बिहार में जहरीली शराबों से लगातार मौतें चिंताजनक : माले - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2021

बिहार में जहरीली शराबों से लगातार मौतें चिंताजनक : माले

  • गोपालगंज के विजयीपुर में जहरीली शराब से हुई मौतों को छिपाने में लगा है प्रशासन.
  • स्थानीय विधायक व मद्य निषेध मंत्री की चुपी शर्मनाक.
  • मामले की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराए सरकार, माले विधायक दल करेगा दौरा

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पटना 19 फरवरी, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि बिहार सरकार के तमाम दावों के विपरीत राज्य में जहरीली शराब से लगातार मौतों का होना बेहद चिंताजनक है. गोपालगंज के विजयीपुर में लगातार कई मौतों से इलाके में दहशत का माहौल है, लेकिन जिला प्रशासन हकीकत को छुपाने में लगा हुआ है. वहां के डीएम ने बयान दिया है कि मजदूरों की मौत जहरीली शराब से नहीं बल्कि उनकी स्वभाविक मौत हुई है. यह वक्तव्य सरासर गलत है. इसलिए हमारी मांग है कि विजयीपुर जहरीली शराब कांड की घटना की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिए. माले विधायक दल जल्द ही घटनास्थल का दौरा करेगा और सच्चाई को सामने लाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार के मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार उसी इलाके के विधायक हैं. लेकिन अब तक वे घटनास्थल पर भी नहीं पहुंचे हैं. जब उनके अपने इलाके का यह हाल है तो पूरे राज्य में स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है. प्रशासन द्वारा मामले की सच्चाई छुपाने के प्रयासों पर उनका अब तक बयान नहीं आना शर्मनाक है. ऐसा प्रतीत होता है कि अवैध शराब का यह पूरा कारोबार सरकार व प्रशासन की मिलीभगत से चलाया जा रहा है. आज भाकपा-माले के जिला सचिव इंद्रजीत चैरसिया ने ग्रामीणों से बातचीत और जांच-परख के उपरांत कहा है कि ये मौतें जहीरीली शराब के कारण ही हुई है. रिपोर्ट के अनुसार मझवलिया में नरसिंह ईंट भट्ठे पर काम करने वाले मजूदरों व कुछ और लोगों ने पास के ही मठिया गांव के पास जाकर शराब पी थी. मंगू उरांव (45 वर्ष), बुधवा पन्ना और कर्मा पन्ना की मौत इलाज के दौरान हो गई. इन मृतक मजदूरों के परिवारों ने भी स्वीकार किया है कि ये मौतें जहरीली शराब के कारण हुई है. ये सारे मजदूर झारखंड के जिला गुमला के हैं. जिला प्रशासन ने इन सभी लोगों के शवों का पोस्टमार्टम कराकर घर भेज दिया और जहरीली शराब की बात से इंकार किया. वहीं, रामअवध यादव और काशी यादव, दोनों बाप-बेटे की भी इसी दौरान मौत हुई. उनका बिना पोस्टमार्टम कराए ही अंतिम संस्कार कर दिया गया. स्थानीय प्रशासन ने अपनी जांच में इन मौतों को स्वभाविक मौत करार देकर अपना पल्ला झाड़ लिया है. जो पूरी तरह संदेहास्पद है. इनके परिवार में एक व्यक्ति चैकीदार है, इनको पुलिस प्रशासन समझा दिया कि शराब की बात उठाइयेगा तो चैकीदार वाली नौकरी चली जायेगी. इसलिए लोग आधिकारिक तौर पर वक्तव्य नहीं दे रहे. अभी तक तिलकधारी यादव, रामधनी गोड़ गम्भीर रूप से बीमार हैं और इनका इलाज गोपालगंज अस्पताल में चल रहा है. प्रशासान इसको लीपा-पोती करने में लगा हुआ है.

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