- हाथीपांव से बचने के लिए अभियान के दौरान करें दवा का सेवन
जिले में है हाथी पांव के मरीज :
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने बताया की जिले में कई हाथीपांव के मरीज मौजूद है। उन्होंने बताया की पिछले कुछ वर्ष में हुए सर्वे के अनुसार 1200 के आसपास लोग पहले से ही हाथीपांव से पीड़ित है, साथ ही पिछले जुलाई में हुए नाइट ब्लड सर्वे के अनुसार जिले के 3 प्रखंडों के लोगों में फाइलेरिया के परजीवी पाए गए है।
हाथीपांव का शिकार होने से बचा जा सकता है :
डॉ. झा ने बताया की फाइलेरिया एक खतरनाक बीमारी है। यदि यह किसी को हो गया तो ठीक नही किया जा सकता ना दवा से न सर्जरी से। क्योंकि फाइलेरिया का अभी तक देश में कही भी सर्जरी मौजूद नहीं है। वही थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो इस बीमारी से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया की इस बीमारी से बचने के लिए सरकार द्वारा लगातार सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान चलाया जाता है, जिसमे एलबेंडाजोल एवं डी ई सी का दवा का सेवन करवा कर इस रोग से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया की सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष यह अभियान चलाया जाता है। यदि पांच साल तक दवा का सेवन कर लिया जाए तो फाइलेरिया होने की संभावना खत्म हो जाएगा। उन्होंने बताया की इस वर्ष यह अभियान 20 सितंबर से शुरू हो रहा है, इसलिए इस अभियान में सभी लोग दवा खांए।
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