- 17 अगस्त को बड़वानी में नर्मदा किसान मजदूर होंगे इकठ्ठा
- राकेश टिकेत, योगेंद्र यादव, हनन मौला ,तेजिंदर विर्क ,डॉ सुनीलम, पूनम पंडित सहित कई किसान नेता और जन नेता होंगे अतिथि
- शहीद भगत सिंह की भांजी गुरजीत कौर भी आएगी पंजाब से
इंदौर। नर्मदा बचाओ आंदोलन के अहिंसक सत्याग्रह को 16 अगस्त को 36 साल पूरे हो रहे हैं ।आंदोलन द्वारा ही मध्य प्रदेश गुजरात और महाराष्ट्र के हजारों किसान मजदूरों को पुनर्वास का हक मिला। 36 साल पूरे होने पर 17 अगस्त को बड़वानी में एक विशाल नर्मदा किसान मजदूर जन संसद का आयोजन किया गया है । जिसमें मध्य प्रदेश ,गुजरात और महाराष्ट्र के हजारों किसान तो शिरकत करेंगे ही साथ ही नर्मदा घाटी के गांव गांव से हजारों लोग बड़वानी पहुंचेंगे । इस किसान मजदूर जन संसद से अतिथि के रूप में किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकेत, योगेंद्र यादव, हन्नान मोल्ला, डॉ सुनीलम ,तेजिंदर सिंह विर्क मेधा पाटकर तो आ ही रहे हैं, साथ ही शहीद भगत सिंह की भांजी गुरजीत कौर, पूनम पंडीत सहित विभिन्न किसान और जनांदोलन के साथी भी इसमें सम्मिलित होंगे ।
नर्मदा बचाओ आंदोलन की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि इनमें से अधिकांश नेता 16 अगस्त को ही बड़वानी पहुंच जाएंगे । गौरतलब है कि नर्मदा बचाओ आंदोलन के साथी पिछले 8 महीनों से चल रहे किसान आंदोलन में बढ़-चढ़कर भागीदारी कर रहे हैं । आज जब नर्मदा बचाओ आंदोलन के 36 साल पूरे हो रहे हैं तो यहां आयोजित किसान मजदूर संसद में विभिन्न नेता आकर किसानों की नर्मदा घाटी की और अन्य समस्याओं पर चर्चा करेंगे , साथ ही इस मजदूर किसान संसद में नर्मदा ही नहीं भारत का जल विकास ,खेती ,जंगल और नदी का अधिकार तथा मध्य प्रदेश और केंद्र शासन के अत्याचार पर भी विचार कर रणनीति बनाएंगे । इस किसान मजदूर संसद में नर्मदा घाटी और मध्यप्रदेश के सैंचुरी और अन्य कारखानों के श्रमिक जंगल, पहाड़ वासी, मछुआरे ,आदिवासी भी भागीदारी कर उनके साथ हो रहे अन्याय की जानकारी देंगे ।जन संसद में सरकारी अत्याचार और गैरकानूनी तरीके से मजदूरों किसानों के हक छीने जाने के खिलाफ जनादेश भी पारित किया जाएगा ।
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