- संस्कृत केवल एक विषय नहीं बल्कि मूल्यों की भाषा है : पंडित पृथ्वीवल्लभ दुबे

सीहोर। शासकीय मॉडल स्कूल, सीहोर में संस्कृत सप्ताह के अंतर्गत दिनांक 8 अगस्त को एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह व्याख्यान “जीवन में संस्कृत भाषा की प्रासंगिकता” विषय पर आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में श्री चिंतामन गणेश मंदिर, सीहोर के मुख्य पुरोहित एवं संस्कृत भारती, सीहोर के जिला अध्यक्ष पं. श्री पृथ्वीवल्लभ दुबे जी उपस्थित रहे। पं. पृथ्वीवल्लभ दुबे जी ने समस्त विद्यालय परिवार को संस्कृत सप्ताह की शुभकामनाएं प्रेषित कीं तथा छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि संस्कृत केवल एक विषय नहीं, बल्कि मूल्यों की भाषा है। इसमें दयालुता, सहिष्णुता, शरणागतवत्सलता जैसे जीवनोपयोगी गुण समाहित हैं, जो सम्पूर्ण भारत को एक सूत्र में पिरोते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे संस्कृत ग्रंथों का अध्ययन करें और उसे आचरण में लाकर अपने जीवन को समृद्ध बनाएं। उन्होंने यह भी बताया कि संस्कृत केवल शास्त्रों की भाषा नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत व्यवस्थित एवं तर्कसंगत भाषा है, जो सफल जीवन के लिए आवश्यक है। विद्यालय की प्राचार्या डॉ. मीता सक्सेना ने भी अपने विचार रखते हुए बताया कि संस्कृत भाषा कम्प्यूटर एवं अन्य आधुनिक तकनीकी क्षेत्रों में भी उपयोगी सिद्ध हो रही है। अतः विद्यार्थियों के लिए संस्कृत भाषा का अध्ययन भविष्य के लिए अत्यंत लाभकारी रहेगा। कार्यक्रम में हिन्दी शिक्षक श्री महेश वर्मा, इतिहास शिक्षक श्री अभिषेक श्रीवास्तव तथा अंग्रेजी शिक्षक श्री दिनेश वर्मा ने भी संस्कृत भाषा के महत्व को रेखांकित किया। विद्यालय के अन्य शिक्षकगणों एवं छात्र-छात्राओं ने भी उत्साहपूर्वक सहभागिता निभाई। कार्यक्रम का कुशल संचालन संस्कृत शिक्षक डॉ. धर्मेन्द्र शर्मा द्वारा किया गया।
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