नयी दिल्ली 30 अक्टूबर , देश के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक जम्मू-कश्मीर का गुरूवार को विधिवत विभाजन के साथ नक्शा बदल जायेगा और इसकी जगह दो केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख अस्तित्व में आ जायेंगे।जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल श्रीनगर में पूर्व नौकरशाह जी सी मुर्मू को जम्मू कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेश के पहले उप राज्यपाल के तौर पर शपथ दिलायेंगी। इसके बाद वह लेह में श्री राधा कृष्ण माथुर को लद्दाख के उप राज्यपाल की शपथ दिलायेंगी। जम्मू कश्मीर की विधानसभा होगी जिसमें 114 सीटें होंगी और वहां का शासन मॉडल दिल्ली और पुड्डूचेरि पर आधारित होगा जबकि लद्दाख की विधानसभा नहीं होगी और यह उप राज्यपाल के माध्यम से सीधे केन्द्रीय गृह मंत्रालय के मातहत रहेगा।सरकार ने गत छह अगस्त को संसद में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पारित किया था जिसमें राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बांटने का प्रावधान किया गया था। इन दोनों केन्द्र शासित प्रदेशों के अस्तित्व में आने की तारीख 31 अक्टूबर तय की गयी थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 9 अगस्त को पुनर्गठन विधेयक को मंजूरी दे दी थी।केन्द्र शासित प्रदेश बनने से जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा तो समाप्त हो ही गया है वहां का अलग संविधान और ध्वज तथा कानून भी निरस्त हो जायेंगे। अब वहां देश का संविधान और केन्द्र के कानून लागू हो जायेंगे। वहां पहली बार केन्द्र के 100 से भी अधिक कानून प्रभावी होंगे। इनमें सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार और आधार जैसे महत्वपूर्ण कानून भी शामिल हैं।
बुधवार, 30 अक्तूबर 2019
राज्य से केन्द्र शासित प्रदेश बन जायेगा जम्मू कश्मीर
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