मधुबनी : डीएम ने किया खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 27 मई 2023

मधुबनी : डीएम ने किया खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन

Kharif-corp-workshop-madhubani
मधुबनी, जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा द्वारा जवाहर नवोदय विद्यालय के बहुउद्देशीय भवन में आयोजित खरीफ महाअभियान 2023 के अंतर्गत जिला स्तरीय खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन दीप  प्रज्वलित कर किया गया। बताते चलें कि कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) मधुबनी के तत्वावधान में आयोजित इस कर्मशाला में जिले भर के सैकड़ों कृषि विभाग के पदाधिकारी/ कर्मी /किसान आए थे। जहां उन्हें न केवल खरीफ मौसम में कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की जानकारी दी गई। बल्कि, अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई। जिनमें जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम, मोटे अनाज की खेती, जीरो टिलेज एवं सीड ड्रिल से धान की खेती, पैडी ट्रांसप्लांटर से धान की खेती, मौसम परिवर्तन के परिपेक्ष में धान की सीधी बुवाई, विभिन्न फसलों की जैविक खेती, खरीफ मौसम में उगाई जाने वाली फसलों की खेती एवं कृषि यंत्रीकरण आदि की विस्तृत जानकारी शामिल है। इसके अतिरिक्त फसल वार अनुशंसित सिंचाई पद्धति, ड्रिप सिंचाई से होने वाले लाभ, सूक्ष्म सिंचाई योजना का लाभ लेने हेतु ऑनलाइन प्रक्रिया, साथ ही फसल प्रबंधन में कृषि यंत्रों की उपयोगिता और रखरखाव के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई। इस दौरान किसानों को एमबी प्लाऊ,  कल्टीवेटर, लेजर लैंड लेवलर, ट्रैक्टर माउंटेड सब स्वैलर, स्वचालित राइस ट्रांसप्लांटर, सीड ड्रिल, स्वचालित शुगर केन प्लांटर,  ट्रैक्टर चालित पोटैटो डिगर एलिवेटर,  स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर, सुपर सीडर, स्ट्रा रिपर सहित स्वचालित रीपर वायन्डर जैसे आधुनिक कृषि यंत्रों के बारे में विस्तृत जानकारी भी प्रदान की गई। उक्त अवसर पर उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि कृषि कार्यों में आधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग से न केवल आमदनी बढ़ाई जा सकती है। बल्कि, पर्यावरण संरक्षण का कार्य भी किया जा सकता है। नई तकनीकों के इस्तेमाल को आज की जरूरत बताते हुए इसे अधिक से अधिक अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इन दिनों जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है। जिसके कारण वर्षा समय से नहीं होती और इसका कृषि कार्यों पर दुष्प्रभाव देखा जा सकता है। इससे निपटने के उपायों की चर्चा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि हमें जल संरक्षण पर ध्यान देना होगा। एक तरफ रेन वॉटर हार्वेस्टिंग पद्धति को अपनाकर भूगर्भीय जल में इजाफा करना होगा। वहीं, खेतों में ही छोटे छोटे जलाशय बनाने होंगे। जिससे वर्षा जल का संचयन हो सके और सिंचाई में पानी का इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने कृषि कार्यों में जैविक खाद और माइक्रो एरिगेशन जैसी पद्धति को अपनाने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि जिले में पराली जलाने की परंपरा नहीं रही है। ये अच्छी बात है। क्यूंकि खेतों में फसल अवशिष्ट जलाने से जहां खेतों की उर्वर क्षमता घट जाती है वहीं, पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। उपस्थित किसानों को जल्द से जल्द ई के वाई सी करवाने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि जो किसान के ई वाई सी नहीं कराएंगे वे सभी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभ लेने से वंचित रह जाएंगे। अपने संबोधन में उन्होंने जिले में सभी खेतों तक विद्युत संबद्धता उपलब्ध कराने के जिला प्रशासन के प्रयास का भी उल्लेख किया। उक्त मौके पर उनके द्वारा बेनीपट्टी प्रखंड के बलिया के प्रगतिशील किसान हेमचंद ठाकुर को मरूआ, बाजरा, कोदो और कुटकी जैसे मोटे अनाज (मिलेट) की खेती में उल्लेखनीय प्रयास करने की सराहना की गई और मिलेट प्रोसेसिंग मशीन एवं राजेंद्र उन्नत चक्की प्रदान किया गया। उक्त अवसर पर जिला कृषि पदाधिकारी, ललन कुमार चौधरी, उप परियोजना निदेशक, राकेश कुमार राहुल, रिजेनरेटिव बिहार के राज्य प्रतिनिधि, इस्तियाक अहमद, बामेती के उप निदेशक (प्रसार प्रबंधन), शशि भूषण विद्यार्थी, सहायक निदेशक, कृषि अभियंत्रण, दिलीप कुमार शर्मा, कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान, मंगलानंद झा, मिट्टी जांच प्रयोगशाला के सहायक निदेशक (रसायन), कुणाल कुमार, सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण, सीमा कुमारी सहित अन्य अधिकारी एवं बड़ी संख्या में पदाधिकारी/कर्मी/किसान उपस्थित थे।

कोई टिप्पणी नहीं: