- सिताबदियारा से शुरू होकर सिवान, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण और शिवहर पहुंचे
- इसके बाद सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, वैशाली, पटना, औरंगाबाद, जहानाबाद, बोधगया होते हुए प्राचीन ज्ञानस्थली नालंदा तक जाएगी।
शिवहर। भारत पुनर्निर्माण अभियान के तत्वावधान में बिहार संवाद यात्रा जारी है।आज शिवहर जिले में जिला प्रशासन के साथ संवाद बैठक की गयी । इस संवाद बैठक में गरीबी उन्मूलन,गैर बराबरी उन्मूलन, नफरत के बदले प्रेम, श्रम केंद्रित समाज निर्माण, लोक शासन की संकल्पना आदि पर चर्चा की गयी।भारतीय प्रशासनिक सेवा के युवा अधिकारी एवं उप विकास आयुक्त श्री विशाल राज व अभियान की वरिष्ठ साथी शिक्षा विचारक स्मृति राज ने अपने अपने विचार रखे। वर्ल्ड पीस ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष मौलाना ए आर शाहीन कासमी ,श्रीमती रिंकू देवी एवं शिवहर के जिला सभागार में समस्त संबंधित पदाधिकारियों के साथ संवाद स्थापित किया गया।
बता दें कि जल पुरुष रमन मैग्सेसे विजेता तथा वाटर स्टॉकहो नोबेल प्राइज विजेता डॉ. राजेंद्र सिंह ने कहा है कि जल के बिना जीवन और हरियाली की कल्पना नहीं की जा सकती है। जलवायु परिवर्तन में जल का विशेष महत्व है। जल के संवर्धन के लिए सभी को एक साथ मिलकर कार्य करना होगा। जल पुरुष श्री सिंह भारत पुनर्निर्माण अभियान के अंतर्गत बिहार संवाद यात्रा में जलवायु संवर्धन से संबंधित विषयों पर समाहरणालय में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज और समाज एक साथ मिलकर कार्य करेंगे, तो एक अच्छे वातावरण का निर्माण हो सकता है। अपने अनुभवों और प्रयोगों को साझा करते हुए बहुत सारे महत्वपूर्ण सुझाव दिए, जिससे बिहार और शिवहर जिला समृद्धि की ओर अग्रसर हो सके। इससे जल-जीवन-हरियाली के सपने को नया आयाम मिलेगा। बता दें कि भारत पुनर्निर्माण अभियान के तत्वावधान में बिहार संवाद यात्रा 30 जनवरी 2021 शहीद दिवस से शुरू होकर 12 फरवरी 2021 तक चलेगी। इसकी शुरुआत देश के जाने-माने पर्यावरणविद् एवं रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित जलपुरुष डॉ. राजेंद्र सिंह ने की है। बिहार संवाद यात्रा सिताब दियारा (सारण) से प्रारंभ होकर सिवान, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चम्पारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, वैशाली, पटना, औरंगाबाद, जहानाबाद, बोधगया होते हुए प्राचीन ज्ञानस्थली नालंदा तक जाएगी। मौके पर मौलाना एजाज शाहीन कासमी चतुर्वेदी, स्मृति राज सहित अन्य जिलास्तरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।
जलपुरुष डॉ. राजेंद्र सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस यात्रा में जगह-जगह खुली चर्चा होगी। हमें यह समझना है कि प्रकृति सभी की जरूरतों को पूरा करती है लेकिन वह एक भी व्यक्ति की लालच को पूरा नहीं कर सकती। बढ़ती बाढ़, सुखाड़ की आपदा से बचने के लिए यह आवश्यक है कि सभी प्राकृतिक सहवरण करें, प्रकृति के बारे में सोचें। हम सभी जानते हैं कि हम लोग सही रास्ते पर नहीं हैं दुनिया को रास्ता दिखाने वाला भारत अब विश्व गुरु नहीं रहा, लेकिन भारत पुन: विश्व गुरु बन सकता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की रक्षा भारत की आस्था में निहित थी लेकिन उस आस्था को भारत भूल गया इसलिए भारत दुनिया का विश्व गुरु नहीं रहा। भारतीय ज्ञान तंत्र को दोबारा पुनर्जीवित करने के बाद भारत पुन: विश्व गुरु बन सकता है। बिहार संवाद यात्रा के संयोजक मनोहर मानव ने बताया कि वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा को केंद्र में रखकर जलवायु परिवर्तन, अहिसा की ताकत, श्रम केंद्रित समाज निर्माण, लोक-शासन की संकल्पना, गरीबी उन्मूलन, किसान के जमीन और आजीविका की सुरक्षा, समतामूलक समाज और पर्यावरण तथा स्वास्थ्य परक मानवता का निर्माण करना है। इसके पूर्व जीरादेई कार्यक्रम में भाग लेने के पहले सभी यात्रियों ने रेनुआ गांव स्थित पूर्व सांसद स्वर्गीय उमाशंकर सिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित किया। उन्होंने बताया कि गांधी पखवारा में चलने वाली यह यात्रा सिताबदियारा से शुरू होकर सिवान, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, वैशाली, पटना, औरंगाबाद, जहानाबाद, बोधगया होते हुए प्राचीन ज्ञानस्थली नालंदा तक जाएगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें