्था शहर में जाकर कर रहे हैं बिन्द टोला के खेतिहर मजदूर। इनलोगों सुधि लेने गणप्रतिनिधि नहीं आ रहे हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: