नयी दिल्ली 14 जुलाई, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को कहा कि हैप्पीनेस करिकुलम बहुत सफल रहा है इसलिए अब बच्चे स्वयं यह मानते है कि उनका पढ़ाई में फोकस बढ़ा है और उन्हें स्ट्रेस-फ्री रहने में मदद मिली है। श्री सिसोदिया ने कहा कि हैप्पीनेस करिकुलम बहुत सफल रहा है| अब बच्चे स्वयं यह मानते है कि उनका पढ़ाई में फोकस बढ़ा है और उन्हें स्ट्रेस-फ्री रहने में मदद मिली है| पेरेंट्स मानते हैं कि उनके बच्चों में उनके व्यवहार में बदलाव आया है| टीचर्स भी ये मानते है कि उन्होंने इस करिकुलम के माध्यम से खुद में और विद्यार्थियों में बदलाव को नोटिस किया है| उपमुख्यमंत्री ने बताया कि हैप्पीनेस उत्सव के तहत अगले 15 दिनों तक हैप्पीनेस से जुडी विभिन्न एक्टिविटीज करवाई जाएँगी और इस बार हैप्पीनेस केवल दिल्ली सरकार के स्कूलों तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि हमारे बच्चे 5-5 लोगों को हैप्पीनेस क्लास में जो सीखा उसे सिखाएंगे और पूरी दिल्ली को हैप्पीनेस उत्सव का हिस्सा बनायेंगे| दिल्ली सरकार के स्कूलों में गुरूवार से ‘हैप्पीनेस उत्सव 2022’ की शुरुआत हुई| प्रसिद्ध लाइफस्टाइल कोच गौर गोपाल दास और उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरूवार को यहाँ चिराग एन्क्लेव के कौटिल्य सर्वोदय विद्यालय में एक पखवाड़े तक चलने वाले इस उत्सव का शुभारंभ किया| इस मौके पर गौर गोपाल दास ने बच्चों के साथ हैप्पीनेस क्लास अटेंड करते हुए माइंडफुलनेस का अभ्यास किया और बच्चों से हैप्पीनेस पर ख़ास बातचीत करते हुए उन्हें हैप्पीनेस के असल मायने बताएं| उन्होंने कहा , “ हैप्पीनेस की जो बातें आज दिल्ली सरकार के स्कूलों में बच्चों को सिखाई जा रही है वो चीजें मैं इंजीनियरिंग करने के बाद आध्यात्मिक जीवन में आने के बाद सीख पाया कि कैसे माइंडफुल रहते हुए स्वयं अपने मन और जिन्दगी को बेहतर बना सकते है|” गौर गोपाल दास जी ने बच्चों से चर्चा करते हुए कहा , “ खुश रहने के लिए ये बेहद जरुरी है कि हमें ख़ुशी के पहलुओं की समझ हो| हमें लगता है कि बहुत-सी सुविधाएं होने पर हम खुश रह सकते है लेकिन ऐसा नहीं है| उदाहरण के लिए कोई शानदार गाडी हमें ख़ुशी नहीं देती बल्कि सफ़र से ख़ुशी मिलती है| ठीक उसी तरह हमें घर से ख़ुशी नहीं मिलती बल्कि उसमें रहने वाले लोगों से, उनके साथ हमारे रिश्तों से ख़ुशी मिलती है| उन्होंने कहा कि बड़ी सुविधाएं हासिल करना गलत नहीं है वो बेहद जरुरी है क्योंकि उससे हम स्वयं की अपने परिवार की जिन्दगी को बेहतर कर सकते है| लेकिन यह सोचना कि आपके पास मौजूद वस्तुएं आपको ख़ुशी देंगी ये गलत है|” उन्होंने कहा , “ हमें हमारे रिश्ते ख़ुशी देते है ,अपने पैशन को फॉलो करना हमें ख़ुशी देते है और हमें ख़ुशी के इन उसूलों को सीखना चाहिए| इन्हें सिखाया जा सकता है और दिल्ली सरकार अपने इस करिकुलम के माध्यम से बखूबी स्कूली बच्चों को ख़ुशी के ये उसूल सिखा रही है|” उन्होंने आगे कहा कि कई बार सफलता ख़ुशी नहीं लाती पर ख़ुशी हमेशा सफलता जरुर लाती है| अपने रिश्तों, समाज के प्रति हमारे योगदान और मन की ताकत से हम खुद ख़ुशी का निर्माण करते है| पर एक बात ध्यान रखनी चाहिए कि सफ़लता कभी हमारे सिर पर नहीं चढ़नी चाहिए और असफलता को कभी दिल में नही रखना चाहिए| क्योंकि सफ़लता हमारे सिर पर चढ़ कर अभिमानी बना देती है और असफालता हमारे मन में जाकर हमें डिप्रेस कर देती है| गौर गोपाल दास जी ने कहा कि इंसान के मन का स्वाभाव होता है कि जिन्दगी में बेशक कितनी भी अच्छी चीजें हो लेकिन एक छोटी सी नकारात्मन बात होने पर भी हमारा पूरा ध्यान उसपर चला जाता है| खुश रहने के लिए ये बेहद जरुरी है कि हम उस नकारात्मक पहलू से बाहर निकलते हुए सकारात्मक पक्षों को खुलकर एन्जॉय करें|
गुरुवार, 14 जुलाई 2022
दिल्ली सरकार का हैप्पीनेस करिकुलम सफल रहा : सिसोदिया
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