बिहार : नालंदा मेडिकल कॉलेज को बनाया जाएगा कोरोना अस्पताल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 25 मार्च 2020

बिहार : नालंदा मेडिकल कॉलेज को बनाया जाएगा कोरोना अस्पताल

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अरुण शाण्डिल्य (बेगूसराय)  बिहार सरकार नीतीश कुमार "कोरोना" के बढ़ते हुए प्रकोप को मद्दे नजर रखते हुए यह फैसला लिया है कि पटना में भी चीन के शहर वुहान की तरह पटना में भी कोरोना अस्पताल बनवाया जाएगा।चीन में भी कोरोनासे निपटने के लिए ही अस्पताल बनवाया गया था।अब बिहार सरकार ने भी यह फैसला लिया है कि पटना के नालन्दा मेडिकल कॉलेज को कोरोना अस्पताल के रूप में तब्दील कर दिया जाएगा।जहाँ सिर्फ कोरोना से सम्बन्धित मरीजों का समुचित इलाज किया जाएगा।

यह फैसला कोरोना के बढ़ते हुए प्रकोप को देखते हुए लिया गया।
दरअसल बिहार में कोरोना से पीड़ित मरीजों के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए सतर्कता दिखाते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है।मंगलवार को सूबे में कोरोना का चौथा मरीज सामने आया चुका था।इससे पहले तीन मरीजों की पहचान हो चुकी थी,जिनमें से एक की मौत भी हो चुकी है।सरकार ये मान रही है कि लॉक डाउन के आदेशों के बावजूद सूबे में कोरोना का खतरा बढ़ सकता है अतः उससे निपटने के लिए चीन जैसी तैयारीयों में लग जाने में ही समझदारी होगी और ये जरूरी भी है। 

सरकार की उच्च बैठकों पर लिया गया फैसला
कोरोना वायरस के मामलों में हर रोज मॉनिटरिंग कर रही राज्य सरकार ने कल भी उच्च स्तरीय बैठक की।जहाँ मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में पटना के एनएमसीएच को कोरोना स्पेशल अस्पताल बनाने का फैसला लिया गया।सरकारी सूत्रों के मुताबिक पटना के एनएमसीएच को चीन के वुहान शहर में विकसित किए गए अस्पताल के तरह विकसित किया जाएगा।गौरतलब है कि चीन के वुहान से ही कोरोना वायरस ने पैर पसारे थे।वहाँ प्रशासन ने एक अस्पताल को कोरोना के लिए डेडीकेटेड अस्पताल के रूप में विकसित कर दिया था,जिसमें कोरोना के सभी संक्रमित और संदिग्ध मरीजों को भर्ती कर इलाज किया गया था।

आनेवाले सभी मरीजों को अब एनएमसीएच में भर्ती किया जाएगा।
सरकारी सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि बैठक में लिए गए फैसलों के अनुसार नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पहले से भर्ती दूसरे मरीजों को पटना मेडिकल कॉलेज अस्‍पताल पीएमसीएच में शिफ्ट कर दिया जायेगा।नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल को कोरोना स्पेशल अस्पताल के तौर पर ही विकसित किया जायेगा।सरकार यहाँ कोरोना के इलाज से संबंधित सारे संसाधन उपलब्ध कराने की बातों पर जोर दिया है।

बिहार में अबतक 909 संदिग्ध कोरोना के दायरे में 
बिहार में अब तक कोरोना पॉजिटिव 04 मरीजों की पहचान हो चुकी है।मुंगेर के एक युवक ने कोरोना वायरस से पीड़ित होने के बाद पटना के एम्स में दम तोड़ दिया था।मौत के बाद ये पुष्टि हुई की युवक कोरोना वायरस से पीड़ित था।सरकार फिलहाल सूबे के 909 लोगों पर निगरानी रख रही है,जिन्हें कोरोना का संदिग्ध मरीज माना जा रहा है।इनमें से ज्यादातर वैसे लोग हैं जो विदेश से वापस लौटे हैं।बिहार में कोरोना के सबसे ज्यादा संदिग्ध मरीज गोपालगंज जिले से हैं।गोपालगंज के 172 लोगों को कोरोना का संदिग्ध मरीज माना जा रहा है।हालांकि उनमें से कई को 14 दिनों के होम आइसोलेशन के बाद छोड़ा भी जा चुका है।पटना में 100 लोगों को कोरोना का संदिग्ध मरीज माना जा रहा है।अब इस कोरोना को लेकर सरकार का अगला कदम क्या होगा,लॉक डाउन का भी अवमानना कर रहे मूर्ख नागरिकों पर सरकार का क्या दिशा निर्देश होता है स्थानीय प्रशासन को ये तो वक्त ही तय करेगी।तबतक के लिए जुड़े रहिए।और लॉक डाउन का पालन कर देश हित के लिए तत्परता दिखाइए और एक सभ्य नागरिक का परिचय देते हुए इस महामारी से छुटकारा पाने के लिए सुरक्षा और स्वच्छता पर ध्यान दीजिए।

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