बेगूसराय : लाल बहादुर शास्त्री की 55वीं स्मृति दिवस मनाई गई। - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 11 जनवरी 2021

बेगूसराय : लाल बहादुर शास्त्री की 55वीं स्मृति दिवस मनाई गई।

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अरुण कुमार ( बेगूसराय ) आज शहीद सुखदेव सिंह समन्वय समिति की ओर से सुखदेव सभागार सर्वोदय नगर में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 55 वीं स्मृति दिवस मनाई गई,जिसकी अध्यक्षता शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने कि।इस अवसर पर नगर निगम के उप मेयर राजीव रंजन ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान जय किसान का नारा दिया था।भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री हमारे देश के ऐसे प्रधानमंत्री थे एक साधारण वेश में रहकर जनता की सेवा करते थे उनको शत-शत नमन। इस अवसर पर जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष बुनकर प्रकोष्ठ मोहम्मद अब्दुल हलीम ने कहा की लाल बहादुर शास्त्री हिंदू मुस्लिम एवं तमाम वर्गों को साथ लेकर देश की राजनीति को अच्छे ढंग से चलाया और 1956 में रेल मंत्री रहते हुए एक रेल दुर्घटना की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा भी दे दिया आज वैसे नेता धरती पर कहाँ मैं उनको जदयू की ओर से शत-शत नमन करता हूँ।इस अवसर पर फिल्म अभिनेता अमिय कश्यप ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जय जवान जय किसान का नारा देने वाले भारत के अद्वितीय प्रधानमंत्री थे वैसे इंसान को  समाज भूलते जा रहे हैं।9 जून 1974 को नेहरू जी के निधन के बाद प्रधानमंत्री बने 1965 के युद्ध में लाल बहादुर शास्त्री ने आश्चर्यजनक तौर पर भारतीय सेनाओं को लड़ाई का क्षेत्र सिर्फ जम्मू-कश्मीर तक सीमित न रखकर पाकिस्तान से जुड़ी पूरी अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक फैलाने को कहा था और सेना लाहौर और सियालकोट को निशाना बनाने की तैयारी में थी।शास्त्री के इस फैसले ने पाक सेना को हैरत में डाल दिया और इसी कारण उसे छांब-अखूनर सेक्टर से अपनी सेना को हटाकर उसे लाहौर और सियालकोट तक ही सीमित रखना पड़ा।शास्त्री के इस कदम ने कश्मीर पर नजरें गड़ाए पाकिस्तान को रक्षात्मक होने पर विवश कर दिया था। शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर  1904 में हुआ और आज के दिन 1966 में उनकी मृत्यु हो गई ऐसे महान समाजसेवी हिंदू ,मुस्लिम ,सिख ,इसाई सब को एक साथ लेकर चलने वाले प्रधानमंत्री को शत शत नमन करते हैं। इस अवसर पर महिला सेल के सचिव सुनीता देवी, आसमा, अनाया कुमारी, अशोक गुप्ता, अनेकों ने उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण की।

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