इंदौर : 40 गांवों को पीने के पानी के भी पड़े लाले - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 26 जून 2021

इंदौर : 40 गांवों को पीने के पानी के भी पड़े लाले

  • मानपुर के खेतों में पीतमपुर के केमिकल डम्पिंग  करने से नदी, तालाब ,कुछ,  बावड़ी का पानी हुआ दुषित
  • मेधा पाटकर  के नेतृत्व में ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल संभागायुक्त से मिला, ग्रामीणों ने नदियों बोरिंग का काला पड़ चुका पानी और खेतों में खराब हुई फसल भी बताई 

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इंदौर। इंदौर जिले के मानपुर में पीथमपुर और अन्य उद्योगों का केमिकल डंप किए जाने से खेती, पानी और नदी तथा पेयजल स्रोत दूषित हो गए हैं  ।इस भीषण त्रासदी के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होने से 2 पंचायतों के 40 से ज्यादा गांव के सैकड़ों लोगों में भारी आक्रोश है । इस समस्या को लेकर आज नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल संभागायुक्त पवन कुमार शर्मा से मिला तथा 1 घंटे की चर्चा में उन्हें पूरी स्थिति से अवगत कराया ।  गौरतलब है कि इसी समस्या को लेकर 1 सप्ताह पूर्व इंदौर कलेक्टर को भी गांव के लोगों ने ज्ञापन देकर लोगों के जन जीवन से खिलवाड़ करने और नदी और पेयजल स्रोतों को दूषित करने वाले आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी तथा कृषि भूमि को दूषित करने वालों तथा वहां केमिकल की डंपिंग भी बंद करने की मांग की थी, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं होने से ग्रामीणों ने आज संभाग आयुक्त से मुलाकात की।


मेधा पाटकर के नेतृत्व में मिले प्रतिनिधिमंडल में रामस्वरूप मंत्री, डॉक्टर हीरोले, ओंकार  कटारा, सालम ढाबर,  रंजीत मकवाना, सोनू शर्मा, राजेश बैरागी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण और जन संगठनों के कार्यकर्ता शरीक थे। कमिश्नर को प्रतिनिधिमंडल ने खेतों में खराब हुई फसल के बैंगन और बिल्कुल काला हो चुका नदी और पेयजल स्रोतों के पानी की भरी बाटले भी बताई मेधा पाटकर ने कहा कि यह अति गंभीर मुद्दा है और पहाड़ी आदिवासियों पर अत्याचार ही है । महू तहसील के काली कराए और ढाल, धार जिले की पंचायतों के करीबन 40 गांव के आदिवासी को पीने का पानी भी नहीं मिल पा रहा है । नदी प्रदूषित होने के कारण सभी निवासी और मवेशी को पीने लायक पानी भी नहीं मिल रहा है । इस प्रदूषण जिससे पानी लाल काला हो चुका है वह मवेशियों की मृत्यु का कारण बन रहा है । पाटकर ने बताया कि  कचनार नदी आगे जाकर नर्मदा में मिलती है और नर्मदा के जल प्रदूषित होने का खतरा बढ़ गया है  ।   आपने बताया कि करीब 1 महीने से इस समस्या को लेकर ग्रामीण लगातार शिकायतें कर रहे हैं लेकिन दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं होना आश्चर्य  जनक है।  पीतमपुर की कारखानों से निकलने वाले प्रदूषित केमिकल को डंप करने से खेती भी खराब हो गई है । अजनार नदी और पेयजल  जहरीला बन चुका है । यह कारण नदी में पहुंचकर अब नर्मदा की ओर जा रहा है जो कि मृत्यु की घंटी बजा रहा है । अगर इसे रोका नहीं गया तो इंदौर और खरगोन जिले के सैकड़ों गांव हजारों हजार परिवारों के लिए जानलेवा साबित होगा । केमिकल की डंपिंग करने के जिम्मेदार प्रकाश राठौड़ और उन पर अभी तक भी कोई कार्यवाही नहीं होना आश्चर्य में डालता है।  प्रतिनिधि मंडल ने संभागायुक्त से मांग की ठीक आरोपियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। उन्हें गिरफ्तार किया जाए और डंपिंग वाले स्थान से केमिकल हटाना तथा आगे से केमिकल की डंपिंग ना हो इसकी व्यवस्था प्रशासन करें। यदि 8 दिनों के अंदर समस्या का समाधान नहीं होता है तो ग्रामीण इंदौर और धार जिले के हजारों लोगों के साथ बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे । संभागायुक्त ने आश्वस्त किया कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा तथा डंपिंग पर भी रोक लगेगी  । उन्होंने तत्काल अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे कल से ही इस डंपिंग को रोकने, आरोपियों को गिरफ्तार करने और डंपिंग वाले स्थान की सफाई की व्यवस्था करें तथा पेयजल स्त्रोतों की भी जांच करें तथा उन्हें किस तरह से उपयोगी बनाया जा सकता है इसकी व्यवस्था करें  ।साथ ही जब तक यह व्यवस्था नहीं होती है तब तक प्रभावित सभी गांव को पेयजल की आपूर्ति टैंकरों के जरिए कराई जाए  ।

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