पर्यावरण जागरूकता अभियान - एक अभिनव पहल
झाबुआ । पर्यावरण जागरूकता को लेकर सामाजिक महासंघ एक अभिनव पहल के अन्तर्गत आगामी 7 जुलाई से पौधा वितरण महा अभियान की शुरूवात करनेजारहा है। जिसमें विभिन्न प्रजातियों के पौधे उन लोगों या सामाजिक ,धार्मिक संगठनों को वितरित किये जायेगें जो संकल्प पत्रके माध्यम से पौधे कोपेड बनने का संकल्प लेगें । इस अभियान को लेकर 5 जुलाई मंगलवार को पूज्य गच्छाधिपति आचार्य, धर्म दीवाकरश्रीमद जिय नित्यसेनसूरीश्वर जी मसा के कर कमलों से वृक्षारोपण महाभियान, जनजागृति फोल्डर का विमोचन किया गया । इस पत्रक के माध्यम से झाबुआ अंचल के आमजन को र्प्यावरण के प्रति जागरूक करके एक परिवार एक वृक्ष योजना को मूर्तरूप् दने का प्रयास कियाजावेगा । साथ ही पर्यावरण से जुडे आम जन व अन्य संगठन यदि बडे स्तर पर पौधारोपण कार्यक्रम चलाने की योजना बनायेगें तो सामाजिक महासंघ इन संस्थाओं को वर्ष-भर निशुल्क पौधों का वितरण करेगां । सामाजिक महासंघ के अध्यक्ष नीरजसिंह राठौर एवं महासचिव एडवोकेट उमंग सक्सैना ने बताया कि पौधा वितरण कार्यक्रम को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है । शहर के सामाजिक, धार्मिक एवं पया्रवरण से जुडे लोगोंको इसमें आमन्त्रित किया जारहा है साथ ही पौधों का वितरणकर इन्हे बडा करने के संकल्प पत्र भी भरवाया जाऐगा । महासंघ के उपाध्यक्ष शरत शास्त्री एवं हरिश लाला शाह ने बताया कि इस अभियान के अन्तर्गत नीम, पीपल, बरगद, करंज, खेर, शिशम , बिल्वपत्र के पौधे निशुल्क वितरित किये जावगें । सामाजिक महासंघ का उद्देश्य आमजन को इस तरह योजना से जोडकर पर्यावरण की बडी विशाल श्रृंखला खडी करना है जो आगामी वर्षो में झाबुआ को हरा भरा करने में कारगर साबित होगी । पर्यावरण असन्तुलन दूर करने के प्रमुख उद्देश्य के बारे में महासंघ के अशोक शर्मा, एवं अजय रामावत ने बताया कि हमारा उद्देश्य प्रत्येक परिवार को एक पौधा लगा कर उसे बडा करने का संकल्प लेना चाहिये, जिससे पर्यावरण की विसंगतियों को दूर किया जा सके । हमारी आमजन से अपील है कि पौधा वितरण अभियान में शामील होकर घरों के आसपास ,कालोनियों में, स्कूलों या अन्य बाउंड्रीवाले तालाब किनारे, नदी के आसपास या अन्य उपयुक्त व सुरक्षित स्थान पर बडी संख्या में पौधारोपण कर उसे बडा जरूर करें ।
- पौधों को पेड बनाने का संकल्प लेने वालों को पौधे वितरित करेगा सामाजिक महासंघ ।, गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद विजय नित्यसेन सूरिश्वर जी मसा ने किया पोस्टर का विमोचन ।
परमपूज्य आचार्य श्रीमद विजय नित्यसेनसूरीष्वरजी मसा ने भी इस अभियान की प्रसंषा की -
सामाजिक महासंघ के पीडीरायपुरिया एवं नाथुलाल पाटीदार ने बताया कि जनजागृति अभियान के तहत झाबुआ शहर के लगभग 4 हजार परिवारों में वृक्षारोपण महा अभियान जनजागृति अपील के पत्रक पहूंचायें जारहे है । एक पेड-एक परिवार कार्यक्रम से अधिक से अधिक लोगों को जोडने की योजना पर सामाजिक महासंघ निरन्तर कार्य कररहाहै । फोल्ड विमोचन के अवसरपर प.पू.आचार्य देव श्रीमदविजय नित्यसेनसूरिश्वर मसा ने पर्यावरण के लिये किये जा रहे कार्य की प्रसंशा की व कहा कि इस तरह की कार्ययोजना में जन-जन को शामील होना चाहिये ताकि ग्लोबलवार्मिंग की समस्या से सभी को निजात मिल सकंे । इस अवसर पर प.पू मुनि श्री चरित्ररत्न मसा. ने कहा कि पौधे लगा कर उसे बडा करने का लक्ष्य बनाना एक पूण्य कार्य है । सामाजिक महासंघ इसके लिये साधुवाद का पात्र हैे । इस अवसर पर सामाजिक महासंघ के एमएल फुलपगारे, भेरूसिंह चौहान, भेरूसिंह सोलंकी, हार्दिक अरोरा, अजयसिंह पंवार, डा. संतोष प्रधान, राजेश शाह, राधेश्याम परमार दादुभाई,सहित जैन समाज के अनेक प्रतिनिधि एवं गणमान्यजन उपस्थित थे । 7 जुलाई को पौधा वितरण महा अभियान के बारे मं सामाजिक महासंघ के संतोष प्रधान एवं मनोज अरोरा ने बताया कि 7 जुलाई कोरात्री 7-30 बजे स्थानीय पैलेस गार्डन पर पौधा वितरण महा अभियान की शुरूवात की जायेगी । कार्यक्रम में शिवगंगा प्रमुख एवं पद्मश्री महेश शर्मा, आत्म निर्भर भारत के राष्ट्रीय संयोजक ओम शर्मा, एवं शिवगंगा के राजाराम कटारा अतिथि के रूप में मौजूद रहेगें । इस अवसर पर झाबुआ क्षेत्र के सामाजिक ,धार्मिक,रचनात्म,, साहित्यीक, एवं पर्यावरण से जुडे अधिकतर लोगों को आंमन्त्रित किया जा रहा है ।
सावन महीने में सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ महादेव का व्रत धारण करता है, उसे शिव का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है- आचार्य पण्डित जैमिनी शुक्ला
झाबुआ । भगवान आशुतोष जी शिव की आराधना, पूजा, एपं उन्हे प्रसन्न करने का सर्वोत्तम मास श्रावण मास को माना जाता है । इस वर्ष यह मास 14 जुलाई से प्रारंभ होगा तथा 12 अगस्त को इसका समापन होगा । श्रावण मास को मासोत्तम मास कहा जाता है। यह माह अपने हर एक दिन में एक नया सवेरा दिखाता है ,इसके साथ जुडे़ समस्त दिन धार्मिक रंग और आस्था में डूबे होते हैं। शास्त्रों में सावन के माहात्म्य पर विस्तार पूर्वक उल्लेख मिलता है। श्रावण मास अपना एक विशिष्ट महत्व रखता है.। श्रवण नक्षत्र तथा सोमवार से भगवान शिव शंकर का गहरा संबंध है। इस मास का प्रत्येक दिन पूर्णता लिए हुए होता है. धर्म और आस्था का अटूट गठजोड़ हमें इस माह में दिखाई देता है । इस माह की प्रत्येक तिथि किसी न किसी धार्मिक महत्व के साथ जुडी़ हुई होती है। इसका हर दिन व्रत और पूजा पाठ के लिए महत्वपूर्ण रहता है। उक्त जानकारी आचार्य प. जैमिनी शुक्ल ने देते हुए बताया कि हिंदु पंचांग के अनुसार सभी मासों को किसी न किसी देवता के साथ संबंधित देखा जा सकता है । उसी प्रकार श्रावण मास को भगवान शिव जी के साथ देखा जाता है । सावन मास शिवजी के साथ मां पार्वती को भी समर्पित है। भक्त सावन महीने में सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ महादेव का व्रत धारण करता है, उसे शिव का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है। विवाहित महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने और अविवाहित महिलाएं अच्छे वर के लिए भी सावन में शिव जी का व्रत रखती हैं। इस समय शिव आराधना का विशेष महत्व होता है। यह माह आशाओं की पुर्ति का समय होता है, जिस प्रकार प्रकृति ग्रीष्म के थपेडों को सहती हुई सावन की बौछारों से अपनी प्यास बुझाती हुई असीम तृप्ति एवं आनंद को पाती है उसी प्रकार प्राणियों की इच्छाओं को सूनेपन को दूर करने हेतु यह माह भक्ति और पूर्ति का अनुठा संगम दिखाता है ओर सभी की अतृप्त इच्छाओं को पूर्ण करने की कोशिश करता है।
- 14 जुलाई से 12 अगस्त तक मासोत्तम श्रावणमास में शिव को समर्पित रहेगा ।
जलाभिषेक के साथ पूजन
श्री शुक्ला के अनुसार भगवान शिव इसी माह में अपनी अनेक लीलाएं रचते हैं।. इस महीनें में गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, पंचाक्षर मंत्र इत्यादि शिव मंत्रों का जाप शुभ फलों में वृद्धि करने वाला होता है.। पूर्णिमा तिथि का श्रवण नक्षत्र के साथ योग होने पर श्रावण माह का स्वरुप प्रकाशित होता है।. श्रावण माह के समय भक्त शिवालय में स्थापित, प्राण-प्रतिष्ठित शिवलिंग या धातु से निर्मित लिंग का गंगाजल व दुग्ध से रुद्राभिषेक कराते हैं। ’शिवलिंग का रुद्राभिषेक भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। ’ इन दिनों शिवलिंग पर ’गंगा जल’ द्वारा अभिषेक करने से भगवान शिव अतिप्रसन्न होते हैं। शिवलिंग का अभिषेक महाफलदायी माना गया है। इन दिनों अनेक प्रकार से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है जो भिन्न भिन्न फलों को प्रदान करने वाला होता है. जैसे कि ’जल’ से वर्षा और शीतलता की प्राप्ति होती है. ’दूग्धाभिषेक एवं घृत से अभिषेक’ करने पर योग्य संतान की प्राप्ति होती है। गन्ना अर्थात ’ईख के रस’ से धन संपदा की प्राप्ति होती है. ’कुशोदक’ से समस्त व्याधि शांत होती है. ’दधि’ से पशु धन की प्राप्ति होती है ओर ’शहद’ से शिवलिंग पर अभिषेक करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
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कलेक्टर कार्यालय सभाकक्ष में नगरी निकाय मेघनगर निर्वाचन-2022 के निर्वाचन हेतु मतदान दलो का रेंडमाइजेशन किया गया
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नालसा (बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवायें एवं उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाऐं) योजना-2015 अंतर्गत शासकीय माध्यमिक विद्यालय माधोपुरा झाबुआ में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन
सिंगल यूज़ अमानक प्लास्टिक पॉलिथीन पर प्रतिबंध
किसान भाई अपनी फसलों का बीमा करवाकर जोखिम से बचें एवं फसल बीमा करवाने की अंतिम तिथी 31 जुलाई 2022
झाबुआ। मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए, प्राकृतिक आपदाओं, कीट एवं रोगों से किसी भी अधिसूचित फसल के नष्ट होने की स्थिति में किसानों को बीमा आवरण एवं वित्तीय समर्थन प्राप्त हो सके, इस हेतु जिला कलेक्टर श्री सोमेश मिश्रा एवं उप संचालक कृषि द्वारा किसान भाईयों ने अपील की जा रही हैं कि अधिक से अधिक संख्या में अपनी फसलों का अतिशीघ्र 31 जुलाई 2022 के पूर्व फसल बीमा करवा कर फसल बीमा योजना का लाभ ले सकते है। जिससे फसलों में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई होकर, जोखिम से बचा जा सके। यह योजना शासन द्वारा किसानों के हित में खेती किसानी उद्यम को समुचित आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ 2022 में किसानों की बीमा प्रीमियम कांटने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2022 शासन द्वारा निर्धारित है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत मौसम खरीफ 2022 हेतु अधिसूचति पटवारी हल्का अंतर्गत किसानों की अधिसूचित फसलों का बीमा करने बैंकों हेतु बैंकों द्वारा प्रीमियम नामे किये जाने की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित है। बैंको द्वारा बीमित किसानों की प्रविष्टि हेतु भारत सरकार का फसल बीाम पोर्टल (एनसीपीआई पोर्टल) पर बैंकों द्वारा समय सीमा में प्रविष्टि किया जाना आवश्यक है। किसी कृषक द्वारा गत वर्ष बोई गई फसल में परिवर्तन किया गया है तो किसान द्वारा संबंधित बैंक से सम्पर्क कर बीमांकन की अंतिम तिथि के 2 दिन पूर्व यानि 29 जुलाई तक बोई गई वास्तविक जानकारी बैंकों को उपलब्ध कराया जाना अनिवार्य है। किसानों की सुविधा को देख हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा मौसम खरीफ 2022 अतंर्गत प्रदेश में नेशनल क्राप इन्श्योरेन्स पोर्टल पर भू-अभिलेख के एकीकरण का कार्य किया जा रहा है। पंजीयन के समय कृषक की भूमि धारिता संबंधी जानकारी भू-अभिलेख के आधार पर पोर्टल में ड्राप डाउन पर उपलब्ध हो सकेगी जिसमें बीमाकर्ता (बैंकर्स/कामन सर्विस सेन्टर/स्वयं कृषक) द्वारा संगत खसरा नंबर का चयन कर धारित भूमि का बीमा किया जा सकेगा। किसानों की सुविधा को देखते हुए पंजीयन के दौरान खसरा नंबर तथा बीमित भूमि के क्षेत्र की सही-सही जानकारी बैंक द्वारा एनसीपीआई पोर्टल पर दर्ज की जाना है जिससे किसानों को सही समय पर बीमा पालिसी जारी हो सकेगी। अतः प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ 2022 अन्तर्गत जिले के समस्त किसानों से अधिक से अधिक संख्या में फसल बीमा करवाकर योजना का लाभ की अपील की जाती है।
फसल बीमा करवाने हेतु आवश्यक दस्तावेज:-
पूर्णतः भरा हुआ प्रस्ताव फार्म (बैंक एकाउण्ट की समस्त जानकारी सहित)। भू-अधिकार पुुस्तिका। सक्षम अधिकारी द्वारा दिया गया बुवाई का प्रमाण-पत्र (पटवारी अथवा ग्राम पंचायत द्वारा प्रदान किया जावेगा)। पहचान पत्र (मतदाता पहचान पत्र, पेन कार्ड, आधार कार्ड, राशन कार्ड इत्यादि)।
जिले हेतु खरीफ 2022 हेतु अधिसूचित की गई फसलें:-
जिला स्तर पर:- उडद फसल
तहसील स्तर पर:- समस्त तहसीलों में कपास फसल, मूँगफली फसल - झाबुआ, रामा, रानापुर तहसील में, ज्वार फसल -रानापुर तहसील में,
पटवारी हल्का स्तर परः- असिंचित धान, तुअर, मक्का एवं सोयाबीन
फसल बीमा के संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त करने अथवा समस्या समाधान हेतु निकटवर्ती बैंक शाखा, प्राथमिक सहकारी साख समिति तथा किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के मैदानी अमले से सम्पर्क कर सकते हैं।
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