तैयारी में कमी सामूहिक तंत्र की सबसे बड़ी नाकामी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 22 जून 2021

तैयारी में कमी सामूहिक तंत्र की सबसे बड़ी नाकामी

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वाशिंगटन, 21 जून, दुनिया की शीर्ष 20 सबसे बड़ी दवा कंपनियों में शामिल एक कंपनी की अनुसंधान शाखा का नेतृत्व करने वाले एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने कोविड-19 को हाल के समय का सबसे गंभीर स्वास्थ्य संकट बताते हुए कहा है कि महामारी के खिलाफ तैयारियों में कमी हमारी सामूहिक तंत्र की ‘‘सबसे बड़ी नाकामी’’ रही है। टाकेडा फार्मास्युटिकल कंपनी लिमिटेड में आर एंड डी के अध्यक्ष डॉ एंड्रयू प्लम्प ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं किसी पर भी उंगली नहीं उठाना चाहता। एक तरह से यह हमारी व्यवस्था की नाकामी है। आप दलील दे सकते हैं कि कोविड-19 के खिलाफ हमारी कार्रवाई हमारी व्यवस्था की सबसे बड़ी सफलता है, लेकिन वहीं यह संभवत: हमारी सबसे बड़ी सामूहिक नाकामी भी है जो हमारी तैयारियों में कमी के कारण रही है।’’ बोस्टन के यूएसए इंडिया चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स (यूएसएआईसी) द्वारा 22 जून को आयोजित किये जा रहे 15वें वार्षिक भारत-अमेरिका बायोफार्मा और स्वास्थ्य देखभाल शिखर सम्मेलन से पहले डॉ प्लम्प ने कहा, ‘‘कोविड-19 हमारी पीढ़ी या हमसे पहले की पीढ़ी के लिए सबसे बुरा स्वास्थ्य संकट रहा है। दुनिया में जो कुछ भी हो रहा है वह भयावह है।’’ उन्होंने कहा, हालांकि इसमें आशा की किरण भी दिखी है और भविष्य के लिए हम इससे निश्चित रूप से सीख भी ले सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि सबसे अहम सीख यह है कि अतीत से सीख लें। हम जानते हैं कि महामारी आने वाली है और वास्तव में इस वक्त कुछ मायने में हम भाग्यशाली रहे हैं। इस महामारी से जितना नुकसान हो सकता था उसकी तुलना में बड़ी क्षति नहीं हुई है जो अनुमान से अधिक बुरा हो सकता था।’’ हाल में स्टैट वेबसाइट में एक विचार लेख में उन्होंने लिखा था कि वैसे तो कोविड-19 महामारी मानवीय और स्वास्थ्य आपदा रही है लेकिन वैज्ञानिक उपायों के चलते इस वक्त दुनिया भाग्यशाली रही। पिछले साल स्थापित कोविड आर एंड डी अलायंस के सह-संस्थापक ने डॉ प्लम्प ने कहा कि महामारी को भी उतना महत्व देने की आवश्यकता है जिनती की सरकारें रक्षा को अहमियत देती हैं।

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