बिलकिस मामले में कोर्ट ने सरकारों से सजा में छूट संबंधी रिकॉर्ड पेश करने को कहा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 12 अक्तूबर 2023

बिलकिस मामले में कोर्ट ने सरकारों से सजा में छूट संबंधी रिकॉर्ड पेश करने को कहा

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नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर, उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और गुजरात सरकार को बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले और 2002 के गुजरात दंगों के दौरान उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के 11 दोषियों की सजा में छूट संबंधी मूल रिकॉर्ड 16 अक्टूबर तक जमा करने का बृहस्पतिवार को निर्देश दिया। न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने अगस्त में शुरू हुई 11 दिन की सुनवाई के बाद दोषियों की सजा में छूट को चुनौती देने संबंधी याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। पीठ ने बिलकिस बानो की वकील शोभा गुप्ता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू, वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह और जनहित याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर और दोषियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा तथा ऋषि मल्होत्रा की दलीलें सुनीं। गुजरात सरकार के वकील ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि क्योंकि मूल रिकॉर्ड गुजराती भाषा में हैं, इसलिए इसका अंग्रेजी अनुवाद पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। पीठ ने कहा, ‘‘इन परिस्थितियों में, वकील को मूल रिकॉर्ड के साथ-साथ अंग्रेजी अनुवाद सोमवार को अदालत में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाता है। प्रतिवादी-भारत संघ को भी सोमवार को मूल रिकॉर्ड जमा करना है। फैसला सुरक्षित रखा जाता है।’’ उच्चतम न्यायालय ने 20 सितंबर को मामले की सुनवाई करते हुए पूछा था कि क्या दोषियों को माफी मांगने का मौलिक अधिकार है। उच्चतम न्यायालय ने 17 अगस्त को गुजरात सरकार से कहा था कि राज्य सरकारों को दोषियों को सजा में छूट देने में ‘‘चयनात्मक रवैया’’ नहीं अपनाना चाहिए और प्रत्येक कैदी को सुधार तथा समाज के साथ फिर से जुड़ने का अवसर दिया जाना चाहिए। इस मामले में बिलकिस की याचिका के साथ ही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की नेता सुभाषिनी अली, स्वतंत्र पत्रकार रेवती लाल और लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति रूपरेखा वर्मा समेत अन्य ने जनहित याचिकाएं दायर कर सजा में छूट को चुनौती दी है। तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने भी दोषियों की सजा में छूट और समय से पहले रिहाई के खिलाफ जनहित याचिका दायर की है। बिलकिस बानो उस वक्त 21 वर्ष की थीं और पांच महीने की गर्भवती थीं, जब साम्प्रदायिक दंगों के दौरान उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था। उसकी तीन वर्षीय बेटी परिवार के उन सात सदस्यों में शामिल थी, जिनकी दंगों के दौरान हत्या कर दी गई।

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