मधुबनी : व्यवहार न्यायालय में घटी एक ऐतिहासिक घटना, माले को मिली बड़ी जीत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 27 मई 2022

मधुबनी : व्यवहार न्यायालय में घटी एक ऐतिहासिक घटना, माले को मिली बड़ी जीत

  • *झूठे आरोप के तहत गिरफ्तार किए गए भाकपा-माले कार्यकर्ता सोमन पासवान सहित चारों दलित गरीबों को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मधुबनी ने पुलिस रिक्यूजिशन को खारीज करते हुए पुलिस कस्टडी से किया मुक्त।
  • *मधुबनी नगर थाना कांड संख्या 137/20 में बगैर इंजूरी के दफा 307 में मुकदमा सत्य करार देने के खिलाफ तत्कालीन अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मधुबनी सदर सुश्री कामनी बाला को किया कारण बताओ नोटिस।
  • *झूठे आरोप के तहत गिरफ्तार करने के आरोपी पुलिस आई ओ , को भी जारी किया गया कारण बताओ नोटिस।
  • *माले नेता सोमन पासवान सहित चार दलित गरीबों की सुंदरपुर भिठ्ठी से की गई गिरफ्तारी, सामंती ताकतों एवं पुलिस व दलाल गठजोड़ का परिणाम था- ध्रुब कर्ण

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मधुबनी, 26 मई,2022, "भाकपा-माले के राज्य कमिटी सदस्य सह जिला सचिव ध्रुब नारायण कर्ण ने दिनांक 24 मई को सुदरपुरभिठ्ठी के माले कार्यकर्ताओं सोमन.पासवान,मंगल.पासवान,बहादुर.पासवान व मुखिया.पासवान को झूठे आरोप के तहत किये गये गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा था कि यह ललन पासवान की हत्या करवाने वाले सामंती मुखिया से पुलिस प्रशासन के सांठ गांठ का परिणाम है। माले नेता ने आगे कहा था कि जून 2020 में समझौता का उल्लंघन करते हुए सामंती लोगों ने भूमिहीन दलितों पर ताबड़तोड़ फायरिंग करके आधा दर्जन गरीबों को घायल कर दिया था। जिसमें ललन पासवान की मौत हो गई थी।इसी हत्याकांड से बचने के लिए दलितों एवं माले कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमे किया गया था। भाकपा-माले की ओर से इस झूठे मुकदमों का जांच कराने के आवेदन पुलिस अधीक्षक के पास दिया गया था, जो जांच में भेजा जा चूका है। इसके बावजूद गिरफ्तारी सरासर ग़लत है। गरीबों के खिलाफ पुलिस प्रशासन के इस दमनात्मक कार्रवाई के खिलाफ पार्टी जिला स्तर पर आंदोलन खड़ा करेगी।" उपरोक्त बातें तब सिद्ध हो गयी जब 24 व 25 मई को लगातार मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी द्वारा पुलिस रिमांड को वापस करने के बाद जब दिनांक 26 मई को नगर थाना कांड संख्या 138/20 का इंजूरी लगाकर नगर थाना कांड संख्या 137/20 में प्रस्तुत करने और पुलिस द्वारा किए गए जालसाजी की पोल अपने बहस के दौरान माले अधिवक्ता श्याम सुंदर यादव उर्फ सुमन जी ने उघारकर रख दिया। जिसका परिणाम हुआ कि मंच मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने माले कार्यकर्ता सोमन पासवान सहित चारों लोगों पर पुलिस रिमांड खारीज करते हुए, उन्हें गिरफ्तारी से मुक्त करते हुए, तत्कालीन अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मधुबनी सदर सुश्री कामनी बाला को कारण बताओ नोटिस जारी किया । इसके साथ ही बर्तमान पुलिस आई ओ को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। मधुबनी ब्यबहार न्यायालय में घटी इस घटना को लोग ऐतिहासिक बता रहे हैं साथ ही न्यायालय के मोर्चे पर माले को एक जीत है।

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