छोटानागपुर जिसमें आज पश्चिम बंगाल, बिहार (जिसमें वर्तमान झारखंड शामिल था) और उड़ीसा के क्षेत्र आते हैं, उसके पूर्वजों ने पहली बार चाईबासा के खूंटपानी में बपतिस्मा संस्कार ग्रहण कर, काथलिक धर्म स्वीकार किया था.....चाईबासा . छोटानागपुर कैथोलिक मिशन की स्थापना का श्रेय जेसुइट मिशनरी फादर अगुस्तुस स्टॉकमैन को जाता है, जिन्होंने सन् 1869 ई. में चाईबासा की भूमि में अपना पाँव रखा था. उसके बाद 8 नवम्बर 1873 को कलकत्ता के धर्माध्यक्ष वालतेरूस स्टेन्स एस. जे. ने खूंटपानी में 28 लोगों को पहला बपतिस्मा संस्कार दिया, जो छोटानागपुर के पहले कैथोलिक बने. जिस स्थान पर प्रथम ख्रीस्तीयों ने बपतिस्मा ग्रहण किया, वहाँ आज एक तीर्थस्थल स्थापित है, जिसमें एक ग्रोटो, स्कूल, हॉस्टेल, कानूनी सहायता केंद्र, अर्ध पैरिश भी बन चुके हैं. छोटानागपुर की कैथोलिक कलीसिया 8 नवम्बर 2023 को अपने इतिहास की उस महान घटना की याद की, जब उसके विश्वासियों ने 150 साल पहले, पहली बार बपतिस्मा ग्रहण किया था.छोटानागपुर में प्रथम बपतिस्मा की 150वीं जयंती समारोह का अनुष्ठान वाटिकन के प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष लेओपोल्दो जिरेली अर्पित किये. इसी अवसर पर वे सिनॉडल कलीसिया एवं 150वीं जयंती स्मारक का उद्घाटन भी किया गया.पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष सेबेस्टियन कल्लूपुरा भी मौजूद थे। छोटानागपुर में आज 7 धर्मप्रांत हैं। कोल्हान क्षेत्र की कलीसिया में कुल 16 पल्लियाँ, 5 जूनियर कॉलेज, 12 उच्च विद्यालय, 13 माध्यमिक विद्यालय, 5 समाज सेवा केंद्र, 9 अस्पताल एवं स्वास्थ्य देखभाल केंद्र और 18 धर्मसंघ हैं।काथलिकों की कुल संख्या 8,61,761 है जो झारखंड की कुल आबादी का 3.86 प्रतिशत है।
मंगलवार, 14 नवंबर 2023
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प्रेरितिक राजदूत लेओपोल्दो जिरेल्ली के हाथों सिनॉडल गिरजाघर एवं 150वीं जयंती स्मारक का उद्घाटन
प्रेरितिक राजदूत लेओपोल्दो जिरेल्ली के हाथों सिनॉडल गिरजाघर एवं 150वीं जयंती स्मारक का उद्घाटन
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