मधुबनी : जिला विकास समन्वय समिति की बैठक में डीएम ने दिए कई निर्देश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 9 जून 2022

मधुबनी : जिला विकास समन्वय समिति की बैठक में डीएम ने दिए कई निर्देश

  • बीडीओ सप्ताह में कम से कम एक दिन पंचायतो में जाकर चल रही योजनाओं का करे निरीक्षण। नल-जल योजना में गड़बड़ी पाए जाने पर दर्ज करें प्राथमिकी। पंचायत सरकार भवन के निर्माण में तेजी लाने का दिया निर्देश
  • पंचायत भवन के भूमिदान करने वाले का निबंधन शुल्क होगा माफ। आरजी ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम से होगा वर्षापात का आकलन।

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मधुबनी, जिलाधिकारी की अध्यक्षता में  समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिला विकास समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई।बैठक में एजेंडावर संबधित पदाधिकारियो से समीक्षा कर जिलाधिकारी द्वारा  व्यापक निर्देश दिए गए। उन्होंने प्रत्येक सप्ताह के बुधवार एवं बृहस्पतिवार को होने वाले निरीक्षण के बारे में निर्देश देते हुए कहा कि इसका मकसद केवल निरीक्षण प्रतिवेदन भर तैयार करना नहीं है, बल्कि सरकारी तंत्र के सदुपयोग से आम जनता तक सरकारी योजनाओं के लाभ की पंहुच सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि इस निरीक्षण के द्वारा जिले के लोगों में स्पष्ट संदेश जाना चाहिए कि सभी लोक सेवक अपनी जिम्मेवारी भली भांति निभाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पंचायतों में जाकर उपस्थित लोगों से जानकारी प्राप्त करें कि किस वार्ड में कार्य लंबित पड़े हैं। उन्हीं वार्डों में जाकर वस्तुस्थिति की समीक्षा की जानी चाहिए ताकि गड़बड़ी पर अंकुश लगाई जा सके।उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सप्ताह में एक दिन अलग अलग पंचायतों में जाकर वहां के विकास कार्यों का जायजा लें। उन्होंने कहा कि सरकार की सात निश्चय योजना विशेष कर नल जल योजना में व्यापक स्तर पर कमियां देखी जा रही हैं। जिला प्रशासन, मधुबनी इन कमियों को दूर करने के लिए काफी गंभीर है। ऐसा देखा जा रहा है कि कुछ वार्डों में नल जल योजना विभिन्न कारणों से बाधित है।  कुछ वार्डों में देखा जा रहा है कि सरकारी राशि का उठाव कर राशि गबन कर ली गई और कार्य लंबित रह गया है। ऐसे में संबंधित पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए नीलाम पत्र वाद दायर किया जाए। जिलाधिकारी ने अपने खुटौना प्रखंड के अपने निरीक्षण की चर्चा करते हुए कहा कि जिले के ऐसे सभी प्रखंडों जिसमें पंचायत सरकार भवन का निर्माण नहीं हुआ है, उन पंचायतों के क्लस्टर की एक सूची तैयार की गई थी। उन्होंने कहा कि उस सूची में वरीयता क्रम को शिथिल करते हुए जिस किसी भी पंचायत से पंचायत सरकार भवन के निर्माण हेतु भूमि का चयन कर लिया गया हो, उस पंचायत को प्राथमिकता के आधार पर पंचायत सरकार भवन निर्माण के लिए राशि आवंटित कर दी जाए। उन्होंने कहा कि जिले के सभी पंचायतों में पंचायत सरकार भवन का निर्माण किया जाना है। ऐसे में जो पंचायत तत्पर है, वहां इसका निर्माण आरंभ करवा दिया जाए। उन्होंने कहा कि इसके निर्माण के लिए कोई भूमि दाता भूमि दान देना चाहते हैं, तो उसका निबंधन निःशुल्क किया जाएगा।


जिलाधिकारी ने जिले में सेवांत लाभ के लंबित मामलों पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यदि किसी कर्मी पर एक तय राशि बकाया है, तो उतनी राशि को होल्ड करते हुए उन्हें अन्य लाभ दिए जाएं। यदि प्रभार न दिए जाने संबंधी मामला हो तो उनपर विभागीय कार्रवाई की जाए। परंतु सेवांत लाभ हर हाल में ससमय दिए जाएं। समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने कहा कि जिन पंचायतों का विलय नगर निगम, मधुबनी में अथवा नगर पंचायत में किया गया है, वहां के आरटीपीएस संबंधी सभी कार्य संबंधित कार्यालय से ही निपटाए जायेंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले मानसून को देखते हुए जिले में होने वाले वर्षा पात की सांख्यिकी रिपोर्ट का संकलन अति महत्वपूर्ण है। जिले में ओ आर जी पद्धति से अभी तक वर्षापात का रिकॉर्ड रखा जा रहा था। जिसे ओ आर जी ऑटोमैटिक वेदर सिस्टम में परिवर्तित किया जाना है। ऐसे में वर्षापात का ब्योरा एकत्रित करने वाले यंत्र को समुचित स्थल पर रखा जाए। ताकि प्राप्त आंकड़ों के आधार पर जिले में आपदा प्रबंधन संबंधी कार्य योजना पर काम किया जा सके। जिलाधिकारी ने कहा कि यदि जिले में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है तो बाढ़ आश्रय स्थल पर ही आंगनवाड़ी केंद्रों का संचालन कर छोटे छोटे बच्चों के पोषण संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति की जाएगी। जिलाधिकारी ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे अपने कार्यालय अधीन सभी कर्मियों के कर्म पुस्तिका का नियमित संधारण किया करें। यदि किसी कर्मी द्वारा लापरवाही अथवा असहयोग किया जाता है, तो उसके विरुद्ध जिला को प्रतिवेदित किया जाए। ताकि, उनपर विधि सम्मत कार्रवाई की जा सके। उन्होंने जिले में आवास योजना और नल जल योजना में गुणवत्ता की कमी पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी इन योजनाओं में उपयोग में आने वाली वस्तुओं की गुणवत्ता की पड़ताल अवश्य करें। उन्होंने पंचायतों में सूखे एवं गीले कचड़े के समुचित निस्तारण पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि ये आज की आवश्यकता है। यदि हमें अपने परिवेश को साफ सुथरा रखना है और अपने अगली पीढ़ी को बेहतर जिंदगी देनी है तो समय रहते कूड़े का समुचित निस्तारण आवश्यक है।  जिलाधिकारी ने कहा कि बैठक का उद्देश्य लोक कल्याणकारी योजनाओं में गति प्रदान करना है। इसके दौरान दिए गए निर्देशों  के अनुपालन में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उक्त बैठक में उप विकास आयुक्त विशाल राज, विशेष कार्य पदाधिकारी जिला गोपनीय शाखा, सुरेंद्र राय, प्रभारी पदाधिकारी जिला विकास शाखा, विकास कुमार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, शिवकुमार पंडित, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी सह प्रभारी आपदा प्रबंधन शाखा, परिमल कुमार सहित जिले के सभी विभागों के वरीय पदाधिकारी व सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी उपस्थित थे।

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