आलेख : विकास के दम पर नये भारत की बदलती तस्वीर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 27 अगस्त 2021

आलेख : विकास के दम पर नये भारत की बदलती तस्वीर

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देश इन दिनों आजादी के 75 साल का अमृत महोत्सव मना रहा है। वाकई में देश आजादी के इस सफर में विकास के अनगिनत कीर्तिमान गढ़ते हुए दुनिया में अपनी धाक जमा रहा है। आज भारत दुनिया की 6 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 2030 तक भारत टॉप थ्री अर्थव्यवस्था वाला देश होगा। यह बदलते भारत की नई तस्वीर है, जिसकी पूरी दुनिया कायल है।   वर्तमान कोरोना काल की ही बात करें तो भारत ने इस दौरान अमेरिका, इंग्लैड जैसे बड़े मुल्कों को जिस तरीके से महामारी के दौर में मदद की, उसने हमारी विश्व गुरु और सेवा परमोधर्म की छवि को और मजबूत किया है। पूरी दुनिया में, चाहे विकसित देश हों या फिर विकासशील, हर कोई कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ। शुरुआती दौर में भारत ने सभी जरुरतमंद मुल्कों को दवा मुहैय्या कराई और फिर भारत ने रिकार्ड समय में कोरोनारोधी टीके बनाकर पूरी दुनिया को अपनी तकनीक और मानव संपदा का परिचय दिया। इस दौरान भारत ने दुनिया के साथ अपनी सौहार्द और मैत्रीपूर्ण छवि का परिचय देते है जरुरतमंद मुल्कों को टीका मुहैय्या कराया और पूरे दुनिया को कोरोना से मुकाबले में सहयोग दिया। ये 75 साल में दृढ़ और मजबूत होते नये भारत की तस्वीर है जो अब हर क्षेत्र में नजर आती है। इतना ही नहीं जेनरिक दवाओं और टीकों के उत्पादन में आज भारत दुनिया के टॉप देशों में शुमार है। और यह सब हमारे वैज्ञानिकों की असीम मेहनत और मेधा का कमाल है।  भारत ने इन 75 सालों में शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान, तकनीक, शोध, कृषि, महिला विकास समेत ज्यादातर मानव विकास सूचकांकों में अपनी स्थिति बेहतर की है। आदिवासी बहुल इलाके हों या ग्रामीण या फिर शहरी, हर जगह लोगों के जीने का तरीका बदला है और किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने में देश आज सक्षम होता नजर आता है। जल, थल और वायु हर तरफ सीमा सुरक्षा से लेकर रक्षा के सभी क्षेत्रों में भी देश ने आत्मनिर्भरता की राह तैयार की है। पिछले कुछ सालों में देश ने जिस तरीके से सुरक्षा को लेकर अपनी आत्मरक्षा का परिचय दिया है, वो नये भारत के नये तेवर की झलक भी है, जिसने आतंकवाद को करारा जवाब देने के साथ दुनिया को अपनी दक्षता का भी परिचय दिया है। चाहे सर्जिकल स्ट्राईक हो या फिर लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद हर जगह मजबूत भारत और बदलते भारत की तस्वीर देखने को मिली। इसका नतीजा यह रहा कि भारत कूटनीति के साथ साथ दुनिया में अपनी सामरिक मजबूती का भी परिचय देने में पूरी तरह सफल रहा और आज इसकी झलक दुनिया के हर बड़े मंच पर साफ दिखता है। 

        

भारत ने आज आजादी के 75 साल बाद खाद्य सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी काफी प्रगति की है और देश की बढ़ती आबादी की चुनौतियों के बीच आत्मनिर्भरता की राह तैयार करते हुए किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लक्ष्य के साथ दूसरी कृषि क्रांति की दिशा में आगे बढ़ रहा है। भारत ने जहां अपनी सवा सौ करोड़ से ज्यादा की आबादी को खाद्य सुरक्षा गारंटी का कवच दिया है वहीं दुनिया के जरुरतमंद मुल्कों को सस्ते दर पर अनाज भी निर्यात करने का काम किया है।   सूचना, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भी भारत ने इन 75 सालो में पूरी दुनिया से अपना लोहा मनवाया है। भारत आज परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र है। हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत का ही नतीजा है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो की गिनती दुनिया के शीर्ष अंतरिक्ष अनुंसधान संगठनों में होती है। इसरो को आज न केवल किफायती बल्कि सटीक और दक्ष मिशनों के लिए जाना जाता है। यही कारण है कि दुनिया के तमाम विकसित देश भी अपने उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के लिए इसरो की शरण में आते हैं। एक बार 104 छोटे-बड़े उपग्रहों को प्रक्षेपित करने का कीर्तिमान भी इसरो जैसे संस्थान ने बनाया है। हमारे मंगलयान और चंद्रयान जैसे अभियान ने हमारे अंतरिक्ष अनुसंधान में चार चांद लगाए हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि अधिकाशं उपलब्धिया स्वदेशी तकनीक के दम पर हासिल की है। 

       

देश ने 100 फीसदी घरों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य हासिल किया और लगातार केंद्र सरकार की ओर से यह प्रयास किया जा रहा है कि 2022 तक देश के हर परिवार के सर पर अपना छत हो। इस दिशा में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी और ग्रामीण) के जरिये युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के जरिये हर परिवार को गैस चुल्हा देने का काम किया जा रहा है, ताकि महिलाओं को चुल्हे के धुएं से मुक्ति मिले और पर्यावरण की रक्षा हो। इस अभियान का एक बड़ा फायदा महिलाओं के स्वास्थ्य में भी देखने को मिल रहा है।  खुले में शौच भारत के लिए एक अभिशाप की तरह था, जिसे अब लगभग खत्म कर दिया गया है। देश के हर परिवार के पास अपना शौचालय है और स्वच्छता की दिशा में भी देश में जनआंदोलन के जरिए एक बड़ा बदलाव दिख रहा है।  शिक्षा के क्षेत्र में भी भारत के कई संस्थानों ने दुनिया के बड़े विश्वविद्यालयों के सामने अपनी पहचान स्थापित की है और आज हमारे कई संस्थान टॉप 100 की सूची में जगह बना रहे हैं। कई क्षेत्र अभी ऐसे हैं जिनमें काफी कुछ किया जाना बाकी है। लेकिन एक बात तो साफ है कि भारत ने आजादी के सफर को संघर्ष के साथ चलते हुए सुहाना बनाया है और आने वाले दिनों में एक बार फिर कहा जा सकेगा कि भारत सोने की चिड़िया है। 





(विनय कुमार, वरिष्ठ पत्रकार)

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