जलवायु परिवर्तन पर भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग पर विधेयक - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 16 अप्रैल 2021

जलवायु परिवर्तन पर भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग पर विधेयक

bill-in-us-assembly-on-indo-us-climate-change-meet
वाशिंगटन, 16 अप्रैल, अमेरिका के 10 सीनेटरों के एक समूह ने एक व्यापक अंतरराष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन विधेयक पेश किया है, जिसमें व्हाइट हाउस द्वारा अगले सप्ताह आयोजित किए जाने वाले विभिन्न देशों के नेताओं के शिखर सम्मेलन से पहले इस क्षेत्र में भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग को फिर से मजबूत करने समेत जलवायु परिवर्तन से निपटने में मददगार विभिन्न बातों का जिक्र किया गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने 22 और 23 अप्रैल को आयोजित होने वाले इस शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विश्व के 40 नेताओं को आमंत्रित किया है। सीनेट विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष एवं सीनेटर बॉब मेनेंडेज ने नौ अन्य डेमोक्रेटिक सदस्यों के साथ मिलकर ‘जलवायु परिवर्तन के अंतरराष्ट्रीय न्यूनीकरण, अनुकूलन और प्रौद्योगिकी संवर्धन में अमेरिका के नेतृत्व संबंधी विधेयक’ (अमेरिकी जलवायु विधेयक 2021) को पेश किया। मेनेंडेज ने कहा कि इस विधेयक में जलवायु परिवर्तन संबंधी व्यापक विदेश नीति पर सर्वाधिक ध्यान केंद्रित किया गया है। इस 212 पृष्ठों वाले विधेयक में भारत के लिए एक अलग अनुभाग समर्पित किया गया है, जिसमें बाइडन प्रशासन से अपील की गई है कि वह स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान विकास एवं निवेश पर भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग को पुन: मजबूत करने के लिए कदम उठाए। विधेयक में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था एवं मध्यम वर्ग के विस्तार के साथ भारत में ऊर्जा की मांग बढ़ेगी, ऐसे में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और जलवायु सुरक्षा बढ़ाने में मददगार और पर्यावरणीय एवं सामाजिक रूप से जिम्मेदार तरीकों से ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने में भारत का समर्थन करना अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एवं वैश्विक सुरक्षा के हित में होगा। इसमें कहा गया है कि भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा में वैश्विक नेता बनकर अपनी बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा किया है। विधेयक में कहा गया है कि नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश और राष्ट्रीय ग्रीनहाउस गैस न्यूनीकरण नीतियों के क्रियान्वयन के बावजूद भारत में दुनिया के सबसे दूषित जीवाश्म ईंधन बिजली संयंत्र हैं और उसके परिवहन क्षेत्र से अत्यधिक उत्सर्जन होता है। इसमें कहा गया है कि भारत विदेशी निवेश का अहम बाजार है और यह अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा विकास के क्षेत्र में भविष्य में बड़ा प्रतिद्वंद्वी होगा। विधेयक में कहा गया है कि स्वच्छ ऊर्जा मंत्री एवं अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में भारत के नेतृत्व ने उसे नवीकरणीय ऊर्जा के विकास में अग्रणी बना दिया है और इसे स्वच्छ ऊर्जा उत्पादकों में शीर्ष पांच वैश्विक उत्पादकों में शामिल करने में मदद की है।

कोई टिप्पणी नहीं: