बिहार : विश्व रेडियो दिवस पर बीबीसी के शॉर्टवेब रेडियो की याद - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 13 फ़रवरी 2020

बिहार : विश्व रेडियो दिवस पर बीबीसी के शॉर्टवेब रेडियो की याद

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पटना,13 फरवरी। आज विश्व रेडियो दिवस है।आज बीबीसी के शॉर्टवेब रेडियो की भी याद सता रही है।इसका प्रसारण 31 जनवरी (शुक्रवार) से बंद कर दिया गया। स्पेन रेडियो अकैडमी ने 2010 में पहली बार इसका प्रस्ताव रखा था। 2011 में यूनेस्को की महासभा के 36वें सत्र में 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस घोषित किया गया। 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के तौर पर यूनेस्को की घोषणा को संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने 14 जनवरी, 2013 को मंजूरी दी। बीबीसी के शॉर्टवेब रेडियो का प्रसारण 31 जनवरी (शुक्रवार) को बंद कर दिया गया। इसके आखिरी हिंदी कार्यक्रम दिनभर का अंतिम प्रसारण शाम साढ़े सात बजे हुआ। दिनभर कार्यक्रम की शुरुआत और उससे जुड़ी यादों को लेकर सोशल मीडिया और ब्लॉग पर संदेश चलते रहे। किसी ने इसके शुरुआत होने का वो दौर याद किया तो किसी ने कार्यक्रम की प्रमाणिकता के शेर पढ़े। इसके सफर पर एक नजर: बीबीसी रेडियो की विश्व सेवा, हिंदी सेवा और उर्दू सेवा का अपना स्वर्णिम इतिहास रहा है। एक तरह से इस पर उसका एकाधिकार रहा है। आपातकाल में इसकी लोकप्रियता चरम पर थी और यही प्रमाणिक खबरों का तमगा हासिल करने की घड़ी थी। इसके सबसे ज्यादा श्रोता भारत और खाड़ी के देशों में रहे है। पिछले साल भारत में बीबीसी वल्र्ड सर्विस की पहुंच तीन करोड़ से बढ़कर पांच करोड़ हो गई। इस दौरान बीबीसी के श्रोता बड़ी संख्या में शॉर्टवेव रेडियो से डिजिटल और टीवी की ओर चले गए। रेडियो श्रोताओं की लगातार गिरती संख्या को देखते हुए बीबीसी ने हिंदी में शॉर्टवेव रेडियो प्रसारण समाप्त करने का फैसला किया है। बीबीसी हिंदुस्तानी सेवा द्वितीय विश्व युद्ध में ब्रिटेन के पक्ष बताने के लिए शुरू की गई। 11 मई 1940 को दस मिनट के समाचार बुलेटिन के साथ इस सेवा का पहला प्रसारण हुआ था। जून 1941 में इसको आधा घंटा का स्पेस मिला। जुल्फिकार अली बुखारी इसके पहले संचालक बने जो 1945 तक साथ निभाते रहे। 1947 में विभाजन के बाद, यही बुखारी पाकिस्तान रेडियो के पहले महानिदेशक नियुक्त किए गए। शॉर्टवेव प्रसारण बंद होने के बावजूद बीबीसी डिजिटल माध्यमों पर अपने कुछ नियमित कार्यक्रम जैसे, विवेचना और दुनिया-जहां डिजिटल ऑडियो के रूप में प्रसारित करता रहेगा। यहां अब भी बाकी है बीबीसी रेडियो जापान व चाइना रेडियो इंटरनेशनल से हिंदी व बांग्ला का प्रसारण हो रहा है, लेकिन इसकी क्वालिटी बहुत खराब है। ड्यूचे विले व वॉयस ऑफ अमेरिका भी अपना रेडियो प्रसारण बंद कर चुका है।

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