कुणाल कामरा पर अवमानना की कार्यवाही पर न्यायालय का फैसला कल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 17 दिसंबर 2020

कुणाल कामरा पर अवमानना की कार्यवाही पर न्यायालय का फैसला कल

decision-on-kunal-kamra-tomorrow
नयी दिल्ली, 17 दिसंबर, उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि हास्य कलाकार कुणाल कामरा द्वारा कथित तौर पर शीर्ष अदालत के लिए अपमानजनक ट्वीट करने के मामले में अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर वह शुक्रवार को फैसला सुनाएगा। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष ये याचिकाएं सुनवाई के लिए आईं जिसमें एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता निशांत आर कटनेश्वर्कर ने दावा किया कि कामरा ने न्यायपालिका के लिए अपमानजनक ट्वीट किए हैं। न्यायमूर्ति आरएस रेड्डी और न्यायमूर्ति एमआर शाह की सदस्यता वाली पीठ के समक्ष उन्होंने कहा, ‘‘ ये सभी ट्वीट अपमानजनक हैं और हमने इस मामले में अटॉर्नी जनरल से सहमति मांगी थी।’’ कटनेश्वर्कर ने अटॉर्नी जनरल के वेणुगोपाल का पत्र अदालत में पढ़ा जिसमें कामरा के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने को लेकर सहमति दी गई है। इस पर अदालत ने वकील से कहा कि वह हास्य कलाकार के कथित अवमानना करने वाले ट्वीट खुली अदालत में नहीं पढ़ें क्योंकि अदालत पहले ही वेणुगोपाल के पत्र को देख चुकी है। उल्लेखनीय है कि किसी व्यक्ति के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए अदालत को अवमानना अधिनियम-1971 की धारा-15 के तहत अटॉर्नी जनरल या सॉलिसीटर जनरल की सहमति लेनी होती है। कामरा के खिलाफ दायर याचिकाओं में एक याचिका विधि के छात्र श्रीरंग कटनेश्वर्कर ने दायर की है। उल्लेखनीय है कि 11 नवंबर को कामरा ने ये ट्वीट तब किए जब वर्ष 2018 में आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में आरोपी पत्रकार अर्नब गोस्वामी ने अग्रिम जमानत याचिका बंबई उच्च न्यायालय द्वारा खारिज करने के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी और शीर्ष अदालत में सुनवाई चल रही थी।

कोई टिप्पणी नहीं: