युटयुब पर लगातार आ रही डॉ रामशंकर चंचल की गजल स्वर देरही ख्यातिप्राप्त गायिका सपना राज ओ सलोने चाँद रे कोई बात कर ले को गाया है
झाबुआ। जिले के ख्यात साहित्यकार डॉ रामशंकर चंचल की ताजा ..ति मेरे गीत गजल को आप यू टयूब पर सुन कर उसका आनंद ले सकते हैं । डॉ चंचल की गजलों को बिहार कि चर्चित गायिका सपना राज ने स्वर दिया । झाबुआ जिले के प्रख्यात साहित्यकार डॉ राम शंकर चंचल को देश विदेश कई महत्वपूर्ण उपलब्धिया प्राप्त होने के बाद अब युटयुब पर भी लगातार उनकी गजले आ रही हें । श्री चंचल कि गजल को बिहार कि चर्चित गायिका सपना राज स्वार दे रही हे। चर्चित गायिका सपना राज ने अपने यू ट्यूब चेनल सपना राज कला संगम में डॉ राम शंकर चंचल की गजल ओ सलोने चाँद रे कोई बात कर ले ,,, नामक गजल को अपनी खूब सूरत प्रस्तुति दी हे। इस गौरवमय पल पर आनेका नेक मित्रों व साहित्य प्रेमियों ने डॉ चंचल को बधाई दी ।
प्रत्येक भाजपा मंडल पदाधिकारीयो को मुख्यालय पर एक जीवंत कार्यालय संचालित करना चाहिए - दौलत भावसार
श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ पर इस वर्ष गुरु सप्तमी मेला नहीं लगेगा
झाबुआ। झाबुआ से 45 किलोमीटर दूर श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ पर दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की प्रतिवर्ष गुरु सप्तमी महामहोत्सव वार्षिक पुण्यतिथि मनाई जाती है इस वर्ष गुरु सप्तमी महामहोत्सव 20 जनवरी 2021 का मनाया जाना तय था पर इस वर्ष कोरोना काल व सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए ट्रस्ट मंडल ने गुरु सप्तमी को महामहोत्सव ओर मेले के रूप में नहीं मनाने का निर्णय लिया है। झाबुआ श्री संघ के वरिष्ठ एवं महावीर स्मारक समिति के ट्रस्टी संतोष नाकोडा ने उक्त जानकारी दी है। दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पाट परम्परा के श्री मोहनखेड़ा तीर्थ विकास प्रेरक वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के मार्गदर्शन में गुरुदेव प्रभु श्री राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. का 194 वां जन्मदिवस व 114 वां पुण्यतिथि दिवस 20 जनवरी 2021 को मनाया जावेगा । श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि तीर्थ की पावन पूण्य भूमि पर कोविड 19 पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदत्त सरकारी गाईड लाईन के तहत दर्शनार्थीयों के लिये दर्शन, वंदन, आवास व भोजन व्यवस्था रहेगी । 65 वर्ष की उम्र से अधिक के श्रद्धालु व बच्चों को साथ में नहीं लावे । इस वर्ष गुरु सप्तमी मेले का कोई आयोजन नहीं किया जा रहा है आगन्तुक दर्शनार्थियों की सुचना ईमेल पर प्राप्त होगी उसी अनुसार आवास व्यवस्था उपलब्ध करवाई जावेगी। आगन्तुक अतिथियों को कोविड 19 के तहत् मास्क आदि पहनना जरुरी होगा । किसी भी प्रकार का सार्वजनिक पूजा अर्चना बंद रखी गयी है । झाबुआ श्री संघ के संतोष नाकोडा ने बताया है कि गुरु सप्तमी के दिन किसी भी प्रकार का मंच कार्यक्रम, मंचीय संगीत भक्ति, कविसम्मेलन आदि का आयोजन नहीं किया जावेगा । आगन्तुक यात्रीयों को अपना आधार कार्ड साथ लाना जरुरी होगा ।
आचार्यश्री ने हेपेटाईटिस बी और सी के पाजिटिव मरीजों को डायलेसिस की दी सौगात
श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में पूर्व एसडीएम श्री विजय राय को दी विदाई
बड़ी दीक्षा के साथ ही नवदीक्षिता प्रणिधिजी धर्मदास श्रमण समुदाय में सम्मिलित, ग्राम खवासा में नवदीक्षिता प्रणिधिजी की बड़ी दीक्षा सम्पन्न
थांदला ध्झाबुआ। शाश्वत सुख मोक्ष पाने के लिए संयम मार्ग पर साधक आत्मा चार प्रकार से गमन करती है एक वह जो श्रमण धर्म को अपना कर उसे वमन कर देती हैए दूसरी वह जो उसे भोग का हेतु मानती हैए तीसरी उसे सुरक्षित रखती है जबकि चौथी उसमें वृद्धि करती हुई अपना लक्ष्य साध लेती है। उक्त प्रवचन परंपरानुरूप एक कहानी के माध्यम से जिन शासन गौरव जैनाचार्य उमेशमुनिजी मण्साण् ष्अणुष् के प्रथम शिष्य धर्मदास गण प्रवर्तक पूज्य श्रीजिनेंद्रमुनिजी मण्साण् ने नव दीक्षिता प्रणिधिजी मण्साण् को बड़ी दीक्षा के पाठ ग्रहण करवाते हुए उन्हें व उपस्थित धर्म परिषद को दिए। 25 दिसंबर को करेमि भंते के पाठ से तीन कर्ण तीन योग से सर्वव्यापी सावद्य क्रिया के त्याग के पश्चात सर्व विरति व्रत अंगीकार करने के पश्चात नव दीक्षिता पूजा महासती श्रीप्रणिधिजी मण्साण् ने आज पर्वतकश्री के मुखारविंद से छेदोपस्थानिक चरित्र ग्रहण कर लिया। राजवाड़ा चौक खवासा में अणु जिनेंद्र दरबार में धर्मादाय गण के नायक आगम विशाल बुद्ध पुत्र प्रवर्तक पूज्य गुरुदेवए मधुर गायक पूज्य गिरिशमुनिजीए पूज्य रविमुनिजीए साध्वी प्रमुख पूज्य गुराणी पुण्य पुंज पुण्याशीलाजीए पूज्याश्री अनुपमशीलाजी आदि ठाणा के पावन सानिध्य में बदनावरए रतलामए झाबुआए मेघनगरए थांदलाए पेटलावदए करवड़ स्थानों से आये सैकड़ो श्रावक . श्राविकाओं की उपस्थिति में प्रवर्तकश्री ने नवदीक्षिता प्रणिधिजी मण्साण् के पूर्व पर्याय का छेदन कर पंच महाव्रत आरोपित कर उन्हें विधि पूर्वक संत समुदाय में सम्मिलित कर लिया। पूज्य श्री ने दसवें कालिक सूत्र के प्रथम चार अध्ययन के माध्यम से साधु समाचारी का सरलए सार गर्भित एवं विशद विवेचन कर नव दीक्षिता महाराज साहब को मोक्ष के राजमार्ग पर सजगता से चलने की प्रेरणा दी। पाँच महाव्रतए 52 अणाचिर्णए छः काय जीवों का स्वरूप समझाते हुए पूज्यश्री ने कहा कि इनकी पूर्व जानकारी होने पर यातनामय साधना की जा सकती हैए आपने नवदीक्षिता को कषायों का शमन करते हुए क्षमा आदि धर्म गुण अपना कर संयम साधना की सीख दी। पूज्यश्री ने छोटी और बड़ी दीक्षा का अंतर बताते हुए कहा कि आत्मा छोटी दीक्षा करेमि भंते के पाठ से सभी पापों से विरत हो जाता हैए लेकिन वह सन्त समुदाय में शामिल नही होता हैए उसे अपना आहार आदि कार्य स्वयं व अलग ही करना होता हैए जबकि बड़ी दीक्षा में पांच महाव्रत का पूर्ण रूपेण आरोपण किया जाता है जिसके बाद ही नव दीक्षित विधि पूर्वक संत समुदाय के सम्मिलित हो जाते है। इस अवसर पर पूज्य गिरीशमुनिजी एवं रविमुनिजी ने मधुर स्वर में स्तवन के माध्यम से नव दीक्षिता को सावधान करते हुए संयम साधना में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हुए उनकी सफल आराधना की मंगल कामना की। धर्मसभा में नवदीक्षिता के सांसारिक परिजनए धर्मदासगण के पदाधिकारीए पूज्य श्री नन्दाचार्य साहित्य समिति के पदाधिकारीए आल इण्डिया जैन जर्नलिस्ट एसोसिएशन ;आईजाद्ध के पदाधिकारी भी उपस्थित थे। धर्मसभा का कुशल संचालन श्रीसंघ के कमल चौपड़ा ने किया। आगन्तुक अतिथियों के आतिथ्य सत्कार व गौतम प्रसादी का लाभ खवासा श्रीसंघ द्वारा लिया गया।
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