बिहार : वाम दलों ने बिहार बंद में विपक्षी दलों से समर्थन मांगा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 16 दिसंबर 2019

बिहार : वाम दलों ने बिहार बंद में विपक्षी दलों से समर्थन मांगा

left-ask-support-to-protest
पटना 16 दिसंबर, वाम दलों के राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद के तहत 19 दिसंबर के बिहार बंद के सिलसिले में विपक्षी पार्टियों व अन्य लोकतांत्रिक संगठनों से समर्थन मांगा गया है. भाकपा-माले के वरिष्ठ नेता काॅ. राजाराम, सीपीआई के पूर्व बिहार राज्य सचिव राजेन्द्र प्रसाद सिंह, सीपीआईएम के देवन्द्र चैरसिया, फारवर्ड ब्लाक के धर्मेन्द्र कुमार आदि नेताओं की एक टीम ने विभिन्न विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के कार्यालयों का दौरा कर समर्थन देने की अपील की. मुख्य रूप सेें राजद, हम, रालोसपा, कांग्रेस, वीआईपी, एसयूसीआईसी, सपा, एनसीपी आदि पार्टियों को पत्र लिखा गया है. वाम दलों ने कहा है कि देशव्यापी प्रतिरोध के बावजूद नागरिकता संशोधन बिल अब कानून बन गया है. यह संविधान की मूल आत्मा व उसकी मौलिक संरचना तथा आजादी के आंदोलन के संपूर्ण मूल्यबोध के खिलाफ है. वाम नेताओं ने कहा कि मोदी-अमित शाह की सरकार की नागरिकता संशोधन कानून व एनआरसी पूरी तरह संविधान की मौलिक संरचना तथा आजादी के आंदोलन के संपूर्ण मूल्यबोध के खिलाफ है. देश के करोड़ों नागरिकों को नागरिकता-विहीन करने की इस साजिश को नाकाम करना होगा. नागरिकता से ही हमारे सारे अधिकार बनते हैं. आज पूरे देश में इसके खिलाफ व्यापक जनप्रतिरोध उठ खड़ा हुआ है. बिहार सहित पूरे देश में महिलाओं पर यौन हिंसा की घटनाओं में एक बार फिर से बाढ़ आ गई है. दरअसल बलात्कार की संस्कृति को सत्ता पक्ष की ओर से लगातार संरक्षण मिलता रहा है, जिसकी वजह से आज स्थिति बहुत ही नाजुक हो गई है. इस बलात्कारी कल्चर को बदलने के लिए भी देशव्यापी आंदोलन चल रहा है. बिहार में नीतीश सरकार ने जल-जीवन-हरियाली योजना के नाम पर लाखों दलित-गरीबों को उजाड़ने का नोटिस थमा दिया है. यह बहुत ही अन्यायपूर्ण है. जिन ताकतों ने वास्तव में आहर-पोखर व अन्य स्थानों पर कब्जा कर रखा है, सरकार उनपर तो कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, लेकिन गरीबों को निशाना बना रही है. संविधान व राष्ट्र की एकता-अखंडता को बचाने तथा नागरिकता संशोधन कानून-एनआरसी व सत्ता संरक्षित बलात्कार की संस्कृति के खिलाफ बिहार में वाम दलों ने उक्त दिवस को बिहार बंद का आह्वान किया है. 19 दिसंबर का दिन स्वतंत्रता आंदोलन के महान नायकों और ‘सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है’ के गायक रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खान और रोशन सिंह की शहादत दिवस भी है. इसी दिन अंग्रेजी हुकूमत ने इन तीन क्रांतिकारियों को क्रमशः गोरखपुर, फैजाबाद व नैनीजेल (इलाहाबाद) में फांसी के तख्तों पर लटका दिया था. अतः वाम दलों तमाम न्यायपसंद, लोकतंत्र पसंद नागरिकों से 19 दिसंबर को वाम दलों द्वारा आहूत बिहार बंद को सफल बनाने में हर प्रकार का योगदान करने की अपील की.

कोई टिप्पणी नहीं: