- भक्त की निर्मलता सरलता पर रीझते है भगवान
उन्होने कहा कि जिस में रस आता है आनंद आता है वही रासलीला है। तीन करोड़ गोपियों ने भगवान को पति रूप में पाने के लिए अनेक जतन किए थे भगवान ने आत्मा रूपी गोपियों को पति रूपी परमेश्वर से मिला दिया। हमें सनातन नियमों से डरना चाहिए क्योंकी हम सबा को रघुनाथजी की अदालत में हाजिर होना है वह धर्म ही चलता है। रघुनाथ जी की भक्ति का एैसा असर होता है की केवट प्रसंग में जज ही भगवान के भक्त बनकर संत हो जाते है। भक्त में इतनी सरलता होना चाहिए कि भगवान उसकी सरलता मधुरता निर्मलता पर रीझ जाए क्योंकी भगवान सरलता पर जल्दी कृपा करते है। भगवान की लीला को स्वयं ब्राहम्मा नारदजी भी नहीं समझ पाए प्रभु कभी क्या लीला कर दे कोई नहीं समझ सकता है। कथा व्यास पं रविशंकर तिवारी ने एकादशी का वृत मोक्ष वृत कहलाता है। नन्दबाबा ने भी एकादशी वृत किया था घर परिवार में कोई बेकुठधाम चला जाए तो मोक्ष के लिए एकादशी वृत करना चाहिए। श्री तिवारी ने आगामी वर्ष में होने वाली कथा के दौरान एक गरीब कन्या के विवाह किए जाने संकल्प श्रद्धालुओं के समक्ष रखा। राजा परिक्षित और सुखदेव संवाद सुनाते हुए श्री तिवारी ने रूकमणी हरण, रूकमण विवाह, शिव विवाह, सुदामा श्रीकृष्ण मिलन आदि प्रसंग सुनाऐं राजा परिक्षित को मोक्ष प्राप्त हुआ। भागवतजी का यजमानों के द्वारा पूजन कर सात दिवसीय कथा का समापन महाप्रसादी वितरण के साथ किया गया। श्रीमद भागवत कथा सुनने के लिए हजारों श्रद्धालुगण खामखेड़ा जत्रा पहुचे हर्षोउल्लस का माहौल बना रहा। कथा व्यास पं रविशंकर तिवारी के सानिध्य में हरदा जिले में आगामी सात से तेरह मई तक और पंद्रह से इक्कीस मई तक सीहेार के नरसिंह मंदिर परिसर में श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा।
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